" भारत में अधिकतर हा मर्द से उम्मीद होती है की वो खुद ही सेक्स एक्सपर्ट होगा। उसको ज़रूरत थी किसी से अपनी परेशानी के बारे में खुल कर बात करने की, ना की कोई महंगी वाईग्रा viagra खरीदने की।
अभिनव (असल नाम नहीं है) एक २६ साल के इन्वेस्टमेंट बैंकर हैं।
मैंने बायोलॉजी (जीव-विज्ञानं) 12 वी कक्षा तक पढ़ी थी, लेकिन जो मैंने नहीं पढ़ा था वो यह की अगर आपको कोई गुप्तांग की या जननिय सम्बन्धी परेशानी हो, तो किसे संपर्क करें और कहाँ मदद के लिए जायें।
अगर मैं लड़की होता, तो शायद मेरे लिए आसान होता। मैं स्त्रीरोग विशेषज्ञ के पास जा सकता था। लेकिन मैं तो भारतीय लड़का था - तो मुझे मेरे लिंग की या गुप्तांग की कोई परेशानी होना मुमकिन था ही नहीं! मुझे सेक्स के बारे में सब कुछ पता भी होना ही चाहिए - चाहे वो जानकारी मुझे दुसरे लड़कों से या 'गूगल' करके ही क्यूँ ना मिली हो।
मैं उसे खुश नहीं कर पाया
तो 6 महीने पहले तक, जब मेरी गर्ल फ्रेंड थी, तब हम काफी बार सेक्स करते थे। मेरे दोस्त और साथ में काम करने वाले मुझे इर्ष्या की नज़र से देखते थे। लेकिन उन्हें क्या पता था की मेरी सेक्स लाइफ को नज़र लग गयी थी।
ऐसा भी समय था जब मुझे लगा की मैं ऐसा वीर्यवान मर्द था जो की मेरी गर्ल फ्रेंड चाहती थी, और मैं इस बारे में सोचकर इतना तनाव ले लेता था की मेरा लिंग खड़ा ही नहीं हो पाता था। मुझे इस बात की भी चिंता हो गयी थी की क्यूंकि सिर्फ अपनी इसी गर्ल फ्रेंड के साथ सेक्स कर रहा था, अगर मैं उसे संतुष्ट ना कर पाया तो?
असमंजस
दो महीने पहले मेरा मेरी गर्ल फ्रेंड से ब्रेक-अप हो गया। और मैं यह स्वीकारता हूँ की मेरा यह प्रेशर की 'मैं सेक्स के बारे में सब जानता हूँ' इस ब्रेक-अप का अहम् कारण था। मैं अभी भी अपनी उस गर्ल फ्रेंड के बारे में सोचकर भावुक हो जाता हूँ. लेकिन सबसे ज़्यादा डरा देने वाली बात थी की शायद मुझमे कुछ कमी है - या शायद मेरे लिंग में कोई परेशानी है। आखिर मैं ही क्यूँ ठीक से लिंग का तनाव और लिंग प्रेवेश नहीं कर पाया, जो की शायद सभी कर पाते हैं।
मैं इस बारे में किसी से बात करना चाहता था, लेकिन कौन? मैं डॉक्टर से मिलना चाहता था और अपना चेक-अप करना चाहता था, लेकिन इन सब चीज़ों को लेकर भी मैं असमंजस में था। अगर सच में मुझमे कमी हुई तो मैं कैसे इसे झेल पाउँगा? और गर मैं डॉक्टर के पास नहीं गया तो मैं कभी भी शायद मुझे पता ही नहीं चलेगा की आखिर मेरी परेशनी है क्या।
डर जाना?
एक और परेशानी यह थी की मैं ऐसे किसी डॉक्टर को नहीं जानता था जो की पुरुष गुप्तांग विशेषज्ञ हो। मैं 'गूगल' पर भी बहुत ढूंढा और फिर एक विशेषज्ञ का नंबर मिला, जो की मेरे घर से ज़्यादा दूर भी नहीं था। मैंने पूरी हिम्मत जुटाई और उस डॉक्टर से मिलने गया। जब मैं वेटिंग रूम में घुस तो वहां बैठे आदमियों को देखकर मैं यह सोचने लगा की क्या इन सब को भी वही परेशानी है जो मुझे है? फिर मैं यह सोचने लगा की कहीं कोई जान-पहचान वाला तो मुझे यहाँ नहीं देख लेगा? क्या मुझे यहाँ से वापस चले जाना चाहिए? खैर, मैंने डॉक्टर से अपॉइंटमेंट के लिए 1000 रूपये खर्च किये थे और मेरे अन्दर के बैंकर ने मुझे ये रुपया यू ही बर्बाद ना करने दिया।
जल्दी
डॉक्टर से मिलते ही मैं संक्षेप्त में और हिचकिचाते हुए अपनी परेशानी बताई की मुझे कैसे लिंग तनाव में परेशानी आती है जब मैं अपनी गर्ल फ्रेंड के साथ सेक्स करना चाहता हूँ। वो डॉक्टर भी जल्दी में था और उसने मुझे पूरी तरह मेरे डर के बारे में बात करने का मौका ही नहीं दिया। जब मैं बोल रहा था तो वो लिख रहा था और फिर उसने बोल,"तुम बाहर की दूकान से यह 13000 रूपये की दवाई खरीद लो।" और प्रिस्क्रिप्शन देने के लिए उसने मना कर दिया. मैं दंग रह गया।
मेरे दिमाग का एक हिस्सा मुझे वो दवाई खरीदने के लिए बोल रहा था, लेकिन दूसरा हिसा इतना पैसा खर्च करने से मना कर रहा था। मैं किसी को फोन करके सलाह लेना चाहता था और पूछना था की क्या यह दवाई सही है - क्या मुझे यह दवाई खरीदनी चाहिए? लेकिन मैं अपने दोस्तों को कैसे बताऊंगा की यह 13000 की दवाई आखिर है क्या? मैं घर गया अपने आपको यह समझते हुए की मुझे कोई बीमारी और परेशानी नहीं। वो डॉक्टर ही पागल था।
लम्बी बात
घर पर मैं इन्टरनेट पर रोज़ की तरह बैठ गया। और फिर फेसबुक पर मैंने देखा की मेरा एक दोस्त प्रोस्टेट ग्रंथि कैंसर के बारे में जानकारी दे रहा था। उसने जो वेबसाइट का नाम दिया था मैंने वो देखि और मुझे उससे 'यूरोलॉजी' के बारे में पता चला, और यह भी की वो मेरे गुप्तांगों को देखकर बता सकते ही की मेरी परेशानी क्या है।
मैं डरा हुआ था लेकिन मैं 'गूगल' पर यूरोलोजिस्ट ढूंढा। और मुझे एक बुढे यूरोलोजिस्ट का पता मिला जिसने मेरी पूरी बात अच्छे से सुनी, मेरी पूरी तरह जांच करी और मुझे पूरा समय दिया। उसने मुझे कहा की मैं पूरी तरह ठीक हूँ और मुझे किसी टेस्ट की ज़रूरत नहीं। परेशानी मेरे लिंग की नहीं मेरे दिमाग की है - उसने कहा। मैं सेक्स अच्छा करूँगा या नहीं... अपनी गर्ल फ्रेंड को संतुष्ट कर पोंगा या नहीं...इन सब चीज़ों का सोचकर मैं इतना प्रेशर ले लेता था की मेरे लिंग के तनाव में परेशानी आ जाती थी - इसे 'परफॉरमेंस प्रेशर' कहते हैं। उसके बाद हमने लड़कियों के बारे में, अन्य लिंग परेशानियों के बारे में, और वापस उनसे मिलने आने के बारे में बहुत बातें करी।
मैं आशा करता हूँ की हर एक परेशानी से जूझने वाले को ऐसा डॉक्टर ज़रूर मिले। और अब मुझे तो पता ही है की मेरी गुप्तांग परेशानियों के लिए मुझे किसके पास जाना चाहिए।
यह लेख पहली बार 3 मई, 2013 को प्रकाशित हुआ था
*गोपनीयता बनाये रखने के लिए नाम बदल दिए गये हैं और तस्वीर में मॉडल का इस्तेमाल किया गया है।
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