आंटी जी: ओह्ह मेरी बिटियाI सुनकर बहुत दुख हुआ, उम्मीद करती हूं कि अब तू बेहतर महसूस कर रही होगीI इतना मत परेशान हो, तेरी आंटी जी हैं ना मदद के लिएI
सामाजिक और पारिवारिक दबाव
पुत्तर मैं समझ सकती हूं कि दो बार गर्भपात होने के बाद फ़िर से मां बनने की हिम्मत जुटाना किसी भी लड़की के लिए आसान नहीं है। गर्भपात की पीड़ा असहनीय होती है। समाज और परिवार से भी तुझ पर फ़िर से मां बनने के लिए दबाव पड़ रहे होंगें। हमारे समाज में मां बनने के बाद ही महिला को पूर्ण नारी का दर्जा दिया जाता है। शायद यही वजह है कि तुझ पर मां बनने के लिए इतना ज़ोर डाला जा रहा है।
मां ना बनने की सही वजह ढूंढ़ो
गुंजीत बेटा, सबसे पहले यह बताओ कि तू दोबारा मां क्यों नहीं बनना चाहती है? क्या तुझे फ़िर से बच्चा गिरने का डर है? तुम फ़िर से हिम्मत क्यों नहीं जुटा पा रही हो? गर्भपात के लिए कहीं तुम खुद को जिम्मेदार तो नहीं मान रही हो? कहीं तुझे यह तो नहीं लग रहा है कि तूने अपने पति और परिवार को निराश कर दिया। अगर तू ऐसा कुछ सोच रही है तो पुत्तर यह सच नहीं हैI गर्भपात एक घटना की तरह है जो किसी भी महिला के साथ हो सकती है। इसलिए इसके लिए खुद को दोषी मत ठहराओ। हमारा शरीर मशीन नहीं है और कभी-कभी शरीर में इस तरह की घटनाएं हो जाती हैं। लोगों की बातों से अपने मन को आहत मत होने देI
बेतुकी सलाह
मैं समझ सकती हूं कि तुझे लोगों के सवालों का जबाव देना पड़ता होगा। लोग तुझे बेमतलब की सलाह भी दे रहे होंगे। कोई तुझे शनिवार को काला कपड़ा पहनने की सलाह देगा तो कोई शाकाहारी बन जाने की। ये वाकई हास्यास्पद और बेकार की बातें हैं। सच तो यह है कि इस वक्त तुझ पर और तेरे पति पर जो बीत रही है उसे कोई दूसरा नहीं समझ सकता। इसलिए तुम दोनों एक दूसरे के साथ रहो और अपने मन की हर बात एक दूसरे के साथ साझा करने की कोशिश करोI
जल्दबाजी में निर्णय मत लो
अपने आप से यह सवाल पूछ कि तुझे तुम्हें बच्चा चाहिए या नहीं। अभी तू जिन हालातों से गुज़र रही है उसमें फिर से मां बनने के लिए तैयार होना आसान नहीं है। लेकिन तुझे यह निर्णय लेना है कि तू अभी कुछ समय के लिए बच्चा नहीं चाहती या जीवन भर मां नहीं बनना चाहती। यह दोनों अलग-अलग मुद्दे हैं। अपने पति से इस पर खुलकर बात करो। इतना बड़ा निर्णय लेने में जल्दबाजी मत करो गुंजीत और संभव हो तो फ़िर से मां बनने के बारे में सोचो। तू कोशिश करेगी तभी गर्भपात का डर तेरे दिमाग से जाएगा। इसलिए समय लेकर अपना निर्णय लो।
सिर्फ़ अपनी खातिर अपने पति से बात करो
बेटा जी, मैं खुद के अनुभव से बता रही हूं कि बातचीत से सभी समस्याएं सुलझ जाती हैं। इसलिए इस बारे में अपने पति से बात करो। तेरा पति ही जीवन भर तेरे साथ रहेगा और वही तेरे हर सुख-दुःख में साथी रहेगाI वो तुझसे प्यार करता है इसलिए तुझे मां बना देखना चाहता है। मैं जानती हूं यह तेरे लिए बिल्कुल आसान नहीं है, और तेरे पति को भी यह बात समझनी चाहिए। हो सकता है कि अपने पति से अपने दिल की बात कहने से तेरा मन हल्का हो जाए। इसके अलावा माता-पिता बनने के किसी दूसरे रास्ते के बारे में भी अपने पति से बात कर सकती हो।
तुम्हारे शरीर पर तुम्हारा पूरा हक है
दिल छोटा नहीं करते गुंजीत। मां-बाप बनने में पति-पत्नी दोनों की भूमिका होती है। इसलिए कह रही हूं तुम दोनों मिलकर निर्णय लो। अंततः यह तुम्हारा शरीर है। इस पर तुम्हारा ही अधिकार और हक है। इसलिए अपने आप को दोष मत दो और जल्दबाजी में निर्णय मत लो। अगर निर्णय लेने में दिक्कत हो रही हो तो बच्चे के बारे में बात करना बंद कर दो और पति के साथ सिर्फ प्यार-मोहब्बत और सेक्स की बातें करो। इसपर तुम दोनों को आपत्ति नहीं होगी और निर्णय लेना आसान हो जाएगा।
नाम बदल दिए गए हैं
तस्वीर के लिए मॉडल का इस्तेमाल किया गया है
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