kiss on first date
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पहली डेट पर ही मुझे किस करना चाहता था, मैंने साफ़ मना कर दिया

द्वारा Arunima Rana जनवरी 11, 06:36 बजे
अर्चना लंबे समय से एक बड़े शहर में रहती हैं और इस दौरान उन्होंने कभी भी अपने आपको असुरक्षित और कमज़ोर महसूस नहीं कियाI लेकिन जब वो पहली बार टिंडर पर एक लड़के से मिली तो उनका अनुभव बेहद डरावना थाI उनकी कहानी के बारे में और जानने के लिए आगे पढ़े...

अर्चना (परिवर्तित नाम) 29 साल की फिल्म निर्माता हैं जो दिल्ली में रहती हैंI

टिंडर, आखिरकार!

मैं आठ साल से एक गंभीर रिश्ते में थी और उसके टूटने के बाद मेरे लिए एक और प्रतिबद्ध रिश्ते में बंधना मुश्किल थाI हम दोनों स्कूल के दिनों से साथ थे और शायद यही वजह थी कि रिश्ता टूटने के चार साल बाद भी मैंने किसी को भी अपने उतने करीब नहीं आने दिया थाI हालांकि उसके बाद मेरे दो बॉयफ्रेंड रह चुके थे लेकिन दोनों से ही मैंने कुछ ही महीने बाद कोई ना कोई बहाना बना कर रिश्ता तोड़ लिया थाI

मेरे दोस्तों को हमेशा इस बात की चिंता रहती थी कि मेरे जीवन में प्यार की कमी हैI मेरे फ़ोन पर टिंडर डाउनलोड करवाने से लेकर उनकी पहचान के हर सिंगल लड़के के साथ मेरा सम्बन्ध जुड़वाने तक वो हर संभव कोशिश करते रहते थेI उनकी देखा-देखी मेरी माँ ने भी मुझ पर 'एक अच्छा सा पढ़ा- लिखा लड़का ढूंढने' के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया थाI अचानक से सबने मेरे जीवन पर इतनी दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी थी कि मुझे घुटन होनी शुरू हो गयी थीI

मुझे टिंडर से कोई ख़ास दुश्मनी नहीं थी और ना ही मैं किसी को डेट करने के ख़िलाफ़ थीI बस मुझे यह लगता था कि फ़ोन पर लिख-लिख कर कोई कितनी बातें कर सकता हैI मैं आमने-सामने बैठ कर बात करना ज़्यादा पसंद करती हूँ और मुझे लगता है कि कोई लड़का असल में मेरा दिल जीतने की कोशिश करे तो ज़्यादा अच्छा होगा, बजाय इसके कि पूरे दिन फ़ोन पर ही समय बर्बाद करते रहेंI वैसे भी मुझे सेक्सटिंग और फ्लिर्टिंग में कोई ख़ास दिलचस्पी नहीं थीI लेकिन फ़िर भी उनका दिल रखने के लिए मैंने टिंडर के लिए अपनी स्वीकृति दे ही दीI

मना करने में भी मज़ा है

मेरे पास लड़को से दूर रहने का एक और कारण थाI दिल्ली जैसे शहर में महिलाओं को अजनबियों से बात करने में थोड़ी असुरक्षा तो महसूस होती ही है, लेकिन टिंडर को लेकर मेरे दोस्तों, खासकर महिलाओं के विचार बेहद उन्मुक्त थेI

जब मैंने टिंडर इस्तेमाल करना शुरू किया तो जैसे वहां लड़को की भरमार थीI मुझे तरह-तरह के लड़को के अजीब-अजीब सन्देश आने शुरू हो गए थे और वो सब मेरे दोस्त बनना चाहते थेI दुःख की बात यह थी कि उनमे से कोई भी लड़का मुझे पसंद नहीं आया थाI तो मैं सबको मना करती रहती थी और उसमें मुझे बड़ी खुशी मिलती थी, हाँ यह मलाल भी रहता था कि यहाँ कोई अच्छा लड़का क्यों नहीं हैI

करीब दो हफ़्ते बाद मैं ध्रुव नाम के एक लड़के से मिली जो मुझे बाकियो से अलग लगाI वो बेहद मज़ाकिया था और उससे बात करने में मुझे मज़ा आने लगा थाI ऐसा लग रहा था कि ध्रुव को पता है कि कब क्या बात करनी हैI मैं उससे बात करने के लिए उत्सुक रहने लगी और फ़िर हमने मिलने का फैसला कियाI

कुछ ज़्यादा ही अच्छा

मैं देर रात बाहर नहीं रहना चाहती थी इसलिए हम दोनों ने 8 बजे मिलने का फैसला कियाI रेस्तरां भी मैंने ही चुना थाI वो सही समय पर आ गया था और दिखने में भी अच्छा थाI उसने बड़ा अच्छा परफ्यूम लगाया हुआ था और बातें तो अब वो और भी अच्छी कर रहा थाI वो थोड़ा उतावला और उत्साहित ज़रूर लग रहा था लेकिन उसके व्यक्तित्व में ऐसा कुछ भी नहीं था जिससे मैं असहज होतीI

वो मेरी हर बात बहुत ध्यान से सुन भी रहा थाI मुझे तो इतना अच्छा लग रहा था की विश्वास ही नहीं हो पा रहा था कि इतने अच्छे लड़के आज भी हैंI हालांकि मुझे बहुत मज़ा आ रहा था लेकिन मैंने अभी तक उसके साथ सेक्स करने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया थाI मुझे इस बात का भी अंदाजा नहीं था कि उसके मन में क्या चल रहा थाI

वैसे तो सब कुछ अच्छा था लेकिन फिर भी आगे बढ़ने से पहले मैं उससे दोबारा मिलना चाहती थीI मैं शायद अभी भी उसके साथ पूरी तरह सहज नहीं हो पाई थीI

संभल के कदम

वैसे भी मैं ध्रुव से पहली बार मिल रही थीI हमें बातें करते हुए काफ़ी समय हो गया था और खाना भी खा चुके थेI मुझे लग रहा था कि आज की इस अच्छी मुलाकात को यही समाप्त करके अगली बार इस लड़के से दोबारा मिलना चाहिएI मैं अपने लिए गाड़ी बुक करने ही वाली थी कि ध्रुव ने कहा वो भी मेरे घर की तरफ़ ही जा रहा है और मुझे छोड़ देगाI उसने पूछा कि क्या वो मेरे घर आ सकता है, जिसके लिए मैंने बड़ी ही विनम्रता से और मुस्कुराते हुए मना कर दियाI मैंने यह ज़रूर कहा कि अगर वो चाहे तो हम दोबारा मिल सकते हैं और मेरे ख्याल से उसने उस समय तो मुस्कुराते हुए, "ज़रूर मिलेंगे" कहा थाI

गाड़ी चलाते हुए उसने पुछा कि क्या उसको घर नहीं आने देने का मेरा इरादा अटल है? "मैं सिर्फ़ संगीत सुनते हुए एक बियर पीना चाहता हूँ" उसका कहना थाI मैंने एक बार फ़िर मना कर दिया और अब मुझे उसके साथ बैठना थोड़ा असुविधाजनक लग रहा थाI वो रास्ते में सिगरेट लेने के लिए रुका और बैठते ही उसने मेरा चुम्बन लेने के लिए अपना मुँह आगे कर दियाI मैंने झट से मुंह फेर लियाI

फ़िर वही गलती

दो मिनट के बाद मैंने उसे कह दिया कि मैं इसके लिए अभी तैयार नहीं हूँI उसने भी मुझसे माफ़ी माँगी और अपना पूरा ध्यान कार के स्टीयरिंग पर कर लियाI वातावरण में एक अजीब सी खामोशी हो चुकी थीI मैं जल्द से जल्द घर पहुंचना चाहती थीI

उसने मुझसे दोबारा बात करनी शुरू कर दी, लेकिन अब तो मुझे उसकी बातें भी अच्छी नहीं लग रही थीI ऐसा नहीं था कि मुझे उस पर गुस्सा आ रहा था बस एक अजीब सी बैचैनी हो रही थीI भगवान् का शुक्र था कि मेरा घर पास ही था और हम जल्दी ही घर पहुँच गए थेI अभी मैं उसे गुज़री शाम के लिए शुक्रिया करने की औपचारिकता पूरी ही कर रही थी कि उसने फ़िर मुझे किस करने की कोशिश कीI लेकिन इस बार की कोशिश पिछली बार की तुलना में ज़्यादा आक्रामक थीI मैंने उसे धक्का दिया और भाग कर अपने घर में घुस गयीI

मुझे पीछे से उसकी आवाज़ सुनाई दे रही थी, शायद वो माफ़ी मांग रहा थाI लेकिन अब मुझे उसकी कही किसी भी बात का फ़र्क़ पड़ना बंद हो गया थाI उसने करीब 10 मिनट तक मेरा इंतज़ार किया और फ़िर वहां से चला गयाI

ध्रुव ने उसके बाद से मुझसे बात करनी की कोई कोशिश नहीं की हैI मैं अभी भी टिंडर पर हूँ, लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं करती हूँI मुझे नहीं पता कि मैं फ़िर कभी किसी और लड़के से टिंडर पर या फ़िर किसी और वेबसाइट पर बात करने की कोशिश करूँगीI

 क्या आपको भी ऑनलाइन डेटिंग से जुड़ा ऐसा कोई बुरा अनुभव हुआ है? या फ़िर आपको अपनी पसंद का साथी ऑनलाइन मिला हो? अपने अनुभव नीचे लिखकर या फेसबुक के ज़रिये हमें ज़रूर बताएं I अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो हमारे चर्चा मंच का हिस्सा बनेंI

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इतना आपका है इतना बकवास ही सबसे हो जी कौन हो कहां से आपसी आप सेक्स के बारे में बोले आप कहां से बोल रहे हैं बिना जानकारी आपको कैसे मिला ओके बाय
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