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विकलांगता की वज़ह से प्यार अधूरा रह गया

प्यार एवं रिश्ते
विनीता को पता था कि अंकुर से उन्हें शायद ‘आई लव यू टू’ सुनने को कभी नहीं मिलेगा। लेकिन फिर भी वह उसे दिल से चाहती थीं। क्या यह उसकी बेवकूफी थी? उन्होंने लव मैटर्स इंडिया से अपनी कहानी साझा की।

भगांकुर: एक लड़की के इस ‘लव बटन’ से जुड़ी सारी महत्त्वपूर्ण जानकारी

हमारा शरीर
आज लव मैटर्स आपको महिलाओं के उस विशेष अंग के बारे में बताने जा रहा है जिसका काम चुपचाप सिर्फ़ ऑर्गेज्म देना है। क्या कमाल का काम हैI

क्या द्विलैंगिक  महिलाएं हमेशा सेक्स चाहती हैं?

यौन विभिन्नता
अधिकांश पुरुषों का मानना है कि ऐसी महिलाएं जो स्त्री और पुरुष दोनों की तरफ आकर्षित होती हैं, हमेशा शारीरिक संबंध बनाने के लिए तैयार रहती हैं। क्या आपको लगता है कि इस धारणा में कोई सच्चाई है? आइये जाने क्या है सच क्यूंकि महिलाओं कि एक बड़ी तादाद को इन बातो से बहुत चोट पहुंचती हैI

बॉयफ्रेंड का पता चलते ही पापा ने मुझे मारा, कृपया मेरी मदद करें!

प्यार एवं रिश्ते
जब मेरे पापा को मेरे बॉयफ्रेंड के बारे में पता चला तो उन्होंने मुझे बहुत माराI शायद मुझसे भारी भूल हो गयी हैI मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मुझे क्या करना चाहिए? गीतिका, 19 वर्ष, सहारनपुर

मुख मैथुन: मज़ा महिलाओं को ज़्यादा आता है या पुरुषों को?

सेक्स करने के तरीके
तो मुख मैथुन देने या पाने में क्या फ़र्क़ है? महिलाओं और पुरुषों में से कौन ज़्यादा मज़े उठाता है? जवाब देगी नवीनतम रिसर्च।

एचआईवी/एड्स: मिथ्या तोड़ो - भाग 1

यौनसंचारित रोग (एसटीडी) और यौनसंचारित संक्रमण (एसटीआई)
बहुत से लोग एड्स से डरते है। उनके पास डरने की वजह भी है। लेकिन जहाँ डर होता है, वहां उस डर से जुडी कई गलतफहमियां भी प्रचलित हो जाती हैं। हम यहाँ उन् गलतफहमियों को दूर करने का प्रयास करेंगे, और साथ ही इस सम्बन्ध में आपकी जानकारी और आत्मविश्वास को बढ़ाने की भी।

बैचलर पार्टी में नादानी मुझे यौन रोग दे गयी

सुरक्षित सेक्स
क्या हो अगर आपको यौन रोग हो जाएI वो भी एक ऐसे समाज में जहाँ सेक्स के बारे में बात करना भी पाप हो? रांची में रहने वाले 20 वर्षीय अमित ने उस रात एक वैश्या के साथ अपना कौमार्य तो खो दिया, लेकिन उस घटना ने उसे आत्महत्या तक पहुंचा दियाI आगे पढ़ें कि क्या अमित बच पाया...

जी हाँ, हम सभी महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा को बढ़ावा देते हैं : आइये बताएं कि कैसे आप इसे रोक सकते हैं

उत्पीड़न
हर तीन में से एक महिला ने अपने जीवनकाल में हिंसा का अनुभव किया हैI जब हम महिलाओं के विरूद्ध हिंसा के बारे में सोचते हैं, तो अकसर हम अजनबियों द्वारा महिलाओं का बलात्कार किया जाना या उनके ससुराल वालों द्वारा उन्हें जला दिए जाने को ही हिंसात्मक व्यवहार का दर्जा देते हैंI हालांकि यह सच है, लेकिन हिंसा रोज़ होने वाली कुछ 'सामान्य' परिस्तिथियों में भी हो सकती है, जिसे हम अकसर अनदेखा कर देते हैं, क्यूंकि शायद वो हमें महत्त्वहीन लगती हैI लेकिन ऐसा नहीं हैI हमारे ऐसा करने से अनजाने में हम एक ऐसी सभ्यता बनाने में योगदान दे रहे हैं जिसमें महिलाओं के विरूद्ध हिंसा बढ़ती जा रही है और इसलिए हम सभी की ज़िम्मेदारी बनती है कि इसे बदलने में भी अपनी भूमिका निभाएंI इस हिंसा की संस्कृति को खत्म करने के लिए हम ऐसे शुरआत कर सकते हैंI