दिल्ली में रहने वाले 26 वर्षीय सार्थक पेशे से उद्यमी हैं। उन्होंने लव मैटर्स इंडिया को अपनी और मेघा की कहानी सुनाते हुए बताया कि कैसे बिना किसी कटिबद्धता की डोर से बंधे उनके और मेघा के संबंध आज भी बेहतर बने हुए हैं।
मेरे माता-पिता की पसंद के एक लड़के से ज़ल्द ही मेरी शादी होने वाली है। लेकिन शादी से पहले मैं किसी दूसरे लड़के के साथ सेक्स करना चाहती हूं, जिसे मैं पसंद करती हूं, लेकिन मैं उससे शादी नहीं करना चाहती। क्या ऐसा करना ग़लत है? बी, 24 वर्ष, कानपुर
मासिक धर्म के दौरान खून को सोखने के लिए आमतौर पर कपड़ा, कपड़े के पैड, सैनिटरी नैपकिन, टैम्पोन और मासिक धर्म कप का इस्तेमाल किया जाता है। महिलाएं अपनी सुविधा और किफ़ायत के अनुसार माहवारी से जुड़े उत्पादों का चुनाव करती हैं। हालांकि इनमें से सभी को संक्रमण और बैक्टीरिया से मुक्त रखने के लिए अच्छी तरह से साफ करने की ज़रूरत पड़ती है।
रीमा और साहिल ऑनलाइन मिले थे और उन्होंने एक-दूसरे को कभी नहीं देखा था। ठंड और धुंध भरी जनवरी की उस रात रीमा ने नई दिल्ली से ट्रेन द्वारा कोलकाता पहुंचकर साहिल को सरप्राइज देने का फ़ैसला किया। उत्तर भारत में रहें वाले लोगों को मालूम है कि सर्दियों में यहां यात्रा करना कितना हिम्मत का काम है। रीमा ने हमें लव मैटर्स को बताया कि क्यों वो उस रात को कभी भी नहीं भूल पाएंगीI
आमतौर पर हर पति पत्नी के बीच तकरार और लड़ाई होती ही है। लेकिन अधिक देर तक मनमुटाव रखने से रिश्तों में कहीं ना कहीं कड़वाहट आ जाती है। इसलिए झगड़े को जल्दी से जल्दी सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए। हम यहां आपको कुछ टिप्स बता रहे हैं जिसे आजमाकर आप आपसी झगड़े को आसानी से सुलझा सकते हैं।
2019 आपके लिए खुशियों से भरा और बेहद रामांटिक हो सकता हैI यदि आप पार्टनर या प्यार की तलाश में हैं तो विज्ञान के कुछ बेहतरीन तरीकों की मदद से आपकी तलाश पूरी हो सकती है।
अधिकांश संस्कृतियों में, जिसमें हमारी भी शामिल है, पहली बार सेक्स करने को बहुत सवालिया नज़रों से देखा जाता हैI शायद ऐसा विर्जिनिटी या कौमार्य खोने की हमारी धारणाओं की वजह से हैI यह अवधारणा मिथकों से भरी हुई है और अक्सर इसे केवल 'महिलाओं की समस्या' माना जाता हैI कुछ गलत धारणाओं से पर्दा उठाने और कौमार्यता के बारे में और जानने के लिए पढ़िए कुछ ख़ास महत्त्वपूर्ण तथ्यI
शादी के लिए ‘लड़की दिखाना’ जैसी प्रथा से बचने के लिए चंद्रिका ने एक स्थानीय अखबार में अपनी शादी के लिए खुद ही विज्ञापन दे डाला। ‘आत्मनिर्भर और कामकाजी वधू के लिए सुयोग्य वर की आवश्यकता : जाति की कोई बाध्यता नहीं।’ तो क्या चंद्रिका को उनका जीवनसाथी मिला? सुनिए चंद्रिका की कहानी उसी की ज़बानी।