आपने कभी सोचा है, प्रेग्नेंसी कैसे होती है? डॉ कुमार ने अमित से पूछा। उसने श्रेया की तरफ़ जबाव के लिए देखा। अगर आप भी ठीक से नहीं जानते कि प्रेग्नेंसी कैसे होती या यह जानना चाहते हैं कि इसे कैसे रोका जा सकता है, तो इसे पढिए।
किसी को किस करना और उसके करीब रहना अच्छी बात है लेकिन कोरोना वायरस डिजीज (कोविड-19) के टाइम हम लव मैटर्स भी किस और प्यार में परहेज की सलाह देते हैं!
कोरोना वायरस यौन संचारित रोग या एसटीआई नहीं है इसलिए यह सेक्स करने से नहीं फैलता है। हालांकि सेक्स के दौरान शारीरिक संपर्क जैसे हाथ, मुंह, जीभ और जननांगों के संपर्क में आने से यह वायरस फैल सकता है। इसलिए यदि आप संक्रमित व्यक्ति के साथ रोमानी हो रहे हैं तो आप भी इस वायरस के चपेट में आ सकते हैं। इस बारे में अधिक जानने के लिए पढ़ें यह आर्टिकल।
अरुण ने स्नेहा से जो पैसे उधार मांगें थे, वह कोई छोटी रकम नहीं थी, इसके बावजूद स्नेहा उसे मना नहीं कर पायी। वह अरुण से बेहद प्यार करती थी और किसी भी तरह उसकी मदद करना चाहती थी। इसके लिए स्नेहा ने किसी और से पैसे उधार लेकर अरुण को दिया। लेकिन आगे जो हुआ उसने स्नेहा की ज़िंदगी बदल दी। उन्होंने लव मैटर्स इंडिया के साथ अपनी कहानी साझा की।
सुरक्षित यौन संबंधों का ख्याल रखने की ज़िम्मेदारी हमेशा लड़कों पर ही क्यों हो! अब तो महिलाओं के लिए भी गर्भ नियंत्रण के कई विकल्प उपलब्ध है। लव मैटर्स आपको फीमेल कंडोम से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में बताने जा रहा है।
क्या यह एक वुमन हॉस्टल हैं या किसी अस्पताल का यूनिट में या कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों का सेल (मुझ पर हँसिएगा मत, टाइम ही खराब चल रहा है, मैं अकेली नहीं हूँ जिसके दिमाग में 24x7 कोरोना वायरस ही चलता रहता है।) यहाँ बहुत भीड़ है और सारी औरतें बहस कर रहीं हैं। दरवाजे की घंटी बजती है और कमरे में बहस और बढ़ जाती है। ये सब क्यों लड़ रहीं हैं, हम कहाँ हैं?
मुझे अपने बॉयफ्रेंड के रूप में कोई केयरटेकर नहीं चाहिए। जिस आदमी को मैं अपने लिए चुनूँ, वह मुझे प्यार और आदर दे , मेरी यही चाहत है। मुझे रूमानी डेट्स पर जाना, फूल, मूवी, हाथों में हाथ डाले घूमना, एक दूसरे से लिपटना, चूमना प्यार में ये सब चाहिए था। यह समझना लोगों के लिए इतना मुश्किल क्यों है कि जो भी उन्हें चाहिए हो सकता, वही मैं भी चाहती हूँ। उसी तरह प्यार में पड़ना और प्यार पाना। ये बातें सृष्टि ने राइज़िंग फ्लेम से कहीं।
हम एक विकलांग, क्वियर और ट्रांस कपल हैं। हमें अपने अस्तित्व के लिए रोज़ समाज से लड़ना पड़ता है। हमें मालूम है कि न्यूक्लियर फेमिली (एकल परिवार) की मान्यता को मानने वाला यह समाज हमारे रिश्ते को कभी स्वीकार नहीं करेगा। हमारी कहानी वैसी नहीं है जैसा आप बॉलीवुड फिल्मों में देखते हैं। हमारी पहली डेट पर सबसे अच्छी चीज़ ये थी कि हमने एक दूसरे के संघर्षों और अनुभवों का बहुत सम्मान किया। शिवांगी ने राइजिंग फ्लेम के साथ अपनी कहानी साझा की।
फिल्म थप्पड़ ऐसे कई घरों की अंदरूनी सच्चाई उजागर करती है जहां पुरुषों को सब कुछ करने की छूट होती है, यहां तक कि शारीरिक शोषण भी, लेकिन इसके बावज़ूद भी उनके ऊपर कोई उंगली नहीं उठा पाता।