Margarita with a straw
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सेक्स और विकलांगकता

द्वारा Devi Boerema अप्रैल 28, 02:39 बजे
दुनिया भर में अपार वाहवाही लूटने के बाद, शोनाली बोस की फ़िल्म 'मार्गरिटा विद अ स्ट्रॉ' (Margarita with a straw) अब भारत के सिनेमाघरों में प्रदर्शित करी जा रही है।

भारत जैसे देश में जहाँ विकलांगों के लिए सिनेमाघर में जाकर फ़िल्म देखना भर ही एक दुःस्वप्न जैसा है, वहाँ के लोगों के लिए एक ऐसी प्रेम कहानी रूपहले परदे पर देखना जो एक विकलांग पर आधारित है, निश्चित रूप से एक अलग अनुभव होगा।

फ़िल्म निर्देशक और पटकथा लेखक शोनाली बोस ने बचपन में काफ़ी समय अपनी चचेरी बहन मालिनी के साथ बिताया था। मालिनी के प्रमस्तिष्क प्रक्षाघात (सेरिब्रल पाल्सी) से पीड़ित होने के बावजूद दोनों बहनों को कभी भी यह आभास नहीं हुआ कि उनकी ज़िंदगियां अलग है। वो सब कुछ साथ में किया करती थी, फिर चाहे वो नाचना हो, तैराकी के लिए जाना हो या फिर बाहर घूमने जाना। जब वो बड़ी हुई तो दोनों बहने पढ़ने के लिए विदेश चली गयीI

शोनाली को लगता था कि ऐसा कुछ भी नहीं है जो दोनों में अलग है। लेकिन जब मालिनी ने यह मांग की कि वो अपने चालीसवें जन्मदिन पर सेक्स करना चाहती है तो इस बात ने शोनाली को झकझोर कर रख दिया। उन्हें शायद पहली बार एहसास हुआ कि दोनों बहनों के जीवन बेहद अलग है।

सेक्स पर पाबंदी

शोनाली कहती हैं, "हमारे परिवार में सबके साथ एक सामान बर्ताव किया जाता था और आगे बढ़ने के उपयुक्त अवसर दिए जाते थे। बस एक ही विषय ऐसा था जिसके लिए अवसर तो दूर, उस बारे में बात करना ही निषेध था, और वो था - सेक्स।" उनका मानना है कि यह ज़रूरी है कि सेक्स और उससे जुड़ी बातों को दूसरी सामान्य बातों की तरह ही लिया जाना चाहिए।

मालिनी की उनके जन्मदिन पर की गयी मांग ने ही शोनाली को प्रेरित किया की वो 'मार्गरिटा विद अ स्ट्रॉ' बनाएं। यह एक युवा लड़की की कहानी है जो आत्म-अन्वेषण के लिए न्यूयॉर्क आती है और एक लड़की से प्यार कर बैठती है। शोनाली की पहली फ़िल्म अमु भी काफ़ी संवेदनशील विषय पर थी, जो की एक राजनीतिक परिदृश्य पर बनी थी और जातिसंहार पर आधारित थीI लेकिन संवेदनशीलता के मामले में 'मार्गरिटा विद अ स्ट्रॉ' शायद उनकी पहली फ़िल्म से कहीं ऊपर है।

"हालाँकि मेरा ऐसा उद्देश्य नहीं था लेकिन लोगों ने मुझे बताया है कि मेरे किरदारों के विकलांगो होने से उन्हें उनके समलैंगिक होने से ज़्यादा हमदर्दी हुई", ऐसा शोनाली का कहना है।

सेक्स से जुड़ी बातें

शोनाली कहती हैं कि सेक्स के बारे में जानकारी देने में सिनेमा की एक बहुत ही मेहत्त्वपूर्ण भूमिका है। सेक्स से सम्बंधित जानकारी सिर्फ सुरक्षित सम्भोग तक ही सीमित नहीं है बल्कि युवाओं को यह भी पता होना चाहिए कि सेक्स का आनंद उठाने का सही तरीका क्या है।

"अगर हम युवा लड़कियों की बात करें तो उनके लिए हस्तमैथुन के बारे में चर्चा करना मानो अपराध है। और यही दृश्य मार्गरिटा विद अ स्ट्रॉ के सबसे स्वछन्द दृश्यों में से एक है।"

यह कठिन चरित्र कल्की कोएचलिन्कल्की कोएचलिन् ने निभाया है। लैला के अपने किरदार में जान डालने के लिए उन्होंने ना सिर्फ मालिनी के साथ करीबी समय बिताया बल्कि विकलांग लोगों के लिए काम करने वाली एक संस्था में स्वयंसेवक भी बनी और खुद काफ़ी समय व्हीलचेयर पर व्यतीत किया।

"इस फ़िल्म से पहले मुझे सेरिब्रल पाल्सी के बारे में ज़्यादा कुछ पता नहीं था लेकिन मैंने इसे बनाने के दौरान बहुत कुछ सीखा है। हमारे देश में विकलांगता के बारे में ना सिर्फ अज्ञानता है बल्कि इन लोगों के लिए मूलभूत ज़रूरतों का भी अभाव है।"

हमारी ज़िम्मेदारी

कल्की, जिन्होंने औरतों को सशक्त बनाने के लिए हमेशा आवाज़ उठाई है, इस फ़िल्म में उन बेड़ियों को तोड़ने की कोशिश करती नज़र आती हैं जिनमें लैला का किरदार अपने आप को जकड़ा हुआ पाता है। यह फ़िल्म आपको ज़िम्मेदारी उठाने और परिपक्व बनने के लिए प्रेरित करती है और यह सीख देती है कि आपको आप जैसे भी हैं, आपको खुद पर गर्व होना चाहिए और खुद से प्यार करना चाहिए। किसी और से प्यार करने से पहले खुद से प्यार करना ज़रूरी है।

'मार्गरिटा विद अ स्ट्रॉ' जीवन से जुड़े पाठों के बारे में है। यह यौन-शिक्षा पर आधारित कोई नीरस फ़िल्म नहीं है बल्कि एक मज़ेदार फ़िल्म है। हालाँकि दोनों कल्की और शोनाली यह मानती हैं कि सेक्स सम्बंधित जानकारी देने में फ़िल्म समुदाय की एक मेहत्त्वपूर्ण भूमिका है। "मेरे ख्याल से सभी को यौन-शिक्षा सम्बंधित अधिकारों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। फिर चाहे वो अभिभावक हों, स्कूल के अध्यापक हों, या हमारे जैसे कलाकार। या फ़िर कोई भी जो हमारे बच्चों और भविष्य की चिंता करता हो।

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Comments
मैं खुद एक सेरेब्रल पॉलसी के कारण विकलांग जन हु मेरी वाइफ भी विकलांग है हम दोनों की एक बेटी है वह भी विकलांग है कई बार जीवन मे कुछ खाली 2 लगता है लेकिन हमदोनो पति पत्नी एक दूसरे को समझने की कोशिश करते है आप की कहानी से एक नई प्रेरणा मिली है
अपूर्व कुमार नौटियाल जी, हमें बेहद ख़ुशी है कि आपको यह लेख पसंद आया। कुछ कहना चाहते हैं, पूछना चाहते हैं तो हमारे मॉडरेटर्स को यहाँ: https://letstalk.lovematters.in/en/forum लिखिए। हमसे यूँही जुड़े रहिये। धन्यवाद!
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