आंटी जी कहती हैं, 'बेटा तूने कहीं ना कहीं ज़रूर पढ़ा या सुना होगा कि असुरक्षित सेक्स क्या होता है और उसके क्या नतीजे हो सकते है? पता है ना? तां फेर कि कित्ता यह?'
इंतज़ार कर
बेटा जी, डरने से कोई फ़ायदा नहीं है। इससे कुछ नहीं मिलेगा। अब तुझे एक टेस्ट करवाना होगा। इसमें एक छोटी सी दिक्क़त है। वो यह कि तुझे कम से कम 3 महीने रुकना पड़ेगा। तभी पता चल पायेगा तेरे संक्रमित होने का। ओये, किथे गिर ना जाई!
इस वायरस को तीन महीने लगते है 'एंटी बॉडी' टेस्ट में नज़र आने में, सबसे आम है एलिसा और रैपिड टेस्ट। यह तू किसी भी सरकारी हस्पताल में मुफ़्त में करवा सकता है। तू गुमनाम रह कर भी यह करवा सकता है लेकिन नाम बताने पर भी तेरी सारी जानकारी गुप्त रखी जायेगी, बस एक कमरा ढूंढना पड़ेगा जिससे टेस्ट हो सके। हमारे सरकारी हस्पतालों का हाल तो तुझे पता ही होगा, एक ही तरीका है कुछ भी पता करने का, एक दुसरे से पूछताछI
वैसे तुझे थोड़े और सलाह मशवरे की ज़रुरत हैI तू एक और टेस्ट करवा सकता है जो तुरंत हो जायेगाI इसका नाम है एंटीजेन टेस्ट, लेकिन यह चुनिंदा चिकित्सालयों में ही उपलब्ध हैI इसके लिए तुझे तीन महीने रुकने की भी ज़रुरत नहीं है, लेकिन फ़िर भी 3 या 6 महीने के अंतराल के बाद एक और टेस्ट करवाने के लिए बोला जायेगा, समझा?
आग से खेलना
पुत्तर, अब तुझे सारा ज्ञान तो मिल ही गया है, लेकिन अब तू कुछ सवालों के जवाब देI यार इतना बड़ा रिस्क लेने की क्या ज़रूरत है? सिर्फ कुछ देर के मज़े के लिए? अब तू कहेगा कि तुम दोनों इसके लिए तैयार थेI बेटा तैयार होना अच्छी बात है लेकिन ऐसी तैयारी भी किस काम की जिसमें रत्ती भर भी सुरक्षा ना होI
तेरे जैसे लड़को की तरह कुछ कमली कुड़ियाँ भी होती है जो पूरी ज़िंदगी सुरक्षित सेक्स के झंडे लेकर मोर्चे निकालती रहती है लेकिन जैसे ही एक 'लवर बॉय' आया नहीं कि 'रिक्वेस्टअं पाइयाँ ने' और झंडों के हो जाते हैं अंडेI
अपनी सारी अक्ल और समझदारी को ताक पर रख कर, बेवकूफ़ों की तरह अपने चालाक प्रेमियों की चिकनी चुपड़ी बातो में आ जाती हैं और 'प्यार' के चक्कर में या तो अपनी जान ज़ोखिम में डाल देती हैं या फ़िर अनचाहा गर्भधारण कर लेती हैंI
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