जब कोई पुरुष सेक्स के चरम तक जल्दी पहुँच जाए और उस पर उसका नियंत्रण न रह सके और यह नियंत्रण की कमी उसके और उसके साथी के लिए एक समस्या बन जाए तो इसे शीघ्रपतन की समस्या कहा जाता है।
एक महत्वपूर्ण बात यह है कि शीघ्रपतन सिर्फ पुरुषों की समस्या नहीँ है बल्कि यह युगल की समस्या है। आखिरकार हस्तमैथुन करते हुए शायद ही कोई पुरुष इस बात पर ध्यान देता होगा कि 'स्टॉपवॉच" पर ध्यान देता होगा।
यह बात साफ़ है कि शीघ्रपतन की समस्या का किसी भी पुरुष के सेक्स जीवन और उसके प्रेम संबंधो पर प्रभाव रहता है। परन्तु शीघ्रपतन को लेकर महिलाओं की सोच को लेकर ज़्यादा रिसर्च नहीं हुई है।
और यही कारण था कि शोधकर्ताओं के एक अंतर्राष्ट्रीय दल ने महिलाओं से इस संबंध मेँ उनसे उनके विचार जाने। इस अध्ययन मेँ भाग लेने वाले 1500 लोगों को मेक्सिको, इटली और साउथ कोरिया से चुना गया। चुनी हुई सभी महिलाओं के साथी शीघ्रपतन की समस्या से जूझ रहे थे। शोधकर्ता यह जानना चाहते थे कि जल्दी चरम तक पहुंच जाने की इस समस्या को क्या ये महिलाएँ असल मेँ समस्या मानती हैं? और यदि हाँ, तो क्यों? इन महिलाओं से यह भी पूछा कि उनके अनुसार सेक्स की आदर्श अवधि क्या होनी चाहिए।
23 मिनट का सेक्स
40 प्रतिशत महिलाओं का मानना था कि पुरुष का अपने चरम पर नियंत्रण होना जरुरी है। हर पांच मेँ से एक महिला का कहना था कि उनके पुरुष साथी के शीघ्रपतन की समस्या से उन्हें निराशा थी। लेकिन उनकी इस निराशा का कारण इस समस्या से जूझ रहे पुरुषों के लिए एक अच्छी खबर है। निराशा शीघ्रपतन से नहीं, बल्कि इस बात से थी कि सेक्स के दौरान उनके पुरुष साथी का सारा ध्यान केवल चरम को नियंत्रित करने पर केंद्रित था। इस हद तक, कि उन्हें लगता था कि उनके पुरुष साथी अपने आपको नियंत्रित करने कि इस जंग में उन्हें नज़रअंदाज़ कर रहे थे, और इस वजह से महिलाओं का चरम तक पहुंचना मुश्किल हो जाता था।
महिलाओं के लिए सेक्स की आदर्श अवधि कितनी होनी चाहिए? 23 मिनट! रिसर्च में यही औसत संख्या उभर कर आई। फोरप्ले 23 मिनट की इस अवधि का हिस्सा नहीं था। महिलाओं के अनुसार इतना समय अपने साथी से जुड़ाव महसूस करने और ओर्गास्म तक पहुँचने के लिहाज से पर्याप्त था।
विभिन्नता और सृजनत्मकता
अलग अलग सभ्यताओं से आई महिलाओं की एक ही राय थी- अच्छा सेक्स केवल लिंग प्रवेश के बारे में ही नहीं है। 70 प्रतिशत महिलाओं ने माना कि शयनकक्ष में प्रयोग और सृजनात्मकता सबसे महत्वपूर्ण थी, उन 45 प्रतिशत की तुलना में जिनके अनुसार सम्भोग का अंतराल महत्वपूर्ण था।
महिलाओं ने कहा कि सेक्स के नज़रिये से बेहतर प्रेमी वही है जो बिस्तर में चुम्बन, स्पर्श और बाकि उत्तेजन को उचित महत्त्व दे। इसलिए जब कोई पुरुष केवल चरम को रोकने की प्राथमिकता के साथ शयनकक्ष में हो तो संभव है कि वो अपने साथी को नज़रअंदाज़ कर बैठे। और अगर ऐसा हुआ तो यह निराशाजनक होगा, है ना?
अगर शोधकर्ताओं की मानें तो शीघ्रपतन की फ़िक्र महिलाओं से ज़्यादा खुद पुरुषों को ही रहती है।