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मोनोरचिज़म: अंडकोष में से जब एक हो गायब, पांच तथ्य

मोनोरचिज़म वो अवस्था है जब एक पुरुष के पास केवल एक ही वृषण होI ऐसा अकसर तब देखा जाता है जब एक अंडा, अंडकोष में ना जाकर शरीर के अंदर ही कहीं छुपा रह जाता हैI लापता हुए इस अंडे के बारे में जाने कुछ और प्रमुख तथ्यI
  1. आमतौर पर वृषण वहीं होता है, शरीर के अंदर
    बच्चा पैदा होने के एक या दो महीने पहले, जब नवजात शिशु का विकास हो रहा होता है, वृषण अंडकोष में गिर जाते हैं। लेकिन लगभग 20 मामलों में से एक मामले में ऐसा होता है कि किसी एक या कभी-कभी दोनों अंडो की यह यात्रा पूरी नहीं हो पातीI हालाँकि एक या दो महीने के बाद वो वृषण अपने आप अंडकोष में खिसक जाता हैI अगर ऐसा अपने आप नहीं होता तो भी इसे सर्जरी के साथ ठीक किया जा सकता हैI यदि यह सर्जरी के ज़रिये भी संभव नहीं हो पाता तो भी वो बच्चा एक ही वृषण के साथ बड़ा हो सकता है और एक सामान्य जीवन जी सकता है।
     
  2. प्रजनन पर प्रभाव स्पष्ट नहीं हैं
    दोनों वृषणों का शरीर के बाहर एक थैली में मौजूद रहने का कारण है उनका शरीर के तापमान से कम रहना जिससे उन्हें शुक्राणु पैदा करने में आसानी होI तो अगर एक वृषण अंडकोष की जगह शरीर के अंदर ही रह गया है तो यहाँ यह कहना तर्कसंगत होगा कि उस वृषण का तापमान शुक्राणु पैदा करने के लिए शायद सही नहीं होगाI तो क्या मोनोरचिज़म से प्रभावित पुरुष बांझ हैं? कुछ लोग ऐसा नहीं मानतेI विशेषज्ञों का कहना है कि एक पुरुष एक वृषण से भी इतने शुक्राणु उत्पन्न कर सकता है जो एक महिला को गर्भवती करने में सक्षम हैंI लेकिन यह एक विवादास्पद मुद्दा है, क्योंकि कुछ विशेषज्ञों ऐसे भी हैं जो मानते हैं कि मोनोरचिज़म से बांझपन हो सकता है
     
  3. इससे मर्दानगी में कोई कमी नहीं आती
    सिर्फ एक वृषण होने से ना तो आपकी मर्दानगी में कोई कमी आएगी और ना ही आप के हावभाव लड़कियों जैसे हो जाएंगे क्यूंकि एक वृषण इतने हारमोन पैदा करने में सक्षम है जिससे आप उन सारे "मर्दाना" लक्षणों का प्रदर्शन कर सकते हैं जिनसे यह पता चल जाए कि आपके टेस्टोस्टेरोन का स्तर बिलकुल सामान्य हैI 
     
  4. इम्प्लांट है एक विकल्प
    ज्यादातर मामलों में, एक वृषण होना कोई गंभीर समस्या नहीं होतीI लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप इसके बारे में कुछ भी नहीं कर सकते, या नहीं करना चाहिए। जैसे, कई लोग अपना एक वृषण कैंसर की वजह से निकलवा देते हैं, तो उनके लिए वृषण प्रत्यारोपण एक रास्ता हैI लेकिन ऐसे कृत्रिम वृषण जटिलताएं पैदा कर सकते हैं - सिलिकॉन जेल से भरे प्रत्यारोपण में रिसाव हो सकता है, जैसे स्तन प्रत्यारोपण के साथ होता है। एक अन्य विकल्प है  लवणयुक्त घोल से युक्त इम्प्लांट है - वैसे कुछ लोग तो स्टेनलेस स्टील या टाइटेनियम का भी इस्तेमाल करते हैं!
     
  5. इससे वृषण कैंसर का ख़तरा हो सकता है
    एक ही वृषण होने से वृषण कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता हैI वैसे तो सामान्य पुरुषों में केवल 10,000 में से 1 के साथ ही ऐसा होने की संभावना होती है लेकिन मोनोरचिज़म से प्रभावित पुरुषों में यह संख्या 2000 में लगभग 1 तक बढ़ जाती है। यही कारण है कि कई विशेषज्ञों का मानना है कि जितनी छोटी उम्र में सुधारात्मक सर्जरी करा ली जाए उतना ही अच्छा होता हैI

स्त्रोत:

www.betterhealth.vic.gov.au

www.ncbi.nlm.nih.gov

www.nytimes.com

books.google.co.in

www.everydayhealth.com

www.cancer.net

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