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पुरुष और उर्वरता सम्बंधित समस्याएं: पांच मुख्य तथ्य

जो लोग सोचते हैं की उर्वरता की समस्या केवल महिलाओं तक ही सीमित है, उन्हें एक बार फिर सोचने की ज़रूरत हैI अनुर्वरता के हर तीसरे मामले में कारण पुरुष से सम्बंधित होती हैI

पुरुषों की अनुर्वरता के कई कारण हैंI लव मैटर्स ने इस विषय पर कुछ तथ्य संग्रहित कियेI

  1. बात सिर्फ शुक्राणु की हैअगर बात संख्या की हो तो पुरुषों का योगदान सचमुच बहुत अधिक हैI हर वीर्य स्खलन के साथ करीब 200-300 मिलियन शुक्राणु प्रवाहित होते हैं, हालाँकि अंडे तक उनमे से केवल 40 प्रतिशत शुक्राणु ही पहुँच पाते हैंI अधिकतर शुक्राणु योनि के अम्लीय लक्षण या फिर गलत नली की और प्रवाहित होने के कारण नष्ट हो जाते हैंI सबसे दिलचस्प तथ्य ये है कि दरअसल गर्भ ठहरने के लिए केवल एक ही शुक्राणु काफी होता हैI क्यूंकि आसान दिखने वाली ये प्रक्रिया इतनी जटिल है, अक्सर शुक्राणुओं का अंडे को न भेद पाना ही पुरुषों के अनुर्वर होने कि वजह बन जाती हैI मूल कारण यही है, वजह अलग अलग हो सकती हैं, जैसे कि शुक्राणु का आकर असामान्य होना, शुक्राणु कि संख्या कम होना, वीर्य कि मात्र में कमी या फिर शुक्राणु प्रवाह कि धीमी गतिI
  2. अनुर्वरता के और कारणशुक्राणु और वीर्य के अलावा कुछ और भी कारण देखे जाते हैं, जैसे कि शुक्राणु नली के साथ कुछ समस्या होना, अनुवांशिक विकार, रेडिएशन, हार्मोन सम्बंधित समस्या, मोटापा, मधुमेह या तनावI इसके अलावा लिंग के तनाव में समस्या होना या असामान्य स्खलन प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही खेल बिगाड़ सकते हैंI कुछ चिकित्सीय कारण जैसे तेज बुखार, अधिक ब्लड प्रेशर या कैंसर भी उर्वरता पर बुरा असर डालते हैंI यदि एक साल तक प्रयास करने पर भी आपको परनिाम नहीं मिल पा रहा है तो अब आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिएI
  3. स्वस्थ जीवन शैली= बढ़ी हुई उर्वरताअनुर्वरता कि समस्या से निजात पाने के कई पेचीदा तरीके हैंI लेकिन कुछ आसान से रोज़मर्रा के जीवन के बदलाव भी हैं जो पुरुषों की इस समस्या का संधान करने में मदद कर सकते हैंI पहला कदम है शराब और सिगरेट को छोड़ देना, या फिर धूम्रपान से जुड़ा और व्यसन जैसे की गांजा या चरसI इस तरह की गतिविधि शुक्राणु की संख्या पर बुरा असर डालती हैंI आपको व्यायाम के ज़रिये अपने आपको फिट रखना चाहिए, न कम न ज़्यादाI क्यूंकि ज़रूरत से ज़्यादा मोटापा या वजन बहुत कम होना, दोनों स्थति उर्वरता के नज़रिये से प्रतिकूल हैंI इसके अलावा संतुलित आहार और विटामिन को अपने रोज़ के जीवन में ढाल लेना आवश्यक हैI
  4. बढ़ती उम्र और उर्वरताहालाँकि शुक्राणु की उर्वरता में 40 की उम्र के बाद कुछ गिरावट आना शुरू हो जाती है, लेकिन कई मामलों में 90 साल की उम्र के पुरुष भी बच्चा पैदा करने में सक्षम हुए हैं! शुभ समाचार ये है उम्र के साथ गिरती उर्वरता के कारणों को स्वस्थ जीवन शैली के ज़रिये टाला जा सकता हैI
  5. आधुनिक जीवन शैली का असर उर्वरता पर भीलैपटॉप से निकलने वाली गर्मी आपके शुक्राणुओं पर बुरा असर डाल सकती हैI यदि आधुनिक खान पान से आपका वजन बढ़ गया है तो संभव है की आपके शुक्राणुओं की संख्या में कमी आ गयी होI यदि आप गर्भ के लिए प्रयास कर रहे हैं तो सौना और गर्म बाथ टब सही नहीं हैंI अधिक गर्मी से शुक्राणु अंडकोष में ही नष्ट हो सकते हैंIबहरहाल, इन् सभी चीज़ों का शुक्राणु पर बुरा असर होता है या नहीं, ये अभी परिक्षण के अधीन हैI एक बार इन् प्रयोगों के नतीजे आ जाएं, ये भी संभव है की आप इन् सभी की और फिर से रुख कर पाएंI हालाँकि शुक्राणु का सबसे बड़ा दुशमन तनाव हैI तनाव नपुंसकता या लिंग के तनाव की समस्याओं की वजह बन सकता हैI यदि आधुनिक जीवन शैली ने हमें तनाव के माहौल में जीने के लिए मजबूर कर दिया है तो हमें अपने जीवन में बदलाव लेन के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिएI

प्रेग्नेंट होने के लिए हमारी कुछ टिप्सI

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