आपके दफ्तर में एक लड़की है और आपका दिल उस पर आ गया है। महीनो के इंतज़ार के बाद आखिर आप हिम्मत जुटा कर उसे कॉफी के लिए मिलने को कहते हैं। वो हाँ कह देती है और आपकी पहली मुलाकात अच्छी हो जाती है। अचानक सब कुछ सही सा हो जाता है।
लेकिन आपको अभी भी भरोसा नहीं हो पाता कि वो वाकई आपकी दीवानी है। क्या आप उसके साथ अपना हर मनोभाव बांटते हैं? या फिर खुद अंदाज़ा लगाने के लिए उस पर छोड़ देते हैं? शायद कई लोग आपको सलाह देंगे कि यदि आप उसका दिल जीतना चाहते हैं तो आपको 'मुश्किल से मिल सकने वाली चीज़' बनना चाहिए। लेकिन क्या इस तरकीब के असरदार होने का कोई सबूत है? इस अध्ययन से शायद आपको इस सवाल का जवाब मिल सकेगा।
शोधकर्ताओं ने इस अध्यन लिए 50 ऐसी कॉलेज में पढ़ने लड़कियों का चयन किया जो फेसबुक का इस्तेमाल करती थीं। फिर इन्हें बताया गया कि इनकी और कुछ और महिलाओं की फेसबुक प्रोफाइल हमने कुछ लड़कों को दिखाई, और उन लड़कों की राय जानी।
उसके बाद हर एक लड़की को 4 लड़कों की प्रोफाइल तस्वीर दिखाई गयी। इनमे से कुछ से कहा गया कि इन चार लड़कों को आपकी प्रोफाइल बहुत पसंद आई। लड़कियों के दूसरे दल से कहा गया कि उनकी प्रोफाइल इन लड़कों को औसत लगी। और आखिरी दल को कुछ नहीं बताया गया, खुद अंदाज़ा लगाने के लिए छोड़ दिया गया। उन्हें बिलकुल नहीं पता था कि इन लड़कों को वो आकर्षक लगीं या नहीं।
मनमोहक लड़के
अगले चरण मेँ इन लड़कियों से पूछा गया की ये लड़के उन्हें कैसे लगे, और क्या इन के साथ डेट करने मेँ इन लड़कियों कि कोई दिलचस्पी होगी? उनसे यह भी पूछा गया कि इन लड़कों के खयाल उनके दिमाग मेँ कितनी बार आते हैं? शोधकर्ताओं को यह जानकर आश्चर्य नहीँ हुआ कि इन महिलाओं को वो लडके पसंद आए जो इन्हें आकर्षक मानते थे बजाय उनके जिनकी नज़र में वे औसत थीं। लेकिन जो लड़के सबसे ज्यादा पसंद किए गए ये वही रहस्यमयी लड़के थे जिनकी राय इन महिलाओं को बताई ही नहीँ गई थी। यह बात सामने निकल कर आई कि महिलाओं के दिमाग मेँ वही लड़के छाए हुए थे जिन्होंने अपनी पसंद-नापसंद बताई नहीँ थी। यह लडकियाँ अधिकतर समय यही अंदाजा लगाने की कोशिश करती रहती थीं कि क्या वो उन लड़कों को पसंद आई होंगी, उनकी प्रोफाइल तस्वीर इन लड़कों को कैसी लगी होगी।
अनिश्चितता का सुख
तो क्या वजह थी कि लड़कियों को वो लड़के ज्यादा पसंद थे जिनकी पसंद के बारे मेँ अंदाजा ही नहीँ था। शायद इसकी वजह है अनिश्चितता का मजा! जब हमें यह पता नहीँ होता कि हम दूसरे व्यक्ति को पसंद आएंगे या नहीँ क्या हमारी पहली मुलाकात आखरी मुलाकात होगी, यहाँ फिर से मिलेंगे तो शायद ऐसे मेँ उस व्यक्ति के ख्यालों को अपने दिमाग से निकाल पाना मुश्किल बन जाता है। और उन्हें लगने लगता है, "शायद मैं इस लड़के को पसंद करती हूँ, क्योंकि मैं अक्सर उसके बारे में ही सोचती रहती हूँ," शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला। लेकिन रहस्यमयी महिलाओं का क्या? क्या लड़कों की पसंद का रुझान भी लड़कियों जैसा होता है? चूँकि इस अध्यन में केवल लड़कियां ही शामिल थीं, इसलिए शोधकर्ता फिलहाल इस बारे में कुछ पक्के तौर पर नहीं कह सकते।
बहरहाल, अगर आपका दिल किसी पर आया है तो उस लड़की के सामने थोडा रहस्यमयी सा बन जाना शायद आपका काम आसान कर दे।
क्या 'मुश्किल से मिलने वाली चीज़' होने का फायदा मिलता है? अपनी राय यहाँ या फेसबुक पर बताएं।