रोमा (परिवर्तित नाम) 27 साल की पटना निवासी व्यसायी हैंI
"शादी के तीन खुशनुमा साल, लेकिन अब तक ओर्गास्म के सुख ने अनभिज्ञI क्यूंकि मैंने कभी उस एहसास को अनुभव ही नहीं किया था, मैं अनजान थी कि मैं किस चीज़ से वंचित रह रही हूँI और मैं सोचती थी कि सब कुछ एक दम सही हैI'
"अपनी सहेलियों को भी मैं यही बताती थी कि मेरी सेक्स लाइफ कमाल कि हैI हाँ ये सच है कि जब ओर्गास्म कि बात आती थी तो मैं ज़रा कौतुहल महसूस करती थी कि आखिर ये है क्या बाला जिसके बारे में बात करते में सहेलियां इतनी उत्साहित हो जाया करती थीI जब मैं उनके किस्से सुनती थी मुझे थोड़ी ईर्ष्या ज़रूर होती थी, कि काश मैं भी ये एहसास अनुभव कर सकूँI"
रचनात्मकता का पुरुस्कार
"तरह तरह के प्रयोग न करना कारण नहीं था, अंकुश, मेरे पति और मैं लगभग सभी कुछ करके देख चुके थेI जैसे कि फोरप्ले और मज़ा बढ़ाने के लिए तरह तरह के कंडोमI मेरे अनुसार तो हमें बिस्तर में नए नए प्रयोग करने के लिए पुरुस्कार मिलना चाहिए था, लेकिन असली पुरुस्कार, ओर्गास्म कभी मेरे हाथ नहीं लग पा रहा था जबकि अंकुश को हर बार ऑर्गैस्म होता ही थाI"
"और मैं जानती थी कि कहीं न कहीं अंकुश को मेरी इस उलझन का एहसास था और वो अपने आप को ज़िम्मेदार मानते थेI लेकिन ऐसा नहीं थाI अंकुश एक सौम्य और निस्वार्थी पार्टनर थे, फिर चाहे वो ज़िन्दगी हो या बैडरूमI मुझे उनका खुद को दोषी समझना खाए जा रहा थाI मैं उन्हें खुश करने के लिए ओर्गास्म की एक्टिंग करके उन्हें धोखा नहीं देना चाहती थीI
एक समस्या
"मैं पढ़ा था की महिला को ओर्गास्म होने में पुरुष से ज़्यादा समय और मेहनत लगती है, लेकिन तीन साल? अब तो मेरी भी उम्मीद टूटने लगी थीI शायद मैं ही मनहूस थी और सेक्स का असली सुख मेरी तकदीर में लिखा ही नहीं थाI"
"अंकुश और मैं इस बारे में कभी कभी मज़ाक भी किया करते थेI जैसे कि, 'मैं तुम्हे किसी और पुरुष से सेक्स करने की इजाजत दूंगा और उस इंसान को पैसे भी दूंगा अगर तुम्हे ओर्गास्म हो जाये तो!' और मैंने पलट के कहा,'अगर ओर्गास्म हो जाये तो उससे बड़ा इनाम और क्या होगा?' हमने हंसी में टालने कि कोशिश तो कि लेकिन असल में ये मेरी खुशनुमा ज़िन्दगी पर एक काला दाग बनता जा रहा थाI"
सबसे बड़ा इनाम
"एक दिन ऐसे ही साथ में लेते हुए अंकुश अपनी उँगलियाँ मेरी पीठ और गरदन पर फिरा रहे थेI मुझे अजीब सी गुदगुदाहट होने लगी और मेरी नब्ज़ कि रफ़्तार बढ़ गयीI मेरी प्रतिक्रिया देख कर अंकुर ने भी अपने हाथों को मेरे पूरे शरीर पर और ज़्यादा ध्यान से चलना शुरू कर दियाI"
जहाँ एक हाथ कि उँगलियों से वो सौम्यता से मेरे शरीर पर चला रहे थे वहीँ दूसरे हाथ कि उँगलियाँ मेरी योनि के अंदर अपना जादू चला रही थीI ये एहसास नया था और बेहद अलगI मुझे हर छुअन पर मानो एक अलौकिक आनंद मिल रहा थाI मैं उस एहसास में बिलकुल खो चुकी थीI
उन्होंने अपनी उंगलीओं को धीमे से अंदर बहार डाला और जो अहसास मुझे तब हुआ, मैं जान गयी की अब तक मेरे कमाल की सेक्स लाइफ में क्या कमी थीI वही तो था ओर्गास्मI मैं काफी देर तक उस असीम आनंद से उबर ही नयी पायीI कुछ पल बाद जब मैं मानो होश में आई तो मैं एक नयी शर्म से लाल थी और अंकुश के चेहरे पर एक ख़ुशी की मुस्कराहट थीI
अंत में मैं जान गयी की अब तक हम दोनों के बीच में क्या नहीं थाI सही तरीके से की गयी छुअन अपना जादू चला गयी और नतीजा शब्दों में बयान करना असंभव है!
(इस तस्वीर में मॉडल रोमा नहीं हैI)
क्या आपको भी ओर्गास्म होने में परेशानी होती है? अपने विचार यहाँ लिखिए या फेसबुक पर हो रही चर्चा में हिस्सा लीजियेI