अगर मेंस्ट्रुअल कप से मेरी वर्जिनिटी टूट गई तो क्या होगा आंटी जी?
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अगर मेंस्ट्रुअल कप से मेरी वर्जिनिटी टूट गई तो क्या होगा आंटी जी?

द्वारा Auntyji जुलाई 10, 04:10 बजे
नमस्ते आंटी जी, मैंने सैनिटरी नैपकिन से होने वाले साइड इफैक्ट्स के बारे में पढ़ा है और इसलिए मैं मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करना चाहती हूं लेकिन मुझे डर लगता है। कहीं मेरी वर्जिनिटी ना खत्म हो जाए। कोमल, 20 साल, जयपुर

आंटी जी कहती हैं-

कोमल बेटा, तुम्हारा सवाल पढ़कर मुझे थोड़ी निराशा हुई। नहीं, नहीं तेरे कारण नहीं बल्कि समाज की सोच के कारण कि आज भी लोग लड़कियों की वर्जिनिटी, योनी की झिल्ली आदि बातों पर भरोसा करते हैं, जबकि सच्चाई कुछ और ही है। लेकिन, चलो कई बात नहीं। मैं हूं ना, तुम्हारी सारे सवालों के जवाब देने के लिए क्योंकि चिंता की बात थोड़े है, अब जिसे जो सोचना है- सोचे। हमें वहीं करना चाहिए, जो हमारी इच्छा करे।

चलो, अब काम की बात करते हैं। तो, कोमल बेटा, तुमने बिल्कुल सही कहा कि कुछ रिसर्च बताती हैं कि सैनिटरी पैड लेना हानिकारक हो सकता है लेकिन ये बात भी सच है कि सैनिटरी पैड को लेकर जिस तरह से लोगों को जागरूक किया गया है, उससे भी मुंह नहीं मोड़ा जा सकता। शायद यही कारण है कि लोग अब सैनिटरी पैड्स को लेकर बहुत कंर्फोट वाले हो गए हैं मगर है तो वो थोड़ा प्लास्टिक का न - है ना? 

मुझे तो तेरी लत लग गई

तुम्हारी बात तो सही है कि मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करना चाहिए लेकिन अभी भी कई लड़कियों के लिए इसका इस्तेमाल करना मुश्किल हो सकता है क्योंकि सैनिटरी पैड की आदत लग चुकी है और आदत है, जाते-जाते ही जाएगी। तुम्हें याद है, एक एडवरटिजमेंट - दाग है, जाते-जाते ही जाएगा। तो ऐसी ही आदत- इस पैड की भी है।

मन में अनेक शंका होने के कारण अगर तुम सैनिटरी पैड का ही इस्तेमाल करना चाहती हो, तो भी ठीक है लेकिन तुम अगर चाहो तो कुछ सुरक्षित पैड खरीद सकती हो, जिसमें केमिकल ना हो। जैसे- कपड़े के बने पैड्स क्योंकि इसमें केमिकल नहीं होते और इसे बार-बार धोकर इस्तेमाल भी किया जा सकता है। हां, मैं मानती हूं पुत्तर जी कि इसे धोना थोड़ा मुश्किल हो सकता है लेकिन क्या करें, अब अपना ही खून है, तो साफ तो करना पड़ेगा ना! और अगर मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करने की सोच रही हो बेटा जी, तो उसे भी तो धोना ही पड़ेगा।

बड़ी मुश्किल है बाबा!

अब बेटा जी, मैं तुम्हें एक बात बताऊं कि कई लड़कियां तो चाह कर भी मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल नहीं कर पाती, क्योंकि वो बिल्कुल तुम्हारी तरह ही सोचती हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे उनकी वर्जिनिटी खत्म हो जाएगी! या योनि का साइज बड़ा हो के फैल जाएगा या योनि ढीली हो जाएगी।

अब आप ही बताएं, हम क्या करें? सॉरी-सॉरी बेटा जी, एक गाना याद आ गया था क्योंकि मुझे लगा कि तुम्हारे मन में यही गाना चल रहा होगा लेकिन असलियत भी यही है ना कि आज भी लोग पूछते हैं- अगर झिल्ली टूट गई, तो मेरा पति क्या बोलेगा, लोग क्या कहेंगे आदि। यही कारण है कि मेंस्ट्रुअल कप को लेकर लोग जागरूक नहीं हो पा रहे और सैनिटरी पैड का बिजनेस चलते जा रहा है। लेकिन एक बात बता - क्या वर्जिन होना सिर्फ लड़कियों के लिए ही सोचा जाता है?

विर्जिनिटी का भूत! 

दरअसल पुत्तर विर्जिनिटी को सिर्फ़ लड़कियों का मुद्दा समझा जाता है और एक आम धारणा बनी हुई है कि इसका सम्बन्ध योनि से हैI यह भी मान्यता है कि इसमें लिंग का योनि में प्रवेश होना शामिल है क्यूंकी इससे महिला का हाइमन टूट जाता है और उसका कौमार्य भंग हो जाता है - वही सदियों पुरानी घिसी पिटी मानसिकताI

और बस पुत्तर हम यही मार खा जाते हैंI अगर हम सिर्फ़ 'परिभाषाओं' की बात करें, जो विभिन्न लोगों के लिए विभिन्न हो सकती हैं, तो जिस व्यक्ति के पास कोई भी यौन अनुभव नहीं है, वो वर्जिन है लेकिन क्या किसी ने भी कभी किसी पुरुष को यह कहते हुए सुना है कि 'मैंने तुम्हारे लिए अपनी सबसे कीमती चीज़ दांव पर लगा दी'! अरे भैया कोई आईफोन के बारे में बात थोड़ी हो रही है!

लेकिन ऐसा इसलिए है क्योंकि बरसों से कौमार्य को केवल स्त्री और उसके हाइमन के टूटने से ही जोड़ा जाता रहा है, और दुर्भाग्यवश यही विर्जिनिटी से जुड़ा सबसे बड़ा मिथक है! बेटा क्या तुझे पता है कि कई ऐसी महिलाएं भी हैं, जिन्हें हाइमन होता ही नहीं है और कइयों का साइकिल चलाते हुए हुए या खेल कूद के दौरान ही टूट जाता है!

और पुत्तर हाइमन कोई सील नहीं है, जिसको तोड़ के पुरुष के लिंग को अंदर जाना होता है। वो तो बस योनि के आसपास एक त्वचा है। सोच अगर कोई सील होती तो पीरियड्स कैसे होते और वहां से पीरियड्स के टाइम पर खून कैसे आता? 

किसी प्रमाण की ज़रुरत नहीं

मुझे लग रहा है कि तू कह रही होगी कि आंटी जी वो सब तो ठीक है लेकिन यह तो बताओ कि मेंस्ट्रुअल कप या टैम्पोन यूज़ करने के बाद मैं वर्जिन रहूंगी या नहीं? वही तो बता रही हूं पुत्तर - कौमार्यता या विर्जिनिटी किसी प्रकार के सैनेटरी प्रोडक्ट से भंग नहीं हो सकतीI यह तो एक एहसास है कि आप अपने आपको कैसे देखते हैं या खुद के बारे में क्या सोचते हैं।

अगर तुझे लगता है कि मेंस्ट्रुअल कप या टैम्पोन का इस्तेमाल ना करके तू अपनी विर्जिनिटी को सहेज कर रख रही है, तो यह एक व्यक्तिगत पसंद और निर्णय का मामला है।

मुझे तो आज तक यही नहीं समझ आया कि कौमार्यता को लेकर इतनी बहस क्यों होती है - भई कोई आंटी जी को भी तो बताये कि आखिर माजरा है क्या! हम लड़कियों को किसी ठप्पे की ज़रुरत नहीं है पुत्तर इसलिए इसको इतना गंभीरता से मत लेI

किफायती है मामला

एक बात बताना कोमल बेटा कि अगर कहीं सेल लगती है, तो मज़ा आता है ना! जी करता है कि हाय, अपने लिए अच्छे-अच्छे कपड़े बिना क्वालिटी से समझौता किए खरीद लूं। मुझे भी सेल वाले दिन बहुत मज़ा आता है! अब अगर हम एक मेंस्ट्रुअल कप खरीदते हैं, जो कम से कम दो-तीन साल तक चलता है। इसका मतलब तो यही हुआ ना कि एक ही सामान खरीदने से छुट्टी।

साथ ही मेंस्ट्रुअल कप तो पर्यावरण के लिए भी इको-फ्रेंडली है क्योंकि पैड के तरह बार-बार फेंकने की चिंता से एकदम छुट्टी! और बार-बार पैड के गीलेपन के कारण बदलने से भी छुट्टी क्योंकि एक मेंस्ट्रुअल कप लगभग 10-12 घंटे तक खून को इक्ट्टा कर सकते हैं लेकिन हां, ये सबके पीरियड फ्लो के हिसाब से अलग-अलग भी हो सकता है।

इसके अलावा पुत्तर जी, तुम चाहो तो एक मेंस्ट्रुअल कप खरीदकर घर में रख लो ताकि सामान अगर नज़र के सामने रहे, तो ट्राई करने के नाम पर इस्तेमाल करने की बात सोची जा सकती है। ध्यान रखना बेटा जी कि मेंस्ट्रुअल कप खरीदते वक्त उसकी क्वालिटी के बारे में अच्छे से पढ़ना जरूरी है। उसकी साफ-सफाई कैसे करनी है क्योंकि अधिकांश तौर पर मेंस्ट्रुअल कप को गुनगुने पानी से धोया जाता है और तुम चाहो तो उसमें कोई एंटी-सेप्टिक भी मिला डालो ताकि इंफेक्शन का खतरा कम हो जाए।

वर्जिनिटी की चिंता छोड़ो

कोमल बेटा, अगर बाद में तुझे पता चले कि सैनिटरी पैड लेना बहुत हानिकारक है या मान लो कि सैनिटरी पैड्स अगर मिलने ही बंद हो जाए और लड़कियों को मेंस्ट्रुअल कप का ही इस्तेमाल करना पड़े या ऐसे सोचो कि अगर तुम्हारी मां ने या तुमने ही बिना सोचे-समझे पहले ही मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल शुरू कर दिया होता, तो क्या आज इस बात की चिंता होती कि मैं वर्जिन नहीं हूं या मेरी वर्जिनिटी टूट गई? नहीं ना?

तो अभी इस बारे में इतना सोचकर परेशान क्यों होना? तुमसे प्यार करने वाला अगर कोई नेक बंदा होगा ना, तो उसे केवल तुमसे प्यार होगा, तुम्हारी वर्जिनिटी से नहीं और हां, तुम अपने मन को बिल्कुल मत मारो बल्कि जब तुम्हें कंर्फोट महसूस हो, तुम मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करना शुरू करो क्योंकि कोई हमारे बारे में क्या सोच रहा है, इससे हम खुद की लाइफ या खुद की फीलिंग्स के साथ समझौता क्यों करें? ये गाना गुनगुनाओ- मुझे क्या परवाह इस दूनिया की…. और हां तुम इन लड़कियों की कहानी भी पढ़ो जो मेंस्ट्रुअल की कहानी सुना रही हैं। 

 

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