जोड़े कई चीज़ें एक साथ करते हैंI अब इनमें से कुछ चीज़ें मज़ेदार होती हैं, जैसे फिल्मे देखना, छुट्टियों पर जाना, देर रात आईस क्रीम खाने जाना और कुछ शायद इतनी मज़ेदार नहीं, जैसे घर के काम करना या रात के खाने के बाद साफ़-सफाई करनाI
व्यसकों का खेल का समय
इन सभी कार्यों का कोई ना कोई उद्देश्य हैI लेकिन क्यों ना कुछ ऐसा कार्य करें कि जिसका उद्देश्य ही मज़े उठाना हो? वैसे भी हम सयाने लोग बच्चो की तुलना में बेहद कम खेलते हैंI अब भई इसके कई कारण हो सकते हैं लेकिन सबसे बड़ा है समय का अभावI
असल बात यह है कि चाहे समय की कितनी भी कमी हो, जोड़ो को एक दुसरे के साथ खेलने का समय हमेशा निकालना चाहिएI शोधकर्ता मेरीडिथ वैन वळीत भी इसी सिद्धान्त में विश्वास रखती हैंI एक बार वो पिक्शनरी (एक खेल जिसमे आपको चित्र देखकर अनुमान लगाने होते हैं) खेलते हुए कुछ जोड़ो के विडियो देख रही थीI उन्होंने जाना कि 'कुछ लोग तो बेहद आनंद उठा रहे थे जबकि कुछ बड़े ही अनमने मन से खेल रहे थे'I इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर रिलेशनशिप रिसर्च कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने लव मैटर्स को दिए एक साक्षात्कार में बताया कि उसी दिन वो इस सोच में पड़ गयी थी कि वयस्क किस तरह के खेल खेलना पसंद करते हैं और उनसे उनके रिश्तों पर क्या असर पड़ सकता हैI
नवविवाहित
पहले तो उन्हें यह निर्णय लेना था कि "वयस्कों" की श्रेणी में कौन-कौन आएंगे 'तो अगर आप कोई भी कार्य कर रहे हैं, आपकी कोशिश यही होनी चाहिए कि आपको उसमे मज़ा आये - यह तो हुई पहली बात, वो समझाती हुए कहती हैं I 'दूसरा यह कि आप जब भी किसी गतिविधि में हिस्सा लें, उसे पूरे उत्साह के साथ और खूब मना लगा कर करें'I
इसके बाद वैन वळीत ने 160 नवविवाहित जोड़े ढूंढ निकालेI वो जोड़ो से एक प्रश्नावली भरवा रही थी और उसके उन्हें खिलौनों और तरह-तरह के खेलो से भरा एक डब्बा दे दिया गयाI हर जोड़े को एक दुसरे के साथ 10 मिनट खेलना था और इस दौरान वैन वळीत उनका विडियो बनाती रही जिससे की वो बाद में उनका विश्लेषण कर सकेंI एक साल बाद वही जोड़े वळीत की प्रयोगशाला में दोबारा मौजूद थेI इस बार उनको उनके रिश्ते और अपने मानसिक स्वास्थ्य से सम्बंधित कुछ सवालों के जवाब देने थेI तो जिन जोड़ो ने साथ में खेलने में समय बिताया था, क्या पिछले एक साल में उस बात ने उनके रिश्ते को बेहतर बनाया था?
ज़्यादा आनंद, कम लड़ाइयां
वैन वळीत ने जाना कि इस बात की अधिक संभावना है कि वो जोड़े एक बेहतर रिश्ते में होते हैं जो एक साथ खेलते हैंI नवविवाहितों ने बताया कि खिलौनों और अन्य खेलो के दौरान एक साथ समय बिताने से वो ना सिर्फ़ एक दूसरे के और करीब आये हैं बल्कि एक दूसरे के प्रति उनका विश्वास भी बढ़ा हैI उनकी लड़ाईयां भी कम होती हैंI
रोचक बात यह है कि इस का प्रभाव पुरुषों पर अधिक पड़ा थाI वैन वळीत कहती हैं "इससे उनका गुस्सा और व्याकुलता दोनों ही कम हुई"I
तो ऐसा क्या हो जाता है जब आप अपने साथी के साथ खेलते हैं? पहला तो यह कि यह एक तरीका है अपने साथी को बताने का कि आप उनके कितने नज़दीक महसूस करते हैंI अब आप हर किसी के साथ तो नहीं खेल सकते ना, थोड़ा असहज होगा, क्यों? साथ खेलने से आपसी तनाव भी कम होता है, वही तनाव जो छोटे-मोटे मनमुटाव से लेकर बड़ी लड़ाइयों के दौरान उत्पन्न हो जाता हैI समझ तो गए ही होंगे आप? "यह एक दुसरे से जुड़ने का एक आसान तरीका है - "इससे ना सिर्फ़ नकारात्मकता में कमी आती है बल्कि यह आपके रिश्ते को और मज़बूत और खुशनुमा बनाता है"I
कुछ सुझाव
तो आप मानते हैं कि आपको और आपके साथी को एक साथ ज़रूर खेलना चाहिए लेकिन पता नहीं कि शुरुआत कहाँ से करें? इसके लिए वैन वळीत का सुझाव यह है कि सबसे पहले तो खेल के लिये एक अलग समय निकाल लें क्योंकि अगर ऐसा नहीं करेंगे तो यह मुश्किल होगाI "बहुत से युवा जोड़े टीवी देखने में समय बिताते हैं और उन पलों में जब आपकी आँखें स्क्रीन पर हाथ रिमोट पर हों तो आप दोनों को ऐसे अवसर बहुत कम मिलेंगे जब आप एक दूसरे से उत्साही और मज़ेदार तरीके से बात कर पाएंI वैन वळीत कहती हैं "एक दूसरे से जुड़ने के अन्य तरीकें ढूंढें जो दोनों के लिए आनंददायक हो और जिनसे आप दोनों को एक दूसरे को समझने में और मदद मिलेंI"
क्या कर सकतें हैं साथ में
वैन वळीत ने नवविवाहित जोड़ो से पूछा कि वो साथ में कैसे समय बिताते हैंI यह थे कुछ जवाबI
- नाचने जाएँ
- सेक्स करें! (निस्संदेह!)
- छुपन-छुपाई या पकड़म-पकड़ाई
- चुटकुलें सुनना और सुनाना
- साथ में केक बनाना
सन्दर्भ:
- प्रेजेंटेशन: कांसेकुएंट्स ऑफ़ प्ले बिहेवियर इन एडल्ट क्लोज रिलेशनशिप्स एट द इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर रिलेशनशिप रिसर्च (आई ए आर आर) कांफ्रेंस
- इंटरव्यू विद मेरीडिथ वैन वळीत
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