वो मुझे सेक्स में संतुष्ट नहीं करता, झूठ कहती हूँ हो गया!
Shutterstock/Dinesh Hukmani/तस्वीर में मॉडल का इस्तेमाल किया गया है।नाम बदल दिए गए हैं।  

वो मुझे सेक्स में संतुष्ट नहीं करता, झूठ कहती हूँ हो गया!

"मैं कुछ बात बताना चाहती हूँ तेरे को," एक दोस्त ने मुझे हाल ही में कहा, "मैं इस व्यक्ति के साथ ऑर्गेज्म/चरमसुख न मिलते हुए भी उसको झूठ बोल रही हूँ की हो गया। क्या मैं कुछ गलत कर रही हूं? प्लीज कुछ बता न"

कुछ ऐसी थी शुरुआत 

मेरी दोस्त उस लड़के से कुछ हफ्ते पहले एक जन्मदिन पार्टी में मिली थी। उसने मुझसे कहा था कि यह पहली नजर में प्यार जैसा है लेकिन कुछ समय बाद ऐसा लगने लगा कि हम एक दूसरे को मूर्ख बना रहे हैं। मेरी दोस्त ने आगे बताया कि जब भी हम सेक्स करते हैं, तब-तब मुझे फेक ऑर्गेज्म का नाटक करना पड़ता है कि मुझे कुछ हो रहा है जबकि मुझे थोड़ी सी भी खुशी या प्लेजर का अनुभव नहीं होता है। पहले मैं ये कभी-कभी कर लेती थी लेकिन अब ऐसा करना मेरी आदत में शामिल हो गया है और मैं इससे बहुत परेशान हूं। मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं उससे कैसे कहूं कि मुझे ऑर्गेज्म महसूस नहीं हो रहा है! 

हालांकि मैंने उससे अपनी सहानुभूति जताई लेकिन ये कहीं से भी सही नहीं है कि आप फेक ऑगेज्म करो क्योंकि ये आपकी खुशी से जुड़ा मामला है। हर बार किसी के लिए झूठ का सहारा लेना और झूठ बोलकर सामने वाले को खुश करना बिल्कुल गलत है। 

ईमानदार होना गलत है

तो अब उसका इरादा क्या है क्या वो अपने प्रेमी को असलियत बता सकेगी या ये सिलसिला ऐसे ही चलता रहेगा। जब मैंने अपनी दोस्त से पूछा कि क्या तुम बताओगी कि तुम्हें ऑर्गेज्म महसूस नहीं होता इस पर उसने कहा, नहीं  बिल्कुल नहीं क्योंकि ये हम दोनों के बीच के ट्रस्ट को खत्म कर देगा लेकिन मैं कोई दूसरा रास्ता निकालने के बारे में जरूर सोचूंगी।

मैंने फिर अपनी दोस्त से पूछा, अगर वो तुम्हें अच्छे से जानता होगा, तब तो उसे समझ आ जाएगा कि तुम झूठ बोल रही हो। इस पर उसने कहा, नहीं मैं एक अच्छी कलाकार हूं इसलिए उसे कभी पता नहीं चल पाएगा। साथ ही हमेशा ईमानदार होना अच्छा नहीं होता क्योंकि अगर झूठ बोलकर रिश्तों को बचाया जा सके, तब तो बिल्कुल भी नहीं। 

उसको ट्रेनिंग दे! 

मैं उसकी बातों को लेकर बेहद दुविधा में थी कि वो ऐसा क्यों कर रही है। हो सकता है कि उसके पार्टनर को सच बताना उसके लिए एक अच्छा कदम साबित हो और वो समझ पाए कि आखिर उसकी प्रेमिका की जरूरतें क्या हैं? इस पर मेरी दोस्त ने कहा, मेरा विश्वास करो। अगर मैं उसे सच नहीं बता रही तो इसका मतलब है कि मैं उसके (प्रेमी/पार्टनर) आत्मसम्मान की रक्षा कर रही हूं। उसे ऐसा महसूस ना हो कि वो एक लड़की को संतुष्ट नहीं कर सकता है। 

कुछ वक्त बाद मुझे एहसास हुआ कि वो मेरे साथ अपनी परेशानी नहीं बल्कि ये साबित करने आई थी कि अपने पार्टनर के सामने फेक ऑगेज्म करके वो कोई गलत काम नहीं कर रही। अब मुझे यह जानने में दिलचस्पी थी कि आखिर उसने अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने के लिए कौन-सी योजना बनाई है? चूंकि वो बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं थी इसलिए उसकी योजनाएं जानने की इच्छा प्रबल हो रही थी। 

मेरी दोस्त ने पूरे आत्मविश्वास से कहा, मैं उसे बिना अपनी तरफ आकर्षित किए यह ट्रेनिंग दूंगी कि वो कैसे मेरी तरफ आए। मैं उसे एहसास कराऊंगी कि वो जैसा है, वैसा ही आश्वस्त रहे और मुझे खुश देखने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने के लिए तैयार रहे। इसमें कुछ समय लग सकता है लेकिन यह जरूर होगा। खैर, मैंने उससे कहा कि जब वह उस लड़के के साथ अपना पहला चरम सुख प्राप्त करे तो मुझे बताए। मुझे पता होना चाहिए कि उसका 'सामरिक' प्रशिक्षण काम करता है या नहीं।

जरूरी नहीं कि हमारे ब्लॉग में व्यक्त किए गए विचार लव मैटर्स के विचार हों। तस्वीर में मॉडल का इस्तेमाल किया गया है।नाम बदल दिए गए हैं।  

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गायत्री परमेस्वरन एक बहु-पुरस्कार विजेता लेखक, निर्देशक और इमर्सिव मीडिया कार्यों की निर्माता हैं। वह भारत में पैदा हुई और पली-बढ़ी और वर्तमान में बर्लिन में रहती है, जहां उन्होंने NowHere Media की सह-स्थापना की - एक कहानी सुनाने वाला स्टूडियो जो समकालीन मुद्दों को एक महत्वपूर्ण लेंस के माध्यम से देखता है। उन्होंने अपने शुरुआती वर्षों में लव मैटर्स वेबसाइट का संपादन भी किया। उनके बारे में यहाँ और जानें।

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