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थ्रीसम (तिगड़ी): इससे जुड़े 6 मुख्य मिथक

Submitted by Harish P on शुक्र, 03/24/2017 - 11:32 पूर्वान्ह
कुछ लोगों के लिए, थ्रीसम एक अद्भुत यौन कल्पना है तो दूसरों के लिए, यह एक यौन विकार हैI थ्रीसम वास्तव में होता क्या है? आइये इस बारे में और जानें और साथ तोड़े इससे जुडी कुछ गलत धारणाओं को!
  1. थ्रीसम केवल भ्रमित और द्विलैंगिक लोगों के लिए ही होता है
    थ्रीसम का अर्थ है विभिन्न लिंग के लोगों का एक साथ सेक्स करना और एक विपरीतलिंगी व्यक्ति के लिए शायद ऐसा करना बेहद रोमांचकारी होता हैI
    थ्रीसम यौन क्रिया में समलैंगिक कार्यवाही को शुरू से ही जानबूझकर सीमित रखा जाता हैI असल में एक अध्ययन ने यह दावा भी किया है कि एक साथ विभिन्न लिंग वाले कई लोगों के साथ सेक्स करना बहुत सारे विपरीतलिंगी पुरुष और महिलाओं की तीन मुख्य यौन कल्पनाओं में से एक थाI  
  2. थ्रीसम में पुरुष और महिला, दोनों ही लिंगो का होना अनिवार्य है
    ऐसा कतई ज़रूरी नहीं हैI हाँ पॉर्न फिल्मो में ज़रूर ऐसा दिखाया जाता है कि थ्रीसम का मतलब है एक पुरुष और दो महिलाओं के बीच  सेक्स होना लेकिन यह गलत हैI थ्रीसम में तीन महिलाओं या तीन पुरुषों का होना सिर्फ़ एक कोरी कल्पना नहीं है बल्कि कई समलैंगिको ने इस वास्तविकता का अनुभव भी किया हैI
  3. थ्रीसम को एक आधुनिक या पश्चिमी घटना कहा जा सकता है
    हालांकि यह सच है कि हमने पिछले 100 सालों में सेक्स के मनोविज्ञान और जीव विज्ञान की खोज में बहुत प्रगति की है, लेकिन सेक्स (यहां तक ​​कि इसके वर्जित पहलुओं का भी) ने प्राचीन काल से ही सभी मानव संस्कृतियों में एक प्रमुख स्थान पर कब्जा कर के रखा हैI
    इसलिए आज, सेक्स के बारे में बात करने को निश्चित रूप से एक 'हाल की घटना' नहीं कहा जा सकता है और तिकड़ी भी कोई अपवाद नहीं हैं! उदाहरण के लिए, ​​400 बीसी में, कामसूत्र में तीन तरह के सेक्स की बात की जा चुकी हैI प्राचीन यूनान में तिकड़ी और समूह सेक्स, दोनों का ही उल्लेख मौजूद हैI
  4. थ्रीसम सिर्फ़ सेक्स के आदि लोग ही करते हैं
    अब यह थोड़ा ज़्यादा हो गया है! थ्रीसम को उस नज़र से नहीं देखा जा सकता जिस नज़र से हम बाँडेज या अपने साथी के जननांग वस्त्र पहनने की सनक को देखते हैंI हाँ यह सच है कि यह थोड़ा असामान्य ज़रूर है और दो लोगों के बीच होने वाले सेक्स की तुलना इसमें जटिलताएं थोड़ी ज़्यादा हैं और शायद यही वजह है कि लोग इस बारे में बात करने में कतराते हैं और तभी इस बारे में इतनी कम जानकारी उपलब्ध हैI
  5. थ्रीसम हमेशा अकस्मात होता है
    समझ तो यही कहती है कि थ्रीसम को अच्छे से सोच विचार कर, योजना बना कर किया जाए तो बेहतर होगा क्योंकि इसकी पेचीदगी सिर्फ़ तीसरे साथी को ढूंढने तक ही सीमित नहीं हैI बल्कि इसे करते हुए कई व्यवहारिक पहलुओं को भी ध्यान में रखने की ज़रुरत हैI और इस बात पर भी कि आपकी सीमाएं कहाँ तक हैंI
    शुरू शुरू में दो लोगों के बीच में यौनिक तालमेल बिठाना मुश्किल हो सकता है तो आप सोच ही सकते हैं कि उनके बीच कोई तीसरा आ जाये तो मामला कितना कठिन हो सकता है!
  6. सभी थ्रीसम अनौपचारिक होते हैं
    जैसा कि हम लोग जान चुके हैं (कई बार मुश्किलों से) कि जब बात हो सेक्स की, कुछ भी सौ फीसदी अनौपचारिक नहीं हो सकताI जब अनौपचारिकता में भावनाओं का मिश्रण हो जाए तो उसे प्रेम त्रिकोण बनने में देर नहीं लगतीI और हाँ ऐसा भी नहीं है कि यह सिर्फ़ फिल्मो में ही होता है, या थ्रीसम के साथ हमेशा ही ऐसा होता हैI

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लेखक के बारे में: मुंबई के हरीश पेडाप्रोलू एक लेखक और अकादमिक है। वह पिछले 6 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्यरत हैं। वह शोध करने के साथ साथ, विगत 5 वर्षों से विश्वविद्यालय स्तर पर दर्शनशास्त्र भी पढ़ा रहे हैं। उनसे लिंक्डइन, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर संपर्क किया जा सकता है।