बिना खुद को छुए चरमसुख/ओर्गास्म मिल सकता है?
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बिना खुद को छुए चरमसुख/ओर्गास्म मिल सकता है?

द्वारा Sarah Gehrke जनवरी 31, 10:00 पूर्वान्ह
जी हाँ - बिना हाथों के इस्तेमाल के! कुछ लोगों को ओर्गास्म/ चरमानंद सिर्फ सोच कर भी हो सकता है, ऐसा शोधकर्ताओं का मानना है।दिमाग आपका सबसे बड़ा सेक्स अंग है, ऐसा इन शोधकर्ताओं का मानना है।

और सिर्फ किताबी बात नहीं रह गयी है, लेकिन वैज्ञानिक तौर पर  इसे साबित भी कर दिया गया है।

कुछ ऐसी महिलाएं हैं - और कुछ पुरुष भी - जो की सिर्फ चिंतन करके, यानी सोच कर ही ओर्गास्म पा सकते हैं - उन्हें अपने आप को छूने की ज़रुरत नहीं पड़ती।

ओर्गास्म पाने के बहुत से तरीके हैं। लव मैटर्स ने पहले भी इस बारे में जानकारी दी है की आप कैसे बिना सेक्स के ओर्गास्म प्राप्त कर सकते हैं - कुछ लोग तो सिर्फ चुम्बन से ही ओर्गास्म पा सकते हैं,  उदाहरण के तौर पर स्तनों को छूने से भी। और फिर स्वप्न दोष - वो रात के ओर्गास्म जिसमे कोई शारीरिक मिलन नहीं होता है। लेकिन आप उस चरम आनंद को महसूस तो करते हैं।

अस्वाभाविक नहीं

वैज्ञानिक लेखक कायत सुकेल इस चीज़ के बारे में अपनी किताब 'Dirty Minds – How Our Brains Influence Love, Sex and relationships' में लिख रही हैं।

जब उन्होंने इस बारे में पहली बार सुना था, उनका कहना है, उन्होंने इस बात पर विश्वास नहीं किया। "लेकिन फिर मैंने अपने दोस्तों से इस बारे में बात करना शुरू किया, और फिर मुझे पता चला की मेरे कुछ ऐसे दोस्त थे जो की सिर्फ चिंतन से ही ओर्गास्म प्राप्त कर लेते थे। मुझे लगता है यह उससे कही ज्यादा आम है जितन की लोग सोचते हैं! "

और यह सिर्फ दिमाग से सोचकर होने वाले ओर्गास्म किसी और ओर्गास्म से अलग नहीं होते. न्यू जर्सी के रटगर्स यूनिवार्सिटी में बैरी कोमिसरुक,  जो की महिलाओ में उत्तेजना के बारे में रिसर्च कर रहे हैं,  वो भी इस मुद्दे पर और जानकारी लेने की कोशिश कर रहे हैं। "हमें यह पता चला है की दिमाग की जो भाग ओर्गास्म के दौरान उत्तेजित हो जाते हैं, वो उसी तरह के होते है जो की हस्तमैथुन के दौरान", ऐसा उनका मानना है।

मानसिक शक्ति

तो क्या वाकई सेक्स हमारे दिमाग में रहता है? " हम अभी इस बारे में जानने की कोशिश ही कर रहे हैं की हमारा दिमाग, हमारी सोच, हमारी कल्पनाएँ कितनी ज़रूरी होती हैं," ऐसा सुकेल का कहना हैं। "और दूसरी रिसर्च यह दर्शाती है की सिर्फ छूने के बारे में सोचने से ही हम अपने दिमाग के वही हिस्से उत्तेजित करते हैं जो की हाथों के छूने से होते हैं।"

यह तो हमें पता ही हैं की कामुक चीज़ों के बारे में सोचकर हम उत्तेजित हो जाते हैं। लेकिन अब शोधकर्ता यह जानने की कोशिश कर रहे हैं की दिमाग में तब क्या हो रहा होता है जब आपको सिर्फ सोच कर ओर्गास्म प्राप्त हो जाए।

"वैज्ञानिक रिसर्च यह दर्शाती है की आपको किसी तरह के शारीरिक उत्त्जेन की ज़रूरत नहीं है ओर्गास्म प्राप्त करने के लिए," ऐसा सुकेल कहते है। "जब यह कहा जाता है की दिमाग सबसे बड़ा सेक्स अंग हैं - तो यह मज़ाक नहीं बल्कि सच है।"

कल्पनाएँ

वैसे यह सच ही तो है अगर हम दुसरे नज़रिए से भी देखें। क्यूंकि, दिमाग सेक्स का मज़ा ख़राब भी तो कर सकता है। सुकेल बताते हैं की जब लोग दिमागी तौर पर कमज़ोर या उदास महसूस कर रहे होते हैं, या किन्ही और सोच विचार में गम होते हैं तो ओर्गास्म पान मुश्किल हो जाता है।

और इसका उल्टा भी सच है: "मैं जनता हूँ की कल्पनाएँ करना, दिमाग में सेक्स के बारे में सोचना, कई बार सेक्स क्रिया के दौरान जल्दी ओर्गास्म प्राप्त करने का काम करता हैं - और कुछ लोगों को तो शारीरिक छुंअन की ज़रुरत ही नहीं पड़ती।"

कामुक कल्पनाएँ केवल महिलाओं के लिए नहीं बल्कि कई पुरुषों के लिए भी सच है। जी हाँ, पुरुष भी सिर्फ सोच के ज़रिये ओर्गास्म पा सकते हैं। हालाँकि, अभी तक इसके बारे में सिर्फ महिलाओं को लेकर रिसर्च की गयी है। कोमिसरुक और सुकेल दोनों का कहना है की बहुत सारे पुरुषों ने उन्हें यह बताया है की उन्हें सिर्फ सोच कर ही ओर्गास्म प्राप्त हुआ।

दिमाग से ओर्गास्म/चरमानंद?

तो बड़ा सवाल है: क्या यह सब कर सकते हैं? क्या आप अपने आप को इस चीज़ के लिए ट्रेन कर सकते हैं? दुर्भाग्यवश, वैज्ञानिक  रूप से अभी तक कुछ कहा नहीं जा सकता, क्यूंकि इस पर रिसर्च अभी तक चल रही है। लेकिन सुकेल और कोमिसरुक दोनों इस बात को लेकर सकारात्मक सोच रखते हैं। "शायद हम सब में यह करने की श्रमता होती है, हमें सिर्फ सीखने की ज़रुरत है की हम यह कैसे कर सकते हैं", ऐसा सुकेल का कहना है।

कोमिसरुक कहते हैं: "हालाँकि अभी तक कोई वैज्ञानिक जवाब नहीं मिला है, लेकिन कुछ महिलाएं जिन पर हमने रिसर्च करी है, उनका कहना है की वो योग और चिंतन द्वारा अपने दिमाग से ओर्गास्म प्राप्त करने की श्रमता ज्यादा पायी हैं। तो शायद लोग अपने आप को दिमाग से ओर्गास्म प्राप्त करने के लिए ट्रेन कर सकते हैं।"

यह एक ऐसी श्रमता है जो बहुत आसान भी है। सुकेल एक उदाहरण देते हैं: "मेरी एक बहुत अच्छी दोस्त यह करती हैं। उसका कोर्पोरेट जॉब है, और वो कहती है की अक्सर बोर और लम्बी मीटिंग और कांफ्रेंस को झेलने का यह सबसे अच्छा तरीका है।"

फोटो: Eduardo Antonio Fuentes

क्या आप भी अपने दिमाग में सोचकर ओर्गास्म/चरमानंद पा सकते हैं? यहाँ लिखिए या फेसबुक पर हो रही चर्चा में भाग लीजिये।

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