महिला ओर्गास्म पर शताब्दी दर शताब्दी बहस चली आ रही है, जो आज भी वैज्ञानिक समुदाय को परेशान कर रही हैI क्या सिर्फ़ योनि के सहारे एक महिला को ओर्गास्म की प्राप्ति हो सकती है? क्या असली ओर्गास्म यही है? या फ़िर चरमोत्कर्ष के लिए भगांकुर को उत्तेजित करना भी ज़रूरी है? कहीं ऐसा तो नहीं आप अपना ध्यान बेकार के सवालों और बातों पर केंद्रित कर रहे हो?
इस बहस को निष्कर्ष तक पहुंचाने की मंशा लिए कनाडा के वैज्ञानिकों के एक समूह ने इस विषय पर उपलब्ध जानकारी को हर कोण से देखने का निर्णय लियाI जिसमें मनोविश्लेषण से लेकर विकासवादी सिद्धांत और तंत्रिका विज्ञान के सभी नज़रिये शामिल थेI
उसका हिलना और आँहें भरना...
जैसा कि सभी जानते हैं, पुरुष ओर्गास्म तो सीधा सा हिसाब-किताब हैI शुरुआत होती है उत्तेजना और लिंग तनाव से और स्खलन के बाद कहानी ख़त्मI लेकिन महिलाओं के सन्दर्भ में यह इतना आसान नहीं हैI शोधकर्ता कहते है कि यह ना सिर्फ़ जटिल है बल्कि हर महिला का ओर्गास्म अलग अलग भी होता हैI
वो तो यहाँ तक कहते है कि इस बात से फ़र्क़ ही नहीं पड़ता कि एक महिला को ओर्गास्म होता कैसे हैI फ़र्क़ तो इस बात से पड़ता है कि वो महिला किसे ओर्गास्म कहती या समझती हैI
यह कई बातों पर निर्भर करता हैI सबसे पहले तो पूर्व में हुए वो सारे अनुभव जो उसने चरमोत्कर्ष के दौरान महसूस किये होंगेI इसमें कुछ कामुक संकेत भी शामिल हो सकते हैं - जैसे अपने साथी को नग्न देखना या उसके द्वारा किसी ख़ास तरीके से स्पर्श किया जानाI
संभोग का अर्थ हर महिला के लिए अलग-अलग होता है और ऐसा इसलिए क्यूंकि वो इस बात पर निर्भर करता है कि उस अनुभव के दौरान उसे किस प्रकार की उत्तेजना हुईी निस्संदेह उसमें योनि और भगांकुर उत्तेजन तो शामिल है ही लेकिन यहाँ इस बात पर भी गौर करना ज़रूरी है कि कई महिलाओं के लिए उनके शरीर के अन्य अंग भी उतने ही कामुक और महत्त्वपूर्ण होते हैं जितने कि एक योनि या भगांकुरI
निप्पल, होंठ, पंजे...
तो वो कौनसे अंग हैं जो ओर्गास्म में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं? अब निप्पल तो निश्चित रूप से महत्त्वपूर्ण हैं लेकिन शोधकर्ता कहते हैं कि महिला के होंठ, कान, गर्दन, और यहां तक कि उसके हाथ-पैरों की उंगलियां भी उसके अंदर हो रही कामोन्माद की प्रतिक्रिया को बढ़ावा देते हैंI ऐसा तब हो सकता है जब इनमें से एक या कुछ शरीर के अंगों को स्पर्श किया जाता है और उन्हें सहलाया जाता है। महिला को यह सारी उत्तेजनात्मक संवेदी जानकारी एक साथ मिलती है और जैसे-जैसे उसके जीवन में सेक्स का अनुभव बढ़ता जाता है यह सारी जानकारी और एहसास उसे प्रसन्नता और चरमोत्कर्ष की ओर लेती जाती हैI
अलग-अलग संवेदनाओं और परिस्थितियों के आधार एक महिला के ओर्गास्म में बदलाव होना असामान्य नहीं है - उदहारण के तौर पर एक पार्टनर के साथ सेक्स बनाम हस्तमैथुन या फ़िर विभिन्न सहयोगियों के साथ सेक्सI शोधकर्ताओं की माने तो ओर्गास्म तो ओर्गास्म है फ़िर चाहे उसका कारण योनि हो या भगांकुर या फ़िर कोई अन्य कामुक अंगI तो निष्कर्ष यह है कि एक महिला को ओर्गास्म से सम्बंधित विभिन्न प्रकार के असाधारण अनुभव हो सकते हैं तो फ़िर इतना मत सोचे बस मज़े लें!
सन्दर्भ: द व्होल वेरसुस द सम ऑफ़ सम ऑफ़ द पार्ट्स: टुवर्ड रेसोल्विंग द अपेरेंट कंट्रोवर्सी ऑफ़ क्लिटोरल वेरसुस वैजिनल ओर्गास्म्सI सोसिओ अफेक्टिवे न्यूरोसाइंस एंड साइकोलॉजीI (2016)
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