शायद मेरी ही ग़लती थी कि उस दिन गली में उन लड़कों ने मुझे छेड़ा। शीतल को इस बात का पछतावा हो रहा था कि क्यों वो घर से छोटे कपडे पहनकर निकलीI खैर, इसके बाद शीतल को एक ऐसे व्यक्ति से प्रेरणा मिली, जिसकी उसने कभी उम्मीद भी नही की थी। तब शीतल को एहसास हुआ कि वह ग़लत नहीं थी।
वैभवी और अभि बचपन में एक ही स्कूल में पढ़े थे और कई सालों बाद वे फेसबुक पर मिले। जब वैभवी ने अभि से फेसबुक पर चैटिंग करनी शुरू की तो उसने उसे अपनी ‘ख़ास’ फोटो दिखाने को कहा। वैभवी ने लव मैटर्स इंडिया से बताया कि उसको इस बात से कितनी शर्मिंदगी महसूस हुई।
हर तीन में से एक महिला ने अपने जीवनकाल में हिंसा का अनुभव किया हैI जब हम महिलाओं के विरूद्ध हिंसा के बारे में सोचते हैं, तो अकसर हम अजनबियों द्वारा महिलाओं का बलात्कार किया जाना या उनके ससुराल वालों द्वारा उन्हें जला दिए जाने को ही हिंसात्मक व्यवहार का दर्जा देते हैंI हालांकि यह सच है, लेकिन हिंसा रोज़ होने वाली कुछ 'सामान्य' परिस्तिथियों में भी हो सकती है, जिसे हम अकसर अनदेखा कर देते हैं, क्यूंकि शायद वो हमें महत्त्वहीन लगती हैI लेकिन ऐसा नहीं हैI हमारे ऐसा करने से अनजाने में हम एक ऐसी सभ्यता बनाने में योगदान दे रहे हैं जिसमें महिलाओं के विरूद्ध हिंसा बढ़ती जा रही है और इसलिए हम सभी की ज़िम्मेदारी बनती है कि इसे बदलने में भी अपनी भूमिका निभाएंI इस हिंसा की संस्कृति को खत्म करने के लिए हम ऐसे शुरआत कर सकते हैंI
मी टू एक ऐसा अभियान है, जिसके ज़रिये महिलाएं अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के अनुभवों को सार्वजनिक रूप से साझा कर रही हैं। लव मैटर्स इंडिया बता रहा है कि दुनिया में व्यापक रूप से उपयोग की गई हैशटैग मी टू की भारत में क्या प्रासंगिकता है।
मेघा के कई सम्बन्ध रह चुके थे, लेकिन जैसे ही उसका कोई भी रिश्ता शारीरिक मोड़ लेने लगता वो पीछे हट जाती और सम्बन्ध तोड़ लेतीI शायद बहुत पहले घटी किसी एक दर्दनाक घटना की वजह से शारीरिक छवि और सेक्स को लेकर उसकी भावनाएं बदल चुकी थीI
मेरे पार्टनर को जब गुस्सा आता है तो कभी-कभी वो मुझे मारते भी हैं लेकिन बाद में वो कहते हैं कि वो मुझसे बहुत प्यार करते हैं और मेरे बिना रह नहीं सकते। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है कि मुझे क्या करना चाहिए? निशा, 29 वर्ष, मथुरा
जब पूजा ने सुहास के साथ अपना रिश्ता ख़त्म करना चाहा तो उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि वो बेवकूफ इसी प्यार के चक्कर में एक दिन अपनी कलाई काट लेगा और आत्महत्या की कोशिश करेगा।
"नार्थ ईस्ट से आई महिलाओं को आये दिन नस्लवाद और यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता हैI" क्या ऐसा सही में होता है या यह एक शहरी मिथक है? लव मैटर्स ने छह पूर्वोत्तर महिलाओं से पूछा कि क्या उन्होंने दिल्ली में भेदभाव का अनुभव किया हैI