नम्रता और ऋषि बचपन के दोस्त रहे हैं; और उनका रिश्ता शुरू हुआ जब वो करीब 15 साल के थे। जब नम्रता ने कॉलेज ख़त्म होने के बाद काम करना शुरू किया तब उसे एहसास हुआ की उसकी अपने सहकर्मियों के साथ दोस्ती को देखकर ऋषि को बहुत इर्ष्या होती थी। "वो ऐसे महसूस कराता था मुझे जैसे वो मेरी ज़िन्दगी कण्ट्रोल करना चाहता हो। इसलिए मेरे पास ब्रेक-अप के अलावा और कोई इलाज नहीं बचा था," उसका कहना है।
नम्रता (नाम बदला हुआ) एक 24 साल की पब्लिक रीलेशन प्रोफेशनल हैं जो बंगलोरे में रहती है।
हमारा सम्बन्ध दो साल पहले ख़त्म हो गया। और सम्बन्ध ख़त्म करने का निर्णय मेरा था लेकिन ब्रेक-अप के बाद मुझे जैसे उसके ना हनी का गहरा एहसास हुआ। हम एक दुसरे को शायद पूरी ज़िन्दगी से ही जानते थे और हमारा सम्बन्ध करीब 6 साल था। वो मेरी ज़िन्दगी का हिस्सा शायद हमेशा से ही रहा था इसलिए उसके ना होने के एहसास मुझे बहुत खल रहा था।
दबाया हुआ
मुझे पता है की हमेशा से ही मेरी बहुत चिंता करता था लेकिन मुझे सिर्फ वो ही नहीं चाहिए था। सच कहूँ तो बहुत सारे कारण थे जिनकी वजह से मैंने अपना सम्बन्ध उससे तोड़ दिया, लेकिन सबसे बड़ा कारण था इर्ष्या। जब मैंने कॉलेज के बाद अपनी पहली नौकरी शुरू करी तब वो यह बात समझ ही नहीं पाया की उसके अलावा भी मेरी ज़िन्दगी में और लोग हो सकते हैं।
बस कुछ ही महीनो में वो बहुत ही असुरक्षित महसूस करने लगा था और जैसे मुझ पर अंकुश लगाना चाहता था। वो मेरी ज़िन्दगी को पूरी तरह से कण्ट्रोल करना चाहता था और मैं इतना घुटा हुआ महसूस करने लगी थी की सम्बन्ध ख़त्म करने के अलावा मेरे पास और कोई तरीका नहीं था।
दिलचस्प बातें
हमारे ब्रेक-अप के बाद वो विदेश अपनी आगे की पढाई के लिए चला गया और मुझे लगता था की बस एक या दो साल में हम एक दुसरे की ज़िन्दगी से पूरी तरह निकल जायेंगे। लेकिन हमारे ब्रेक-अप के कुछ 6 महीने बाद उसने मुझे ईमेल किया। उसने लिखा था की शायद हमारा सम्बन्ध ना चल पाया हो लेकिन वो हमारी दोस्ती नहीं खोना चाहता। और मैं उसकी बात से सहमत थी। तब से हम एक दुसरे को लगातार ईमेल करते हैं और स्काइप पर भी लगतार बात करते हैं। हमारी ये बातचीत बहुत मज़ेदार रही हैं - हम सब तरह की बातें करेती हैं। हम दो अलग-अलग देश में तो हैं लेकिन हमें एक दुसरे की ज़िन्दगी के बारे में सब कुछ पता हैं।
डर उसे चुनने का
कुछ महीने पहले उसने मुझे बताया की उसका किसी लड़की के साथ सम्बन्ध शुरू हो गया है। मैंने ऐसा प्रतीत कराया की मैं उसके लिए बहुत खुश हूँ लेकिन सच्चाई यह थी की मैं बहुत बुरा महसूस कर रही थी। हमारे ब्रेक-अप के बाद जैसे हम और भी करीब आ गए थे और मैं यह खोना नहीं चाहती थी। वो इतना बदल गया है, इतना समझदार हो गया है और मैं सच में उसकी तरफ और भी आकर्षित महसूस करती हूँ अब।
मैं उसको इतने समय से जानती हूँ की मुझे लगा जैसे वो मेरी ज़िन्दगी से कहीं जा ही नहीं सकता। लेकिन जब से मुझे पता चला है की उसका किसी के साथ संबध हैं तब से मुझे ऐसा लग रहा है की शायद हम ज़िन्दगी भर साथ ना रह पाएं। उसने अपनी गर्ल फ्रेंड को हमारे पुराने सम्बन्ध के बारे में भी बताया है और वो हमारी दोस्ती से कुछ ज़्यादा खुश नहीं है। अब मुझे लगता है की अगर उसको मुझ में और उसमे से किसी एक को चुनना पड़ेगा तो वो उसे चुनेगा। ये सुनने में नामुमकिन लगे लेकिन मुझे सच सच में उससे फिर प्यार हो गया है।
फोटो: Intellistudies (इस तस्वीर में जो व्यक्ति है वो नम्रता नहीं है)
क्या नम्रता को अपनी दिल की बात सुनानी चाहिए और अपने पुराने साथी के साथ फिर से सम्बन्ध बनाना चाहिए? या यह स्वीकार कर लेना चाहिए की यह रिश्ता ख़त्म हो चूका है? हमें अपने विचार बताइए। यहाँ लिखिए या फेसबुक पर हो रही चर्चा में हिस्सा लीजिये।
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