Addicted to cybersex
imagedb.com

'मुझे साइबर सेक्स की लत थी'

जो ऑनलाइन सेक्स एक टाइम पास की तरह शुरू हुआ था वो कब एक आदत बन गया, समीर को आभास भी नहीं हुआ। इंटरनेट की दुनिया और असल दुनिया के बीच की लकीर धुंधलाने लगी और इसका नुक्सान समीर के मानसिक स्वास्थ और रिश्तों को भी होने लगा।

समीर 21 साल का भोपाल में रहने वाला MBA स्टूडेंट है।  

मैं एक ठेठ मिडिल क्लास, किताबों में घुसे रहने वाला, घर से दूर काम पैसों में काम चलने वाला स्टूडेंट था।  और ज़ाहिर है की मेरे पीछे लड़कियों की कतार नहीं थी।  किसी भी सामान्य वीकेंड पर मेरे बाकि दोस्त अपनी उम्र के हिसाब से मौज मस्ती कर रहे होते थे जबकि मैं कंप्यूटर के सामने बैठा होता था।

 

और एक दिन बरबस ही मैंने एक 'चैट रिक्वेस्ट' पर 'यस' क्लिक कर दिया। नीना नाम की लड़की से मेरी बातचीत शुरू हो गयी और हम जल्द ही घुलमिल गए। शुरुवात में इधर उधर की सामान्य बातें हुईं जैसे की खाने में पसंद, संगीत, फिल्में इत्यादि।

अगला कदम

इस तरह की कुछ 'ऑनलाइन मुलाकातों' के बाद एक दिन नीना ने हमारे इस इंटरनेट रिश्ते को अगले चरण पर ले जाने की पेशकश की, जहाँ वो मुझे बताने लगी की वो मुझसे कैसे अंतरंग होगी।  इस चैट और इन कल्पनाओं ने मुझे काफी उत्तेजित कर दिया।

 

उसके बाद मैं उसे बताने लगा की मैं उसके साथ क्या क्या करना चाहता था।  जब हमारी बात ख़त्म हुई तो सुबह हो चुकी थी मुझे क्लास के लिए जाना था।  लेकिन मैं नहीं चाहता था की ये बातें ख़त्म हों इसलिए मैंने क्लास नहीं जाने का फैसला किया और यही बातचीत का सिलसिला चलता रहा, आखिर एक सेक्सी लड़की मुझसे सेक्स की बातें कर रही थी!

हम लगभग पूरे दिन बातें करते रहे, की जब हम मिलेंगे तो कैसे सेक्स करेंगे और इन् कल्पनाओं के आधार पर मैंने हस्तमैथुन करना शुरू कर दिया। कुछ ही दिनों में ये सिलसिला आगे बढ़ा और मेरी 9 ऑनलाइन सेक्स चैट पार्टनर्स बन चुकी थी।

इस समय तक मैं तीन हफ़्तों की क्लास अनुपस्थित रह चुका था और दोस्तों से मिलना भी लगभग बंद कर चुका था।  मैं उन्हें अपने इस नए शौक के बारे में कैसे बताता? शायद वो समझ ही नहीं पाते और मेरा मज़ाक बनाते।

मदद!

अब मेरी दिनचर्या का सारा वक़्त इस चैटिंग में निकलने लगा। मैं सिर्फ खाने और बाथरूम जाने के लिए ब्रेक लेता था। इन् लड़कियों को इस बात से कोई लेना देना नहीं था की मैं अमीर हूँ या गरीब।  मुझे हीरो की तरह महसूस होता था क्यूंकि ये सब लडकिया मेरे इशारों पर नाच रहीं थी, इंटरनेट पर ही सही!

मैंने बाहर जाना लगभग बंद कर दिया जब तक की बहुत ज़रूरी ना हो। लेकिन उस दौरान भी मुझे वापस घर पहुँचने की बेचैनी रहती थी। लेकिन कहीं ना कहीं मुझे महसूस हो रहा था की मैं अकेला और दुखी था। मुझे मदद की ज़रूरत थी।

शुक्र है की मेरा सबसे अच्छा दोस्त सुमन मेरी इस बेचैनी को भांप गया और उसने मुझसे इस बारे में पुछा। शुरुवात में मुझे थोड़ी झिजक हुई लेकिन धीरे धीरे मैंने उसके सामने अपनी सारी कहानी कह डाली। सुमन ने निर्णायक होने का प्रयास नहीं किया। उसने कहा, "तुम्हे इसकी लत लग चुकी है और तुम्हे इससे बाहर आने के लिए सहायता की ज़रूरत है। तो चलो कोशिश करते हैं।"

फिर से वास्तविकता की ओर

मैंने हामी तो भर दी इस दलदल से बाहर निकलने के लिए लेकिन मुझे पता नहीं था की ये इलाज मुश्किल होगा। मैंने अपना चैट अकाउंट डिलीट कर दिया और कंप्यूटर से चैट हिस्ट्री को भी मिटा दिया।

अब मैं कंप्यूटर का इस्तेमाल सिर्फ अपने परिवार और दोस्तों से संपर्क में रहने के लिए ही करता हूँ। मुझे अभी भी फिर से सेक्स चैट करने की इच्छा होती है, लेकिन मैं ऐसा करता नहीं, मैं लम्बी सैर पर चला जाता हूँ। सबसे ज़रूरी बात, मैं खुलकर जी रहा हूँ, परदे के पीछे छुप कर नहीं!

क्या साइबर सेक्स की लत खतरनाक है? यदि आपके किसी दोस्त को इसकी लत हो तो आप उसे क्या सलाह देंगे? अपने विचार हमसे बाँटिये, आज ही, यहाँ या फेसबुक पर।

क्या आप इस जानकारी को उपयोगी पाते हैं?

Comments
नई टिप्पणी जोड़ें

Comment

  • अनुमति रखने वाले HTML टैगस: <a href hreflang>