आपका रिश्ता ख़त्म हुए एक महीना हो गया है। लेकिन फिर भी आपका पूर्व साथी आपके सामने है, ऑनलाइन! छुट्टी पर उसके दोस्तों के साथ लगायी गयी तस्वीरें फेसबुक पर आपको नज़र आ रही हैं या इंस्टाग्राम पर उसकी नयी-नयी फ़ोटो रोज़ सामने आ रही है और ट्विटर पर वो अपने ख़ास अन्दाज़ के कामेंट्स लिख रहा है। आप जानते हैं कि ये सब देखने से आपको उबरने में कोई सहायता नहीं मिल रही लेकिन आप ख़ुद को सोशल मीडिया पर अपने पूर्व साथी का पीछा करने से फिर भी रोक नहीं पा रहे!
पूर्व साथी पर सोशल मीडिया के ज़रिए नज़र रखना कोई नयी बात नहीं। 'लोग अक्सर बरबस ही उनका पेज देख लेते हैं', यह बात मनोवैज्ञानिक शोधकर्ता तारा मार्शल ने लव मैटर्ज़ को इंटर्नैशनल असोसीएशन फ़ोर रेलेशन्शिप रीसर्च कॉन्फ़्रेन्स के दौरान एक साक्षात्कार में बताई।
लत
काफ़ी लोग ख़ुद को ऐसा करने से रोकने के लिए जूझते नज़र आते हैं। 'ब्रेकअप' के तुरंत बाद ऐसा करने की मानो लत सी लग जाती है और लोग चाहकर भी ख़ुद को रोक नहीं पाते। वो एक दिन में कई बार अपने पुराने साथी का सोशल मीडिया पेज देखते हैं, यह जानने के लिए कि क्या कुछ नया है?'
ये जानते हुए कि ब्रेक अप के बाद अपने पूर्व साथी के सोशल मीडिया पर नज़र रखना आम बात है, शोधकर्ता यह समझने में असमर्थ थे कि क्यूँ कुछ लोग ऐसा कभी-कभार ऐसा करते हैं जबकि कुछ को ऐसा करने की लत लग जाती हैं। शोधकर्ता इस बात से भी अनभिज्ञ थे कि क्या रिश्ते टूटने के बाद ऐसा करने से तकलीफ़ बड़ती है या कम होती है।
इन पहलुओं को समझने के लिए शोधकर्ताओं ने 234 लोगों को शामिल कर एक अध्ययन किया। ये वो लोग थे जिनके रिश्ते पिछले तीन महीनो में टूटे थे। अध्ययन के शुरू में और 6 महीने बाद उनसे पूछा गया कि वो कितने अंतराल में अपने पूर्व साथी के सोशल मीडिया अकाउंट खोलकर देखते हैं। और उन्हें ऐसा करने से कैसा महसूस होता है।
दिन में दस बार
शोध ने दर्शाया कि रिश्ता ख़त्म होने के बाद दिन भर में एक बार ऐसा करना आम था। लेकिन अलग लोगों की अलग कहानी थी। कुछ लोग ऐसा दिन में दस-दस बार कर रहे थे जबकि कुछ को ऐसा करने में कोई रुचि नहीं थी। मार्शल ने बताया कि जो लोग अपने पूर्व प्रेमी के साथ गहरा जुड़ाव महसूस करते थे उनका ऐसा करने की संभावना अधिक थी।
दर्द या राहत?
तो फेसबुक पर ताकाझाँकी आपको रिश्ते से उबरने में मददगार होती है या फ़िर नहीं? नियमित रूप से ऐसा करना यह दर्शाता है कि आप इस टूटे रिश्ते से काफ़ी आहत हैं। किंतु यह साफ़ नहीं है कि ऐसा करने से आप आहत होते हैं या आहत होने की वजह से ऐसा करते हैं। सम्भव है कि जिनको ज़्यादा तकलीफ़ हुई हो वो ऐसा अधिक करते हों।
फिर भी, मार्शल ने पाया कि ऑनलाइन पीछा करना- उबरने का अभाव और टूटे रिश्ते की चोट ज़्यादा दर्शाता है। "मेरे विचार में इसका सम्बन्ध नकारात्मक भावना और सब भूलकर आगे बढ़ सकने की अयोग्यता से है," उन्होंने लव मैटर्ज़ को बताया। "मेरे विचार में ऐसा ना करना ज़्यादा मददगार सिद्ध होगा। इससे आपको इस सब से उबरकर आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
दूरी कैसे बनाएँ
कहने और कर पाने में फ़र्क़ है लेकिन मार्शल के पास फेसबुक पर अपने पूर्व साथी से दूरी बनाने के सम्बन्ध में कुछ टिप्स हैं।
यदि आप अपना रेलेशन्शिप स्टैटस 'इन रेलेशन्शिप' से 'सिंगल' कर दें तो आप उन्हें बिना अपने फेसबुक दोस्तों की सूची से हटाए फ़िल्टर कर सकते हैं। इस तरह आपको अपने पेज पर उनके अप्डेट नहीं दिखेंगे।
और हाँ, उन्हें अपनी मित्र सूची से डिलीट करने का विकल्प तो है ही, बशर्ते आप ऐसा कर सकने में समर्थ हों। और इससे भी बात ना बनें तो उन्हें ब्लाक कर दें , मार्शल ने बताया।
तारा सी. मार्शल पी एच.डी स्कूल ऑफ़ सोशल साइंस, ब्रुनेल यूनिवर्सिटी, अक्सब्रिज, यूनाइटेड किंगडम के मनोचिकित्सक विभाग में काम करती हैंI वे "फेसबुक सुर्वेलियांस ऑफ़ फॉर्मर रोमांटिक पार्टनर्स: अस्सोसिएशन्स विद पोस्ट-ब्रेकअप रिकवरी एंड पर्सनल ग्रोथ" नाम की एक किताब की लेखिका भी हैंI
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तारा सी. मार्शल पी एच.डी स्कूल ऑफ़ सोशल साइंस, ब्रुनेल यूनिवर्सिटी, अक्सब्रिज, यूनाइटेड किंगडम के मनोचिकित्सक विभाग में काम करती हैंI वे "फेसबुक सुर्वेलियांस ऑफ़ फॉर्मर रोमांटिक पार्टनर्स: अस्सोसिएशन्स विद पोस्ट-ब्रेकअप रिकवरी एंड पर्सनल ग्रोथ" नाम की एक किताब की लेखिका भी हैंI
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