ब्रेक-अप भयानक होते हैंI इनकी वजह से एक व्यक्ति को काफी शारीरिक और भावनात्मक पीड़ा हो सकती है और यह भी हो सकता है कि यह आपकी ज़िन्दगी का सबसे कठिन दौर होI
शायद इसीलिए वैज्ञानिकों ने इस दौर को 'टूटे दिल की पीड़ा' का दौर कहा हैI यह दौर लम्बा हो सकता है, हफ्ता, महीना या शायद उससे भी ज़्यादा और आपके जीवन और दिनचर्या पर इसका काफ़ी दुष्प्रभाव भी पड़ सकता है- जैसे नौकरी छोड़ देना और पढ़ने में मन नहीं लगनाI
ब्रेक-अप के बारे में सोचना एक सुखद एहसास नहीं है लेकिन इस बात के लिए तैयार रहना भी ज़रूरी है कि अगर आपका साथी आपको छोड़ देता है तब आप क्या करेंगेI यह दौर अधिकतर लोगों की ज़िन्दगी में आता हैI
इस बुरे दौर का सामना बेहतर तरीके से करने के लिए यह ज़रूरी है कि आप यह समझ लें कि असल में होता क्या है, ऐसा कहना है यू.के. के रिसर्चर क्रैग मोरिस काI
क्यूंकि अलग-अलग उम्र के और अलग-अलग पृष्ठभूमि से आये लोगों की ऐसे समय में क्या प्रतिक्रिया होती है, इस बारे में ज़्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं थी इसलिए मोरिस और उसकी टीम ने विज्ञान की मदद से यह जानने की कोशिश की, कि लोग एक टूटे रिश्ते का सामना कैसे करते हैंI
किसे ज़्यादा दुःख होता है, लड़की को या लड़के को?
एक बात जिसने उन्हें सोचने पर मजबूर किया, वो थी कि क्या पुरुष और महिला एक रिश्ते के ख़त्म होने के बाद समान भावनाएं महसूस करते हैं? अब एक रोमांटिक फ़िल्म से आप क्या उम्मीद रखते हैं? एक लड़का अपने बहते आंसू रोकते हुए लड़की की ज़िन्दगी से दूर हो जाता है और लड़की इस डिप्रेशन के दौर में चॉकलेट्स को अपना सहारा बनाती हैI या फ़िर वो एक दुसरे प्रेमी के साथ भाग जाती है और लड़का दारु की बोतल खोलते हुए यह प्रण लेता है कि एक दिन उसे फ़िर पा लेगाI
लेकिन सच में ऐसा नहीं होता और सच की तह तक पहुँचने के लिए वैज्ञानिकों ने 96 देशों के सिर्फ़ 5700 पुरुष और महिलाओं से अपने सवाल पूछेI सहभागियों ने रोमांटिक रिश्तों के ऊपर दिए गए एक सर्वे में भाग लिया जिसमें ब्रेकअप के ऊपर भी सवाल थेI उनसे उनकी ज़िन्दगी के सबसे कष्टदायक ब्रेक अप के बारे में पुछा गया और उससे हुए दर्द का आकलन अंको के द्वारा देने के लिए कहा गयाI अंक 1 से लेकर 10 तक देने थे जिसमें 1 का मतलब था (कोई पीड़ा नहीं) और 10 का मतलब था (असहनीय दर्द)I सारे सर्वे सम्मिलित करने के बाद रिसर्चर्स ने परिणामों का विश्लेषण किया और पुरुष और महिलाओं के द्वारा दिए गए अंको की तुलना कीI
तो किसे हुई थी अधिक पीड़ा? यह जानकार ज़रा भी अचम्भा नहीं हुआ की स्थिति जितनी सोची थी उसे कहीं ज़्यादा पेचीदा थीI
मोरिस समझाते हैं कि यह बात सही थी कि आदमियों की तुलना में एक ब्रेक अप के बाद औरतों को कहीं अधिक पीड़ा से गुज़रना पड़ता हैI लेकिन इसमें भी कोई संदेह नहीं कि समय के साथ ना सिर्फ़ वो उससे पूरी तरह ऊबर जाती हैं बल्कि यह बात उन्हें और सुदृढ़ भी बनाती हैI
दूसरी तरफ, ऊपरी सतह पर ऐसा प्रतीत ज़रूर होता है कि आदमियों को पीड़ा कम होती है लेकिन वो कभी भी एक रिश्ते को पूरी तरह नहीं भुला पातेI और समय के साथ उन्हें एहसास होता है कि दूसरे साथी की खोज कितनी मुश्किल हैI
टूटे दिल के संकेत
कटु अनुभव शायद पुरुषों के लिए कम पीड़ादायक हो सकते हैं लेकिन स्त्री-पुरुष दोनों के लिए ही यह दौर अप्रिय होता हैI इस अध्ययन के अनुसार गुस्सा, डिप्रेशन, ध्यान बँटना और चिंता एक ब्रेकअप के बाद सबसे आम भावनात्मक प्रतिक्रियाएं थीI अगर शारीरिक प्रभावों की बात करें तो नींद ना आना और एक दम से वजन बढ़ना और कम होना आम थेI
हर चार में से तीन लोगों का जीवन में कभी ना अभी ब्रेकअप हुआ हैI और ज़्यादातर लोगों को एक से अधिक बार यह दुःख झेलना पड़ा था - एक जीवनकाल में चार बार ऐसा होना आम थाI चूंकि इस सर्वे की औसत उम्र 27 थी तो वैज्ञानिक इस नतीजे पर निकले की युवावस्था में ब्रेक अप होना सामान्य हैI
तो अगर आप इस दौर से गुज़र रहे हैं तो याद रखें (क) आप दुनिया के अकेले इंसान नहीं है जिसके साथ ऐसा हुआ है, (ख) समय के साथ सब ठीक हो जाता है, (ग) तालाब में और भी मछलियां हैंI निस्संदेह यह सारी बातें अच्छी सलाह है लेकिन शायद एक टूटे दिल वाले व्यक्ति के लिए सबसे बेकार!