गर्लफ्रेंड से रिश्ता खत्म हुए अब 6 महीने हो गए हैं और कभी-कभी आपको लगता है कि आप उसे पूरी तरह भुला चुके हैंI लेकिन यह सच नहीं होताI आप बार-बार उस समय को याद करते हैं जब आपका रिश्ता खत्म हो रहा था और यह पता लगाने की कोशिश करते रहते हैं कि गलती आखिर कहाँ हुई!
लेकिन क्या होगा अगर आप यह सोचना शुरू करदें कि सही क्या हुआ? निस्संदेह रिश्ते की अच्छी बातों को याद करना थोड़ा मुश्किल होगा, खासकर तब जब आप अपनी एक्स को भुलाने की भरसक कोशिश में लगे हैंI लेकिन अपने रिश्ते की सकारात्मक बातों को याद करना और उससे मिली सीख के बारे में सोचना, आपकी आगे बढ़ने में सहायता कर सकता है, ऐसा मानना है एक नयी शोध से उजागर हुए परिणामों काI
सुखद अंत?
इस अध्ययन के लिए 146 उन पुरुष और महिलाओं को बुलाया गया जिनका हाल ही में ब्रेकअप हुआ थाI पहले उनसे कुछ ऐसे सवाल पूछे गए जिनसे यह पता चले कि वो उदास हैं या नहींI उसके बाद शोधकर्ताओं ने उनसे उनके रिश्ते में हुई सबसे महत्त्वपूर्ण घटना के बारे में एक छोटी कहानी लिखने को कहा जिसमे उन्हें यह बताना था कि क्या हुआ था और उस घटना के दौरान वो और उनके साथी के मन में क्या चल रहा था I
सब लोगों द्वारा कहानी लिखने के बाद शोधकर्ताओं ने हर किसी की कहानी को बेहद ध्यानपूर्वक पढ़ाI असल में वो यह जानना चाहते थे कि कहानियों का अंत सुखद था या दुखदI
शोधकर्ताओं ने जाना कि जब लोग ब्रेकअप के बाद अपने आपको अपने पुराने रिश्ते के बारे में बताते हैं तो उसका उनके दिलों-दिमाग पर गहरा असर पड़ता हैI जिन लोगों की कहानियां का अंत सुखद था, उनके निराश रहने की सम्भावना कम थीI
दो तरीके
लेकिन किस तरह की कहानियों का अंत सुखद होता है? शोधकर्ताओं ने पाया कि सकारात्मक कहानियों में दो तरह के पैटर्न थेI और जिन लोगों ने अपनी कहानियों में इन तरीकों का इस्तेमाल किया था, उनके अपने रिश्ते के खत्म होने के बाद सुखी रहने की सम्भावना अधिक थीI
पहले तरीके में लोगों की कहानियां इस बात पर केंद्रित थी कि वो अपने साथी से कितने करीब थे, फिर चाहे वो नज़दीकियां शारीरिक हो या भावात्मकI इन कहानियों में लोगों ने यह भी बताया था कि वो अपने साथी को कभी भी कुछ भी कह सकते थे और उन पर कितना विश्वास करते थेI महत्त्वपूर्ण बात यह थी कि ऐसी कहानी लिखने वाले लोगों ने इस बात पर ध्यान दिया था कि कैसे इस रिश्ते की वजह से उनका विकास हुआ थाI
दूसरे तरीके में लोगों ने इस बात बिलकुल तवज्जो नहीं दी थी कि रिश्ते के खत्म होने की क्या वजह थीI उदहारण के तौर पर, यह कहने की बजाय कि रिश्ता क्यों खत्म हुआ, उन्होंने यह लिखा कि उन्होंने उस रिश्ते से क्या सीखाI
सबसे ज़रूरी: आगे बढ़ें
तो अगर आपका अभी-अभी दिल टूटा है तो इस रिसर्च की मदद से आप पूरी तरह से 'सिंगल' व्यक्ति में परिवर्तित हो सकते हैंI इस बात पर ध्यान दें कि आप ब्रेकअप के बाद अपने आप को क्या बता रहे हैं? कहीं आप इस मुश्किल समय को अपने लिए और मुश्किल तो नहीं बना रहे?
अगर हाँ, तो अपनी कहानी दोबारा लिखेंI अपने आपको वो पल याद करवाएं जिनमे आप दोनों बेहद करीब थेI उन बातों पर ध्यान ना दें जिनकी वजह से शायद आप दोनों अलग हो गए, बल्कि यह सोचें कि उस रिश्ते की वजह से आपके जीवन में क्या सकरात्मक बदलाव आयेI शायद इस वजह से आप भविष्य में कुछ चीज़ें अब अलग ढंग से करना चाहेंगेI
ब्रेकअप से उबरने के लिए यह सोचना ज़रूरी नहीं कि गलती कहाँ हुई, बल्कि इस बात पर ध्यान देने की ज़रुरत है आपने उस रिश्ते से क्या सीखाI
स्त्रोत: मेकिंग मीनिंग ऑफ़ सिग्निफिकेंट इवेंट्स इन पास्ट रिलेशनशिप्स: इम्प्लिकेशन्स फॉर डिप्रेशन अमंग न्यूली सिंगल इंडिविजुअल्स (2016)I जोर्नल ऑफ़ सोशल एंड पर्सनल रिलेशनशिप्स
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गर्लफ्रेंड से रिश्ता खत्म हुए अब 6 महीने हो गए हैं और कभी-कभी आपको लगता है कि आप उसे पूरी तरह भुला चुके हैंI लेकिन यह सच नहीं होताI आप बार-बार उस समय को याद करते हैं जब आपका रिश्ता खत्म हो रहा था और यह पता लगाने की कोशिश करते रहते हैं कि गलती आखिर कहाँ हुई!
लेकिन क्या होगा अगर आप यह सोचना शुरू करदें कि सही क्या हुआ? निस्संदेह रिश्ते की अच्छी बातों को याद करना थोड़ा मुश्किल होगा, खासकर तब जब आप अपनी एक्स को भुलाने की भरसक कोशिश में लगे हैंI लेकिन अपने रिश्ते की सकारात्मक बातों को याद करना और उससे मिली सीख के बारे में सोचना, आपकी आगे बढ़ने में सहायता कर सकता है, ऐसा मानना है एक नयी शोध से उजागर हुए परिणामों काI
सुखद अंत?
इस अध्ययन के लिए 146 उन पुरुष और महिलाओं को बुलाया गया जिनका हाल ही में ब्रेकअप हुआ थाI पहले उनसे कुछ ऐसे सवाल पूछे गए जिनसे यह पता चले कि वो उदास हैं या नहींI उसके बाद शोधकर्ताओं ने उनसे उनके रिश्ते में हुई सबसे महत्त्वपूर्ण घटना के बारे में एक छोटी कहानी लिखने को कहा जिसमे उन्हें यह बताना था कि क्या हुआ था और उस घटना के दौरान वो और उनके साथी के मन में क्या चल रहा था I
सब लोगों द्वारा कहानी लिखने के बाद शोधकर्ताओं ने हर किसी की कहानी को बेहद ध्यानपूर्वक पढ़ाI असल में वो यह जानना चाहते थे कि कहानियों का अंत सुखद था या दुखदI
शोधकर्ताओं ने जाना कि जब लोग ब्रेकअप के बाद अपने आपको अपने पुराने रिश्ते के बारे में बताते हैं तो उसका उनके दिलों-दिमाग पर गहरा असर पड़ता हैI जिन लोगों की कहानियां का अंत सुखद था, उनके निराश रहने की सम्भावना कम थीI
दो तरीके
लेकिन किस तरह की कहानियों का अंत सुखद होता है? शोधकर्ताओं ने पाया कि सकारात्मक कहानियों में दो तरह के पैटर्न थेI और जिन लोगों ने अपनी कहानियों में इन तरीकों का इस्तेमाल किया था, उनके अपने रिश्ते के खत्म होने के बाद सुखी रहने की सम्भावना अधिक थीI
पहले तरीके में लोगों की कहानियां इस बात पर केंद्रित थी कि वो अपने साथी से कितने करीब थे, फिर चाहे वो नज़दीकियां शारीरिक हो या भावात्मकI इन कहानियों में लोगों ने यह भी बताया था कि वो अपने साथी को कभी भी कुछ भी कह सकते थे और उन पर कितना विश्वास करते थेI महत्त्वपूर्ण बात यह थी कि ऐसी कहानी लिखने वाले लोगों ने इस बात पर ध्यान दिया था कि कैसे इस रिश्ते की वजह से उनका विकास हुआ थाI
दूसरे तरीके में लोगों ने इस बात बिलकुल तवज्जो नहीं दी थी कि रिश्ते के खत्म होने की क्या वजह थीI उदहारण के तौर पर, यह कहने की बजाय कि रिश्ता क्यों खत्म हुआ, उन्होंने यह लिखा कि उन्होंने उस रिश्ते से क्या सीखाI
सबसे ज़रूरी: आगे बढ़ें
तो अगर आपका अभी-अभी दिल टूटा है तो इस रिसर्च की मदद से आप पूरी तरह से 'सिंगल' व्यक्ति में परिवर्तित हो सकते हैंI इस बात पर ध्यान दें कि आप ब्रेकअप के बाद अपने आप को क्या बता रहे हैं? कहीं आप इस मुश्किल समय को अपने लिए और मुश्किल तो नहीं बना रहे?
अगर हाँ, तो अपनी कहानी दोबारा लिखेंI अपने आपको वो पल याद करवाएं जिनमे आप दोनों बेहद करीब थेI उन बातों पर ध्यान ना दें जिनकी वजह से शायद आप दोनों अलग हो गए, बल्कि यह सोचें कि उस रिश्ते की वजह से आपके जीवन में क्या सकरात्मक बदलाव आयेI शायद इस वजह से आप भविष्य में कुछ चीज़ें अब अलग ढंग से करना चाहेंगेI
ब्रेकअप से उबरने के लिए यह सोचना ज़रूरी नहीं कि गलती कहाँ हुई, बल्कि इस बात पर ध्यान देने की ज़रुरत है आपने उस रिश्ते से क्या सीखाI
स्त्रोत: मेकिंग मीनिंग ऑफ़ सिग्निफिकेंट इवेंट्स इन पास्ट रिलेशनशिप्स: इम्प्लिकेशन्स फॉर डिप्रेशन अमंग न्यूली सिंगल इंडिविजुअल्स (2016)I जोर्नल ऑफ़ सोशल एंड पर्सनल रिलेशनशिप्स