पता नहीं मैं बाप भी बन पाउँगा या नहीं? आई. के. (28),दिल्ली I
आंटी जी कहती है...ओ मेरे लाल वीर्य के गाढ़ेपन और मात्रा का हस्तमैथुन से कोई लेना देना नहीं हैI और ना ही यह तेरी प्रजनन कर पाने की क्षमता का कोई पैमाना हैI मस्त रहो बेटा जी!
अब देखो, एक वीर्य के अंदर बहुत सारे अंश होते है और शुक्राणु उसमे से एक अंश हैI जितनी बार भी तुम स्खलित करते हो, लाखो करोडो शुक्राणु बहार निकलते हैI जब उन लाखो करोड़ो में से कोई एक छोटा सा शुक्राणु लड़की के अंडकोष से मिलता तो बच्चा पैदा होता हैI लेकिन इसके लिए बहुत सारी और भी बाते ज़िम्मेदार है, जो केवल एक लड़के ही नहीं बल्कि एक लड़की पर भी निर्भर करती हैI
इसका तेरे शुक्राणु की शक्ल सूरत से कोई सरोकार नहीं हैI अब अगर तेरे 'पतले पानी जैसे' वीर्य के अंदर अच्छी मात्रा में शुक्राणु है तो बस,काफ़ी हैI और प्लीज़, अपनी ज़िंदगी में आने वाली हर मुसीबत के लिए हस्तमैथुन को ज़िम्मेदार ठहराना बंद करोI तुम्हारा बस चले तो सुनामी और भूकम्प ले लिए भी हस्तमैथुन को ही बलि का बकरा बना दोई
क्यों होता है पतला वीर्य?
इसके कई कारण हो सकते है - आप क्या खाते हो, ज़्यादा स्खलन होना, या फिर वीर्यकोष में ज़रुरत से ज़्यादा गर्मी होना I और यह एक अस्थायी समस्या है, इसके लिए इतना सोचने की ज़रूरत नहीं हैI बन जायेगा तू बाप, घबरा मतI
यह कोई अस्वस्थता भी हो सकती हैI तू एक काम कर, डॉक्टर के पास जाकर 'रेटोग्रेड एजैक्युलेशन' की जांच करवा लेनाI यह एक ऐसी अवस्था होती है जिसमे आप कम या बिलकुल भी स्खलन नहीं कर रहे होते है I लेकिन एक बार फ़िर बता रही हूँ, कि इसके लिए अपनी नींद हराम करने कि ज़रूरत नहीं हैI
घबराना नहीं है
वैसे एक बात बता, वीर्य कि इतनी गहराई से जांच पड़ताल करने कि क्या ज़रुरत है? मेरे भाई, अगर किसी को बच्चा नहीं पैदा हो रहा होता तो उसके कई चिकित्सा सम्बन्धी कारण होते है, और उसमे से कोई भी कारण हस्तमैथुन नहीं होताI समझे?
मुझे आज तक नहीं समझ आया कि पुरुषो को इसका 'गाढ़ापन' क्यों अच्छा लगता है I अरे बाबा, हमें सिर्फ़ शुक्राणुओ की ज़रुरत होती है, और अगर वो तैर कर तेरे अंदर से निकल कर जहाँ उन्हें जाना है वहां जा सकते है तो बस उनका काम ख़त्मI हस्तमैथुन ज़्यादा करने से सिर्फ़ गाढ़ेपन पर फ़र्क पड़ता है, बस और कुछ नहीं, और वो भी चिंता का विषय नही हैI
चिंता के विषय
हाँ, स्खलन के वक़्त कुछ बातो का ध्यान रखना ज़रूरी है I जैसे कोई अजीब सी बू या अजीबो गरीब रंग या फ़िर खून आना... वरना तो सब ठीक है बेटाI
तुझे पता है मुझे तेरी परेशानी में सबसे अच्छी बात क्या लगी? "मैं बाप बन पाउँगा या नहीं?" मैं तेरा दर्द समझती हूँ बेटा, वैसे आमतौर पर यह दर्द लड़कियों को ज़्यादा होता क्यूंकि उन बेचारियों पर समाज का बड़ा दबाव होता है, जैसे उन्हें अकेले बच्चे पैदा करने हैI
लेकिन जैसा कि हमने आज जाना, डर पुरुषो को भी लगता है I उन्हें भी अपने पौरुष का सबूत देने का दबाव होता है I लेकिन कुछ पुरुषो के लिए औरतो को प्रताड़ित करना मर्दानगी कहलाता है और कुछ के लिए बच्चे पैदा करना I मेरी नज़र में तो दोनों का ही मर्दानगी से कोई लेना देना नहीं हैI
तुझे क्या लगता है?
मस्त रह और व्यस्त रह
एक बार मुझसे एक लड़के ने पुछा, "आंटी जी, मुझे लगता है मेरा खून पतला हो रहा है, क्या इसकी वजह हस्तमैथन तो नहीं?" अरे भले मानस तू कोई डॉक्टर लगा है, जो यह निश्चित करेगा की पतला-गाड़ा क्या है?
और अब तू आ गया, " कि मेरा वीर्य पानी जैसा है" I कल को पूछोगे की मेरी हड्डिया हस्तमैथुन कि वजह से पतली हो रही है I तुम लोग भी क्या क्या सोचते हो, मस्त रहो, अपने शरीर से प्यार करो और इन बेकार कि बातो मैं ध्यान लगाना बंद करोI