आंटी जी कहती हैं …सवाल ये है पुत्तर कि बात किसकी सुरक्षा की है- उसकी या तेरी?
पहले तू
पहले तू मोना- में तुम लड़कियों से ज़रा निराश हूँ। बेटा शरीर किसका है? उसका ख्याल कौन रखेगा? कौन इसकी सुरक्षा की चिंता करेगा? ना तो तेरे पड़ोसी, ना तेरी मम्मी और ना ही तेरे जीवन में आने वाले पुरूष- बल्कि इसका ख्याल तुझे खुद रखना है बच्चे। मैं ये बात सैकड़ो बार कह चुकी हूँ- अपने शरीर का आदर करो, अपने शरीर से प्यार करो- अगर तुम खुद नही करोगे तो कोई और बिल्कुल नही करेगा।
किस कीमत पर
अब जरा तेरे बॉयफ्रेंड के बारे में बात करते हैं जिसने अपने शारीरिक सुख के लिए कंडोम इस्तेमाल करना बंद कर दिया। मज़ा तो सबको पसंद है लेकिन अपने फ़ायदे के चलते तेरे शरीर के हार्मोन को दांव पर क्यों लगाना? मज़े उसके, चिंताएं और बेचैनी तेरी -वाह! मेरे खयाल में तो इसे अच्छा सेक्स नहीं कहा जा सकताI
परवाह या नियंत्रण
अब तू कहेगी, लेकिन मैं उसे खोना नहीं चाहती आंटी जीI मैं समझती हूँ पुत्तर कि तूने इस रिश्ते में बहुत सारा समय और ऊर्जा निवेश की है लेकिन यह बात तो तेरे बॉयफ्रेंड पर भी लागू होनी चाहिए, हैं ना? मैं उसे खोना नहीं चाहता, और ना ही यह चाहता हूँ कि मेरे वजह से उसे कोई नुकसान हो और ना ही उसके दिल को ठेस पहुंचेI लेकिन शायद उसे ऐसी कोई चिंता नहीं होगीI जानती है क्यों? क्यूंकि कभी
तूने उसको यह एहसास ही नहीं दिलायाI तू उसकी सारी मांगे मानती रही, उसके कहने पर गोलियां लेती रही और अब उसको यह लगता होगा कि वो तो 'परफेक्ट' है! तुझे शायद यह लगता है कि उसे तुझे प्यार है और इसीलिए वो तेरी परवाह करता हैI लेकिन तू यह नहीं समझ पा रही है कि इस 'प्यार और परवाह' का तेरे शरीर पर क्या असर पड़ रहा हैI बेटा यह परवाह नहीं है, यह नियंत्रण हैI तेरे शरीर और तुझे अपने फैसले खुद ना लेने देने पर नियंत्रणI
अंतिम फैसला
बस पुत्तर यह गोली-शोली का नाटक बहुत हो गयाI अब तूने कोई गोली नहीं लेनी बल्कि उसे एक बढ़िया से कंडोम का पैकेट करना हैI सेक्स करते समय मूड बनाने के लिए माहौल को सेक्सी बनाने पर ध्यान देना हैI यह सब करेगी तभी सारी चिंताएं छोड़ सेक्स का पूरा मज़ा उठा पाएगीI जितना चाहे उतना सेक्स करो, लेकिन ध्यान रहे कि उसने कंडोम पहना होI इससे तेरा मासिक चक्र भी सुचारु हो जाएगाI अपने शरीर का भी पूरा ध्यान रखोI स्वस्थ खाओ, व्यायाम करो और जितनी तुम्हारे शरीर की ज़रुरत हो, उतना आराम भी करोI एक बात और गाँठ बाँध लो - यह तेरा शरीर है, इस पर नियंत्रण भी तेरा ही होना चाहिए, ठीक है ना पुत्तर? इसका यह मतलब नहीं कि तू अपने बॉयफ्रेंड के सेक्स करने के तरीके तिरस्कार कर रही है - बस तू अपने शरीर से प्यार कर रही हैI
लेखक की गोपनीयता बनाये रखने के लिए तस्वीर के लिए एक मॉडल का इस्तेमाल किया गया हैI
क्या आपने भी कभी कंडोम की जगह गोलियों का इस्तेमाल किया है? अपना अनुभव नीचे लिखकर या फेसबुक के ज़रिये हमें बताएंI अगर आपके मन में कोई निजी सवाल हो तो हमारे चर्चा मंच का हिस्सा बनेंI