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गर्भनिरोधन से जुड़ी 10 गलत धारणाएं

गर्भनिरोधन से सम्बंधित कई निराधार धारणाएं प्रचलित हैं। अगर आप इन पर आँख बंद कर के भरोसा करेंगे तो संभव है कि आप या आपका साथी गर्भवती हो जाएं, जबकि आप ऐसी स्थिति में होने के इच्छुक नहीं थे।

आइये इन गलतफहमियों को दूर करें!

मिथ्या 1: सुरक्षित दिनों में असुरक्षित सेक्स किया जा सकता है

सुरक्षित दिनों की गिनती गर्भ से बचाव का सबसे कमज़ोर तरीका है क्योंकि मासिक धर्म का चक्र बदलता रहता है।इसलिए जो गणित आपने लगायी है, ज़रूरी नहीं कि वो सही ही हो।

मिथ्या 2: कंडोम की जगह गुब्बारे या प्लास्टिक की थैली का प्रयोग किया जा सकता है

कंडोम दिखने में गुब्बारे जैसा ज़रूर हो सकता है लेकिन ये गर्भ रोकने के लिए नहीं बना है। गुब्बारों का निर्माण अलग पदार्थों से होता है और ये गुप्तांगों में जलन या संक्रमण उत्पन्न कर सकते हैं। तो बेहतर है कि आप सेक्स के दौरान उसी चीज़ का प्रयोग करें जो उस काम के लिए बनी हैI

मिथ्या 3: एक से भले दो कंडोम

एक की बजाय दो कंडोम (महिला या पुरुष कंडोम) का प्रयोग आपस की रगड़ और वीर्य का फिसलन पैदा कर सकता है। इसलिए एक ही कंडोम का प्रयोग सही तरीका है।

मिथ्या 4: गोलियों से बाँझपन

गोलियां बाँझपन की वजह नहीं बनती।इस बात की भी कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं है कि गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने वाली महिलाओं को गोलियां रोकने के बाद गर्भ ठहरने में दूसरी महिलाओं की तुलना में अधिक समय लगता है।

मिथ्या 5: स्खलन से पहले लिंग बाहर निकलना असरदार तरीका

अगर सब कुछ सही रहे तो जी हाँ, ये तरीका बुरा नहीं है। लेकिन् सेक्स के दौरान हर बार ऐसा हो पाये, इस बात की सम्भावना ज़रा कम है। एक साल में इस तरीके का प्रयोग करने वाली 100 में से 27 औरतें गर्भवती होती हैं। तो अगर जोखिम संख्या का प्रतिशत आपको ठीक ठाक लगता है तो आप ऐसा करना जारी रखें, अन्यथा दूसरे  तरीके आज़माना शुरू कर दें।

मिथ्या 6: सेक्स के बाद स्नान या योनि की सफाई से गर्भ निरोधन

बड़ी गलतफहमी! स्खलन के बाद शुक्राणु योनि से होते हुए तेज़ी से अपनी मंज़िल की तरफ बढ़ जाते हैं। इसलिए योनि को साफ़ करना ता स्नान करना असरदार नहीं हो पायेगा।और साथ ही साथ योनि के भीतर साबुन जाने से योनि की त्वचा में खुजली, सूखापन और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

मिथ्या 7: सेक्स इच्छा पर इम्प्लांट (आरोपण) का प्रभाव

इस बात की कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं है। जिस प्रकार गर्भ नियंत्रण के हार्मोनल तरीकों के फलस्वरूप कुछ महिलाओं का कहना है कि उनकी सेक्स इच्छा कम हो गयी, कुछ का कहना है कि उनकी इच्छा बढ़ गयी। लेकिन अधिकतर का मानना है कि इसका उनकी सेक्स इच्छा पर कोई प्रभाव नहीं हुआ।

मिथ्या 8: इंजेक्शन्स मासिक धर्म चक्र के लिए हानिकारक

ये सच है कि हार्मोनल जन्म नियंत्रण तरीकों के प्रभाव से माहवारी का चक्र प्रभावित हो सकता है।किन्तु ये प्रभाव किसी भी तरह हानिकारक नहीं होते और महिला के शरीर में रक्त जमा होने का कारण भी नहीं होते।

मिथ्या 9: आई यू डी (अन्तर्गर्भाशयी यंत्र) सिर्फ उन महिलाओं के लिए है जिनके पहले से बच्चे हैं

पहले डॉक्टर आई यू डी की सलाह केवल उन महिलाओं को दिया करते थे जो पहले माँ बन चुकी थीं, क्योंकि ऐसे में निर्वासन की सम्भावना ज़्यादा रहती थी। लेकिन यह शोध अभी किसी ठोस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा है। आई. यू. डी के निश्चित फायदे उसके संभावित नुकसान से कहीं ज़्यादा हैं।

मिथ्या 10: स्तनपान के दिनों में गर्भ ठहरना संभव नहीं है

स्तनपान कुछ समय के लिए अन्डोस्तर्ग बंद कर सकता है, लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है। तो यदि आप स्तनपान करा रही हैं, और आप अभी फिरणसे गर्भवती नहीं होना चाहतीं, तो आपको गर्भ निरोधन के लिए कोई तरीका प्रयोग में अवश्य लाना चाहिए।

क्या आपने गर्भनिरोधन से जुड़ी कोई और प्रचलित धारणाएं सुनी हैं? यहाँ लिखिए या फेसबुक पर इस बारे में अपने विचार लिखिए।