नमस्ते आंटी जी, कहने को तो हम अब आधुनिक हो गए हैं लेकिन आज भी मैं कई बार अपने आपको रूढ़िवादी मिथकों से झूझती हुई पाती हूँ - जैसे पीरियड में अचार नही छूना, वगैरह, वगैरहI यह सूची बढ़ती ही जाती है और खासकर लड़कियों के लिए तो जैसे यह अंतहीन है। कभी-कभी थक जाती हूँI गुंजन, 21, नोएडा
क्या लड़को को मेकअप से लिपि पोती लड़कियां भाती हैं या फ़िर वो प्राकृतिक सुंदरता में विश्वास रखते हैं? यूके में की गयी रिसर्च ने यह साफ़ कर दिया है कि उन्हें निस्संदेह उससे कम श्रृंगार पसंद है, जो लड़कियां आमतौर पर करती हैंI
भारतीय परिवारों में सेक्स के बारे में बात करना हमेशा निषिद्ध रहा है। 90 के दशक के नौजवानों के लिए सेक्स के बारे में कुछ भी जानने का एकमात्र तरीका बॉलीवुड था। किरण आज हमारे लिए वो सारी जानकारी लेकर आयी है जो उसे बॉलीवुड से मिली, या शायद नहीं मिलीI
जब नंदिनी को अनचाहा गर्भधारण हुआ तो एक ऐसे व्यक्ति का रवैया सबसे दुखदायी था जिससे उसे सबसे ज़्यादा समर्थन और देखभाल की उम्मीद थीI नहीं, यह व्यक्ति उसके परिवार, रिश्तेदारों या उसके पड़ोस से नहीं था बल्कि यह व्यक्ति था - एक डॉक्टरI
भोपाल की सीमा 29 साल की उम्र में विधवा हो गयी थीI बच्चो का सही पालन-पोषण करने और उनके अच्छे भविष्य के चक्कर में सीमा खुद की शारीरिक इच्छाओं के बारे में जैसे भूल ही गयी थीI लेकिन इंटरनेट की मदद से मिला उसके एक अप्रत्याशित दोस्तI
आज हम एक ऐसे समय में जी रहे हैं जहाँ हर काम के लिए टेक्नोलॉजी उपलब्ध हैI यहाँ तक कि अब प्यार ढूंढना और करना भी 'तकनीकी' हो गया हैI डेटिंग के लिए एप्स जो आ गई हैंI पर क्या यह माध्यम सबके लिए कारगर है? जानने के लिए आगे पढ़ेंI
नमस्ते आंटी जी ... वैसे तो मैं बहुत बातूनी हूं लेकिन कोई लड़की सामने आते ही जैसे मेरी जीभ तालु से चिपक जाती हैI मुझे समझ ही नहीं आता की उनसे बातें कैसे शुरू करुंI क्या आप प्लीज़ मेरी मदद कर सकती हैं? राघव, नई दिल्ली, (22)