रघु को वरुण पसंद है। वरुण उसके जिम का एक लड़का है। जब वे वर्कआउट कर रहे होते हैं, तो वरुण भी उसे देखकर मुस्कुराता है और दोनों अक्सर हेल्दी डाइट, प्रोटीन शेक और यहां तक कि चुटकुलों के बारे में भी एक दुसरे को टिप्स देते हैं। रघु समलैंगिक/गे है और वह वरुण को रोमांटिक तरीके से पसंद करता है लेकिन क्या वरुण भी यही सोचता है? तो इस आर्टिकल में हम ऐसे हे रिश्ते में आगे बढ़ने के लिए आपकी मदद के लिए कुछ टिप्स लाये हैं :
‘हे ब्यूटीफुल’ जैसे मेसेजेस से दिन की खूबसूरत शुरुआत होना, विडिओ कॉल पर निहारे जाना, वो भी जब मैंने ठीक से काजल तक न लगाया हो... मुझे खुद से प्यार होने लगा था’... जब आप किसी डिसेबिलिटी के साथ जीते है, तो आप चाहते हैं कि आपकी जिन्दगी में कोई ऐसा आये जो आपको आपकी डिसेबिलिटी के साथ प्यार करें, ना की उसके बावजूद। श्वेता ने राइजिंग फ्लेम के साथ अपनी कहानी साझा की।
‘वह तो टॉमबॉय है। हमेशा लड़कों के जैसे कपड़े पहनती है।’
‘लंबे बाल, नेल पेंट और नोज रिंग - क्या लड़के भी पहनते हैं?’
एक जेंडर के लोग दूसरे जेंडर के कपड़े क्यों पहनते हैं, यह जानते हुए भी कि समाज की दृष्टि से यह उनके जेंडर के लिए फिट नहीं है। इसे क्रॉसड्रेसिंग कहते हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं:
जब पार्थ ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए अपना घर छोड़ा, तो वह इस बात को लेकर आशंकित था कि उसका रूममेट हॉस्टल में कौन होगा। उनके पिता ने उन्हें आश्वस्त किया कि रूममेट कपल की तरह हैं। जब वह सचमुच किसी स्थिति में फंस जाता है तो क्या होता है?
यूँ तो 2018 में समलैंगिक संबंधों को भारत में वैध करार दिया गया, भारत के LGBTQIA + समुदाय की मुश्किलें पूरी तरह से ख़त्म नहीं हुई हैं। अभी बहुत से मुद्दे हैं जहां उन्हें विषमलैंगिक लोगों के मुकाबले आये दिन भेद-भाव और मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं। क़ानूनन शादी न कर पाने से लेकर किराये पर घर लेने तक, हर बात के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती हैं। आइए जानते हैं 2018 की उस बड़ी जीत के बाद भारत के LGBTQIA + समुदाय को अब भी किन मुद्दों पर पूर्ण अधिकार या आज़ादी नहीं हैं।
जब सोनल, एक ट्रांसवुमेन, बैंगलोर में शिफ्ट हुई और उन्होंने एक नई कंपनी में जॉब करना शुरू किआ, तो उन्हें क्या पता था कि उसका एचआर न केवल उनके रहने के लिए घर ढूंढने में मदद करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि उनके पास इस्तेमाल करने के लिए जेंडर न्यूट्रल बाथरूम हो। उन्होंने राइज (RISE) जॉब फेयर के माध्यम से एलजीबीटीक्यू संवेदनशील कार्यस्थल पर नौकरी हासिल की और लव मैटर्स के साथ अपनी कहानी साझा की।
रजनीश को अपने कपड़ों की वज़ह से अपने पसंदीदा पब के बाहर से ही वापस लौटना पड़ा। इस घटना ने उन्हें अंदर से तोड़ दिया और वह इस अपमान को बर्दाश्त नहीं कर पाये। रजनीश ने लव मैटर्स इंडिया को बताया कि कैसे अभि ने उन्हें धैर्यपूर्वक सुनकर संभलने में उनकी मदद की।
नीतीश बचपन में अपनी मां की साड़ी पहनकर उनके साथ खेला करते थे। नीतीश की मां को भी उनके साथ खेलना बहुत अच्छा लगता था। आज जब वह ड्रैग क्वीन शबनम बनते हैं तो उन्हें कहीं ना कहीं यह महसूस होता है कि उनकी मां उनके साथ हैं और हमेशा रहेंगी।