Crying woman close-up
Chepko Danil Vitalevich

टूटे रिश्ते से उबरना इतना मुश्किल क्यूँ?

द्वारा Sarah Moses जुलाई 7, 04:09 बजे
ब्रेक अप अक्सर मुश्किल होते हैंI ताज़ातरीन वैज्ञानिक शोध यह समझाने में मदद करती कि रिश्तों का ख़त्म होना इतना तकलीफदेह क्यूँ होता हैI

रिश्तों के सम्बन्ध में यदि बात की जाये तो एक रिश्ते के ख़त्म होने से ज्यादा दर्दनाक और कुछ नहीं होताI अपने रूमानी साथी को खो देना बेहद दुखद होता है और अधिकतर लोग इस एहसास को जीवन में कम से कम एक बार तो अनुभव करते ही हैI

तो आखिर ब्रेक अप के बारे में ऐसा क्या है जो इसे इतना मुश्किल बना देता है? और आखिरकार जब हम इसके दर्द से उबरते हैं, तो क्या हम सचमुच सब कुछ भुला चुके होते है?

ईसी तरह के कुछ प्रश्नों का जवाब खोजने कि मुहीम छेड़ी, अमरीका के एक रिसर्च समूह नेI उन्हें ये जानने कि जिज्ञासा थी कि लोगों के बीच प्यार ख़त्म क्यूँ हो जाता है और इस दौर से वो कैसे उबरते है? उन्होंने इस सम्बन्ध में किये गए अध्ययन को संगृहीत कर के प्रस्तुत कियाI

ब्रेक अप का इतिहास

वैज्ञानिक दल ने यह पता लगाना शुरू किया कि लोग किन परिस्थितयों में रिश्तों को ख़त्म करने का फैसला करते हैI सबसे प्रत्यक्ष कारण तो एक जोड़े का एक दुसरे के प्रति स्वाभाव पाया गया- अधिकतर महिला और पुरुष अपने साथी का कटुतापूर्ण स्वाभाव बर्दाश्त नहीं कर पाते है और अलग हो जाना बेहतर समझते हैI

लेकिन इसके अलावा महिला और पुरुषों में कुछ अंतर भी हैI सामान्यतः किसी ब्रेकअप की पहल करने वाले लड़के ही होते हैं, यदि उन्हें पता चलता है कि उनकी महिला साथी ने किसी और पुरुष के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाये हैI दूसरी ओर महिलाओं कि पहल अक्सर भावनात्मक धोखेबाजी से जुडी हुई पाई गयीI हालाँकि यह सिर्फ सामान्य स्थिति की बात है- मोटे तौर पर महिला या पुरुष दोनों को भानात्मक या शारीरिक धोखेबाजी से चोट पहुंचना स्वाभाविक हैI

बहरहाल, उद्धव का विज्ञान इस बात को समझा सकता हैI मुद्दा है अपने बच्चों में अपने जींस पहुंचा सकने का, तो यदि किसी पुरुष को लगता है कि उसकी महिला साथी उसके साथ वफादार नही रही है तो उसे यह शंका रहती है कि ये बच्चा या बच्चे उसके है या नहीI चूंकि एक महिला को यह सच पता होता है, इसलिए महिलाओं के लिए मुख्य मुद्दा होता है उसके बच्चों कि सही परवरिशI तो यदि किसी महिला को अपने पुरुष साथी पर भावनात्मक धोखेबाज़ी बाजी का शक हो, तो उसे यह लगने लगता है की उसके बच्चो का भविष्य ऐसे आदमी के साथ सुरक्षित नही है जिसके दूसरी औरत से सम्बन्ध हैI

प्यार कि आदत

वजह जो भी हो, कोई प्यार का रिश्ता टूटता है तो दर्द स्वाभाविक हैI कई बार किसी के प्रति प्यार नशे के सामान हो सकता है- आप उन्हें अपने दिमाग से निकाल ही नही पाते और सारा समय उनके साथ गुज़ारना चाहते हैI जब दो लोग एक दुसरे से बहुत ज्यादा प्यार करने लगते है तो मस्तिष्क के भीतर कुछ आनंद केंद्र सक्रिय हो जाते हैI शोध दर्शाती है कि कुछ ड्रग्स के सेवन से भी यही केंद्र सक्रिय होते हैI

तो अगर यह मान लिया जाये कि किसी से अत्यधिक प्यार करना एक तरह से नशे की लत के सामान ही है, तो प्यार के नशे से बाहर निकल पाना ड्रग्स की लत से निजात पाने जितना ही मुश्किल हो सकता हैI

शुरुवात में ऐसा भी संभव है कि लोग अपने साथी का पीछा करने के बारे में सोचे- क्यूंकि वो देखना चाहते है कि वो किसके साथ है,कहाँ है और क्या कर रहे हैI इस तरह कि हरकतें प्यार के नशे का ही प्रभाव् होती हैI

फिर मोहब्बत...

सौभाग्यवश, एक अच्छी खबर भी हैI मुश्किल  भले ही हो, लेकिन टूटे दिल और रिश्ते से उबर पाना संभव है, और जैसा कि कहा जाता है, समय के साथ ये ज़ख्म भर ही जाते हैI अध्ययन के लेखक डॉ ब्रायन बाऊटवेल कि माने तो बात सिर्फ सब्र और संयम की हैI इस रात कि सुबह संभव हैI

हमारे दिमाग के कुछ हिस्से प्यार कि इस लत के छूट जाने के बाद सामान्य हो सकते है, और इनके सामान्य होते ही हम एक बार फिर नए आकर्षण, प्यार और नए रिश्तों के लिए तैयार हो सकते हैI डॉ ब्रायन के अनुसार इस विषय में अभी और रिसर्च करने कि ज़रूरत हैI

स्त्रोत: When love dies: Further elucidating the existence of a mate ejection module, Boutwell, Brian B., Barnes, J. C., Beaver, Kevin M.

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