मैरी और जॉन के सम्बन्ध ने जब गंभीर राह पकड़ी तो मैरी ने गर्भ नियंत्रण गोलोईयों का प्रयोग शुरू कर दियाI उसके डॉक्टर ने उसे इसके साइड इफेक्ट्स के बारे में सचेत कर दिया था जैसे की मूडी स्वाभाव हो जाना, स्तनों का संवेदनशील हो जाना या फिर वजन बढ़नाI लेकिन एक बात की तरफ मैरी का ध्यान शायद नहीं गया था और वो ये थी की इन गोलियों के असर से उसकी सेक्स की चाह का कम होनाI
इसकी वजह ये थी की मैरी की ही तरह दूसरी महिलाएं भी इन गोलियों को लेने से आये हार्मोन स्तर में बदलाव के प्रति संवेदनशील हो सकती हैं, इस अध्यन से पता चलाI इसी रिसर्च ने गर्भ निरोधन के इन् प्रचलित तरीकों के सेक्स जीवन पर पड़ने वाले इस महत्वपूर्ण पर पहली बार ध्यान दियाI
इस अध्यन में 55 जोड़ों ने भाग लिया जिनमे से अधिकतर स्टूडेंट्स थेI हर महिला ने तीन-तीन महीने के लिए तीन अलग अलग तरीकों का इस्तेमाल किया-मिश्रित गोलियां,केवल-प्रोजेस्ट्रोन गोलियां और योनि रिंगI
इसके बाद रिसर्चकर्ताओं ने दोनों पार्टनर्स से उनकी सेक्स चाह, मानसिक और शारीरिक स्वस्थ और रिलेशन में उनके संतुष्टि स्तर से जुड़े कुछ सवाल पूछेI हार्मोनल नियंत्रण के महिलाओं पर असर को जांचने के लिए उनके खून के सैंपल भी लिए गएI
योनि रिंग गोलियों से कहीं आगे
रिसर्च ने दर्शया की महिलाओं की सेक्स में दिलचस्पी सिर्फ गर्भ नियंत्रण के मुद्दों तक सीमित नहीं थीI एक बहुत महत्वपूर्ण अंश था उनके पार्टनर का सेक्स की तरफ रुझान- यदि उनके पार्टनर का रुझान ज़्यादा था, उनका भी ज़्यादा पाया गयाI और दूसरा अंश तो स्वाभाविक ही था- महिला यदि अच्छे मूड में हो तो सेक्स की चाह भी सामान्य से ज़्यादा देखी गयीI
और हालाँकि महिलाएं हार्मोनल गर्भ नियंत्रण के उपाय की तरफ अधिक संवेदनशील थी, लेकिन जहाँ बात सेक्स की चाह की आती है, सभी तरीके सामान नहीं थेI जब महिलाओं ने योनि रिंग का उपयोग किया तो उस दौरान उनकी सेक्स की इच्छा दूसरे तरीकों की अपेक्षा ज़्यादा थीI
अंत में, मानव लैंगिकता पर कई बातों का असर पड़ता है, रिसर्चकर्ताओं का कहना ये बातें हैं मनोदशा, रिश्ते की मजबूती या फिर हार्मोन स्तर में उत्तर चढावI सेक्स की चाह पर आपसी बातचीत का भी फर्क पड़ता हैI
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