हेटरोसेक्शवैलिटी क्या है?
हेटरोसेक्शवैलिटी लैंगिक रूझान के तीन सबसे आम रूपों में से एक है। लैंगिक रूझान के अलग-अलग रूपों से पता चलता है कि आप किससे यौन रूप से आकर्षित हैं, किससे भावनात्मक रूप से जुड़ सकते हैं और किस लिंग के साथ रोमांटिक रिश्ते में होना चाहेंगे।
ग्रीक में 'हेटरो' का मतलब 'दूसरा' है। इसलिए, अगर आप एक आदमी हैं, तो इसका मतलब है कि आप महिलाओं की तरफ आकर्षित हैं। या अगर आप एक महिला हैं, तो आप पुरुषों की ओर आकर्षित होती हैं। इसे 'सीधा' या 'हेटरो' भी कहा जाता है।
लगभग 90 प्रतिशत लोग विषमलैंगिक होते हैं। बाकी के 10 प्रतिशत समलैंगिक या कुछ और।
यौन के लिए आपका रुझान सिर्फ उन लोगों पर प्रभाव नहीं डालता जिसकी तरफ आप आकर्षित होते हैं। यह आपकी पहचान को, दूसरों के साथ बातचीत करने के और खुद को व्यक्त करने के आपके तरीकों को भी प्रभावित करता है। यौन का रूझान बदला नहीं जा सकता है। यह बयंहत्थे होने की तरह है: आप बयंहत्थे हो कर भी दाहिने हाथ से लिखने सीखने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन ऐसा कर के आपको कभी भी सही महसूस नहीं होगा - क्योंकि यह आपकी पहचान नहीं है। और अगर आप बयंहत्थे ही रहते हैं, तो ये दुनिया आपके लिए नहीं है। कैंची, चाकू, दरवाजे की घुण्डी: इनमें से कोई भी चीज़ बयंहत्थों के लिए नहीं बनाया जाता है।
यौन के लिए आपके रूझान को लेकर भी कुछ ऐसा हा है। आखिर सोचने वाली बैत है कि क्या कोई इंसान जो खुलेआम समलैंगिक होना स्वीकार करता है, वह आपके देश का प्रधान मंत्री हो सकता है?
ऐसे हालातों में आपके लिए अपने यौन की पसंद के बारे में खुल कर बात करना बहुत मुश्किल हो सकता है जब आप वो नहीं हैं जिसे दूसरे 'सामान्य' मानते हैं।
हेट्रोनौरमैटिविटी
दुर्भाग्यवश, यह एक आम धारणा है कि दुनिया में सभी लोग खुद से विपरीत लिंग में ही दिलचस्पी रखते हैं। हम यह मान लेते हैं कि सभी लोग विपरीत लिंग से ही मिलेंगे और बच्चे पैदा करेंगे। यह बहुत से लोगों के लिए बिल्कुल सच है लेकिन यह बात सभी के लिए लागू नहीं होती।
यह धारणा, कि विपरीत लिंग के लिए रूझान होना ही ठीक होता है, समलैंगिकों के खिलाफ हो जाती है और इसे हेट्रोनौरमैटिविटी या हेट्रोसेक्सिज़म कहते हैं।
उदाहरण के लिए, जब कोई किसी महिला से पूछता है कि उसका कोई बॉयफ्रेंड है तो यह मान लेता है कि सभी महिलाएं पुरुषों को ही पसंद करती हैं। अगर आप ऐसी महिला हैं जो महिलाओं को पसंद करती है, तो इस सवाल से आपको बहुत अकेला महसूस हो सकता है।
एक और उदाहरण यह है कि जब कोई समलैंगिक जोड़े से पूछता है कि उनमें ‘पैंट कौन पहनता है?' तो यह मान लिया जाता है कि एक रिश्ते में हमेशा एक मर्दाना व्यक्तित्व और एक औरताना व्यक्तित्व होता है। यह एक धारणा इस विचार पर आधारित है कि हर कोई विपरीत लिंग में ही दिलचस्पी रखता है।
ये विचार और धारणाएं दूसरे यौन रूझान वाले लोगों को दबा देते हैं और उन्हें कलंकित करार देते हैं।