Thinkstock

शादी का प्रपोजल: क्या करें और क्या नहीं?

"क्या आप मुझसे शादी करेंगे"? आपकी जिन्दागी का सबसे मुश्किल सवाल शायद यही होगा। तो हम अपनी सलाह के ज़रिये आपको इसके लिए तैयार करने की कोशिश करेंगे!

जब बात शादी के लिए प्रपोस करने की आये तो इसका यही मतलब है की आप दोनों एक दुसरे से बहुत प्यार करते हैं और अपने रिश्ते को अगले लेवल पर ले जाने की इच्छा रखते हैं। आगे बढ़ने से पहले ये निश्चित करलें, और 'क्या करें और क्या नहीं' श्रंखला में हमारे कुछ टिप्स:

क्या करें...

जान लें की क्या जवाब 'हां' होगा

थोड़ी रिसर्च कर लें। रोज़मर्रा की बातचीत में शादी और शादीशुदा ज़िन्दगी की बात छेड़ें और उनका इस बारे में नजरिया जानने की कोशिश करें। अगर वो भी आपकी तरह उत्साहित हैं तो काफी सम्भावना है की जवाब 'हाँ' हो। यदि वी ज्यादा दिलचस्पी ना दिखाएं तो इसका अर्थ है की वो अभी इस बंधन के लिए तैयार नहीं हैं और इंतज़ार करना ही बेहतर है।

इसे यादगार बनाएं
 
एक परफेक्ट प्रपोजल के लिए लाखों रूपए खर्च करना ज़रूरी नहीं, ज़रूरी है की ये पल यादगार बन जाये। तो एक ऐसी जगह चुनिए जो आप दोनों के लिए ख़ास हो- जैसे की कोई  ऐसी जगह जहाँ आप पहली बार मिले थे। कोई खास तोहफा ले जाना न भूलें! और तोहफा अंगूठी ही हो, ये बिलकुल ज़रूरी नहीं- लेकिन जो भी हो उनके लिए ख़ास हो।

ईमानदार बनें
 
प्रपोज करते समय इमानदार रहे। अपने साथी को साफ़  साफ़ बताएं की आप उनसे शादी क्यूँ करना चाहते हैं। उन्हें आपकी बात पर भरोसा  करने की उचित वजह दें। साथ ही भावनाओं में बह कर ऐसे झूठे वादे न करें जिन्हें आप पूरा नहीं कर पाएंगे।

क्या नहीं करें...

बहुत जल्दबाज़ी या बहुत देर...

रिश्ते की शुरुआत में ही शादी की बात कर देना शायद सही न हो। अपने रिश्ते को थोडा वक़्त दीजिये। सपनो की दुनिया से बहार निकलकर जीवन की हकीकतों का एक साथ सामना करें। और जब आप दोनों ने जीवन के उतार चढ़ाव साथ में महसूस कर लिए हों तब शादी की बात सोचें।
 
वहीँ दूसरी तरफ, कहीं इतनी देर न कर दें की आपके साथी के मन में ये उलझन घर कर ले की शायद आप उनसे शादी करना ही नहीं चाहते।

दुनिया में ढिंढोरा

हम फिल्मों में अक्सर क्रिकेट स्टेडियम में या शहर के बीचोंबीच किये प्रपोजल देखते हैं। लेकिन ध्यान रहे, फिल्में अक्सर वास्तविकता से परे होती हैं। असल जीवन में शायद आपके साथी को आपका ये ख़ास पल सार्वजनिक बनता हुआ अच्छा न लगे। तो जब तक आपको अपने साथी की पसंद का पूरी तरह भरोसा न हो, शादी के प्रपोजल को सार्वजनिक ना ही बनाना बेहतर है।
 
'ना' सुनकर होश खो देना
 
यदि आपका साथी 'ना' कर दे तो? भलाई इसी में है की आप इस स्थिति के लिए मानसिक रूप से तैयार रहे।  आप बेशक उन्हें बहुत अच्छी तरह से जानते हों, लेकिन किसी व्यक्ति के दिमाग में चल रही बात का अंदाज़ा अक्सर उस व्यक्ति को ही होता है। 'ना' का अर्थ ये बिलकुल नहीं की सब ख़तम हो जायेगा।
 
इसकी बजाये ये जानने की कोशिश करिए की उनका जवाब ना क्यूँ है? जब आप यह जान लेंगे तो आपको पर्याप्त समय मिलेगा वो सब करने के लिए जिस से उनकी 'ना' को 'हाँ' में बदला जा सके।

आप इस लिस्ट में क्या जोड़ना चाहेंगे? यहाँ लिखिए। कोई सवाल? नीचे टिप्पणी करें या हमारे चर्चा मंच पर विशेषज्ञों से पूछें। हमारा फेसबुक पेज चेक करना ना भूलें। 

'क्या करें और क्या नहीं' श्रंखला के अन्य लेख