आंटीजी कहती हैं... स्वाति पुत्तर, चक दे फट्टे! पहली बार सेक्स एक्सयिटिंग तो होता है लेकिन थोड़ी टेंशन भी देता है।
थोडा अजीब, थोड़ी शर्म लेकिन काफी आनंददायक भी होता है। मुझे ख़ुशी है की तुमने सोच समझ कर ये कदम उठाने की सोची है। ये सोच के मुझे और ख़ुशी होती है की आज के बच्चे सेक्स को लेकर खुलेपन से बात करने की हिम्मत रखते हैं। क्यूंकि यही सही है।
जितना ज्यादा खुल के हम इसके बारे में बात करेंगे, उतना ही ज्यादा हम इसके लिए खुद को तैयार कर पाएंगे। जो चीज़ नेचुरल है, वो वल्गर कभी नहीं हो सकती। खैर, मुद्दे की बात ये है बेटा की सेफ्टी का ध्यान रखना सबसे ज़रूरी है। जो भी करो, वो जल्दबाजी में नहीं, बल्कि सोच समझ के हौले हौले करो।
अब सेफ सेक्स से जुडी बातें तो हम अक्सर सुनते पढ़ते रहते हैं। कंडोम का इस्तेमाल बेहद ज़रूरी है, न सिर्फ प्रेगनेंसी से बचाव के लिए साथ ही सेक्स संक्रमित बीमारीओं से भी यही तुम्हारी रक्षा करेगा। बहुत से लोगों का कहना है की कंडोम सेक्स का मज़ा कम कर देता है, लेकिन बेटा उनकी बात न सुनना। अगर तेरे बॉयफ्रेंड को इस से कोई प्रॉब्लम हो, तो बाज़ार में महिला कंडोम भी मिलते हैं। थोडा मेहनत का काम बेशक है, लेकिन निहायत ही ज़रूरी है।
गर्भ निरोधन
ये भी बहुत ज़रूरी पॉइंट है। देखो बेटा, कंडोम्स बर्थ कण्ट्रोल का अच्छा जरिया है और ये दूसरे इंफेक्शंस से तुम्हारी रक्षा भी करेगा। लेकिन ये दुसरे हार्मोनल तरीकों जैसे की गोलियों जितना इफेक्टिव नहीं है। तो अगर तू बिलकुल दिमाग की तसल्ली चाहती है बेटा तो कंडोम के साथ ऐसी गोली लेना अच्छा आईडिया है।
यहाँ तू बर्थ कण्ट्रोल के अलग अलग तरीकों के बारे में और जानकारी भी पा सकती है पुत्तर। और गोपनीय मदद के लिए FPA इंडिया से भी संपर्क किया जा सकता है। उनकी वेबसाइट पर क्लीनिकों की डिटेल भी है.
किसिंग और आलिंगन
मेरे ये दो शब्द सेक्स के असली मज़े की पूरी कहानी कहते हैं। असल इंटरकोर्स कैसे करना है ये तो तुझे पता ही होगा। मेरी सलाह ये है की इस सब की आराम से किया जाये बिना ज्यादा सीरियसली लिए। ये एक इमोशन है, और एक सुखद एहसास भी। तो हर पल का खुल के मज़ा लेना चाहिए। शुरुवात में सभी कुछ परफेक्ट नहीं हो पता, लेकिन सीखने का भी अपना एक मज़ा है। प्यार करने के कई तरीके हैं लेकिन किसिंग, छुअन और आलिंगन का कोई जवाब नहीं है।
बेटे, तुझे शायद लगे की तेरी आंटी पुराने ख्यालों की है, लेकिन सच तो यही है की ये कदम सही वक़्त पर सही इंसान के साथ उठाया जाये, तभी ये एहसास यादगार बनेगा।
और जब बात हो अच्छे सेक्स की तो क्रिकेट की तरह, सबसे ज़रूरी चीज़ है टाइमिंग. तेरा अपना शरीर तुझे इशारे दे देगा की अब सही समय है, और तेरा दिल तुझे बता देगा की ये सही इंसान है इस समय को खूबसूरत बनाने के लिए। लेकिन फिर भी, दिल से कतई रोमांटिक तेरी आंटी तुझे यही कहेगी की इस कदम को उठाते समय शरीर, दिल के साथ दिमाग से भी सोचना।
दर्द?
मेरी सलाह है की शुरुवात में ज्यादा एक्सपेरिमेंट करने की ज़रूरत नहीं है। आराम से धीरे- धीरे। वो करो जिसमे मज़ा आये। क्या सही और क्या गलत है वो धीरे धीरे वक़्त के साथ खुद सीख लोगे।
हो सकता है शुरू में हल्का दर्द महसूस हो, लेकिन वक़्त के साथ दर्द कम होता जायेगा और मज़ा बढ़ता जायेगा। ये ज़रूरी है की लिंग के योनि में जाने से पहले योनि में तरावट/गीलापन/लुब्रिकेशन हो। शुरवात के सेक्स मं दर्द हनी की वजह यही होती है की हम नर्वस होते हैं, और हमारा ध्यान शर्म और अटपटेपन के चलते एक जगह केन्द्रित नहीं हो पाता। यदि ज़रूरत पड़े तो बेझिजक लुब्रिकेंट का इस्तेमाल करो।
यादगार एहसास
देखो स्वाति, जब तक तुम्हे पता है की तुम क्या कर रही हो तो तुम्हे कोई झटके नहीं लगेंगे। हो सकता है कुछ अटपटे पल आयें, लेकिन जो भी हो, ये तुम्हे सारी ज़िन्दगी याद ज़रूर रहेंगे। मुझे पता है की पहली बार के सेक्स का एहसास कितना ख़ास होता है, इसलिए मुझे तो पुत्तर थोड़ी जलन भी हो रही है, क्यूंकि मेरा गुज़रा वक़्त तो लौट के आना नहीं अब। लेकिन तू मेरे बेटे, इस पल को पूरी तरह एन्जॉय करना। मैं तुझसे बाद में डिटेल्स तो नहीं पहुचुंगी, लेकिन अगर ज़रूरत पडे तो तू बेझिजक पूछ लेना!
अगर आपको प्यार, सेक्स और रिश्तों से जुडे किसी भी सवाल पर आंटी जी की सलाह चाहिए, तो ईमेल करिए।
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पहचान की रक्षा के लिए, तस्वीर में व्यक्ति एक मॉडल है और नाम बदल दिए गए हैं।
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