यह तो हम सब मानते हैं कि हम सब अपने फोनों के गुलाम बन चुके हैंI तभी तो पूरे दिन फ़ोन को एक पल के लिए भी आँखों के सामने से हटने नहीं देतेI लेकिन क्या अब सोशल मीडिया हमारे सेक्स जीवन और अपने साथी के साथ हमारे रिश्ते को भी प्रभावित करने लगा है? चलिए इस पर गौर करते हैं?
क्या उसके कमरे में आते ही आप पर खुमारी बढ़ जाती है? क्या उसकी एक मुस्कान से आपको यकीन हो जाता है कि यही सच्चा प्यार है? अरे, ज़रा दिल की लगाम को थामो भाईI यह तो पता कर लो कि जिसे आप सच्चा प्यार मान बैठे हैं कहीं वो 'इन्फैचुएशन' तो नहीं हैI
ऑनलाइन अपने बारे में ज़्यादा झूठ कौन लिखता है? पुरुष या महिलाएं? रुकिए, अभी नतीजे तक मत पहुंचिएI हाल ही में हुई एक रिसर्च के परिणाम आपको चौंका सकते हैंI
नमस्ते आंटी जी, मैं एक लड़की को बहुत पसंद करता हूं और उसे अपनी गर्लफ्रेंड बनाना चाहता हूं। इसलिए वह जहां भी जाती है, मैं भी पूरे दिन उसका पीछा करता रहता हूं। क्या वो मेरे प्यार को समझ पायेगी? हरीश, 23 वर्ष, दिल्ली
प्यार कई रूपों में आता है - उन चॉक्लेट के डब्बो में जो वो आप के लिए लाती हैं और उस शानदार पीली पोशाक में भी जो आपने उनके लिए चुनी थीI लेकिन ऐसा ही कुछ कंट्रोलिंग या नियंत्रित व्यवहार के लिए भी कहा जा सकता हैI खासकर तब, जब रिश्ते का रिमोट कंट्रोल एक ही व्यक्ति के हाथ में होI अपने रिश्ते ऐसे व्यवहार को पहचानने और उससे निपटने के लिए आज हम आपके लिए लाये हैं कुछ सुझावI
तन्वी बिहार की एक खुशमिजाज़ लड़की थी जो *कपिल नाम के हरियाणवी जाट लड़के को दीवानों की तरह प्यार करती थीI उन दोनों की प्रेमकहानी बड़ी ही खूबसूरत थीI लेकिन एक दिन उस कहानी में उन दोनों के दिलों में प्यार से ज़्यादा यह बात महत्त्वपूर्ण हो गयी कि उनके राशन कार्ड में पता कहाँ का थाI और तन्वी के शब्दों में, उनके घर के पते इतने दूर निकलें कि उसने उनके दिलों की नज़दीकियां भी खत्म कर दीI
नमस्ते आंटी जी..एक महिला होने के नाते क्या आप सेक्स के बारे में बात करते हुए असहज नहीं महसूस करती? आपने इसकी शुरुआत कब और कैसे की? प्रीत, 24 वर्ष, जालंधर
हेलो आंटी जी, मैं रोज़ बस से कॉलेज जाती हूँ और आये दिन मुझे या तो कोई गंदी तरह से देख रहा होता है या फ़िर अनुपयुक्त स्थान पर छू रहा होता हैI मैं इस सबसे तंग आ चुकी हूँ लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मुझे क्या करना चाहिएI प्लीज़ मेरी मदद कीजिये! नेहा,19, दिल्ली