शारीरिक उत्पीड़न आपको शक्तिहीन महसूस करा सकता है। इससे नज़रअंदाज़ करना सही नहीं। तो आखिर आपको कैसे पता चलेगा कि जो आपके साथ हुआ क्या वो ही शारीरिक उत्पीड़न है? और आपको इसका सामना कैसे करना चहिये? जानने के लिए पढ़िए।
ऑफिस में होने वाले शारीरिक उत्पीड़न के खिलाफ हमेशा से ख़ामोशी बनाये रखने कि परंपरा आखिर अब टूटती नज़र आ रही है। हमने मीडिया में काम करने वाली कुछ युवा महिलाओं इस बारे में उनका नजरिया पुछा।
"मैं पसीने में लतपत थी, अस्त्वस्त अवस्था में थी, और अपनी परीक्षा को लेकर इतनी चिंता में थी की मेरा इस पर ध्यान ही नहीं था की मैं कैसी लग रही हूँ। तभी एक लड़का मेरे पास से मुझे धका मरते हुए गुज़रा और उसने मेरे नितम्ब पर चूंटी काटी," प्राची ने कहा।
मेरी दोस्त के एक रिश्तेदार ने मुझसे छेड़-छाड़ करके मेरा शारीरिक शोषण किया। मैं खुद अपने लिए बहुत शर्मिंदा और आत्मग्लानी महसूस कर रही हूँ और मुझे नहीं पता मुझे क्या करना चाहिए। पलक, फरीदाबाद
संभोग से लेकर घरेलु कामकाजों में, हर चीज में भारतीय पुरुष अपने आप को बहुत मर्दाना समझता है।अस्सी प्रतिशत पुरुष सोचते हैं कि डायपर बदलने जैसे काम सिर्फ महिलाओं के लिए होते हैं।
छेड़छाड़ दक्षिणी एशिया में गलत नियत से छूना और भद्दे शब्द कहने के लिए इस्तेमाल करने को कहते हैं।अश्लील टिप्पणी, भीड़ वाले स्थानों पर शरीर रगड़ना या फिर जबरन गन्दी नियत के साथ छूना।
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