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पुरुष बलात्कार: 5 मुख्य तथ्य

सिर्फ इसलिए कि पुरुषों के साथ बलात्कार को भारत मेँ अपराध नहीँ समझा जाता इसका यह मतलब कतई नहीँ हे कि यह हमारे देश मेँ नहीँ होता है।

दुर्भाग्यवश, हर साल कई पुरुषों के साथ शारीरिक शोषण होता है, और यह जरुरी है कि हम इसके खिलाफ आवाज उठाएँ जिससे कानून मेँ फेरबदल हो सके और भारत के सभी नागरिकों के अधिकारों की बराबर सुरक्षा हो।

  1. बलात्कार क्या है?
    बलात्कार का अर्थ है कि आपकी योनि, मलद्वार और मुँह का आप की सहमति के बिना शिश्न या किसी और वस्तु के द्वारा भेदा जाना। मत देने का अर्थ है कि जो भी आपके साथ हो रहा हे उसमेँ आपकी मंज़ूरी है। यहाँ यह जान लेना जरुरी है कि अगर किसी ने आपको डरा कर या ज़ोर ज़बरदस्ती से आपसे 'हाँ' बुलवाया है तो उसे आपकी सहमति नहीं कहा जा सकताI और ना ही ख़ामोशी को आपकी सहमति समझा जायेगा क्योंकि अगर किसी ने आपके साथ ज़बरन सेक्स किया और फ़िर आपको डरा धमका कर या ब्लैकमेल कर चुप रहने पर विवश किया तो भी यह बलात्कार ही समझा जायेगा।
  2. सिर्फ लड़कियों के साथ ही नहीँ
    लोगों को लगता है कि रेप या बलात्कार केवल महिलाओं के साथ ही होते है। कुछ हद तक इसकी वजह यह है कि संचार माध्यमों और समाचारों में हम केवल यही देखते और सुनते है कि बलात्कार केवल महिलाओं के साथ ही होता है। लेकिन यह पुरुषों के साथ भी हो सकता है। मुँह या मलद्वार का भेदा जाना भी बलात्कार की श्रेणी में आता है। एक पुरुष के साथ शारीरिक शोषण ना सिर्फ एक पुरुष कर सकता है बल्कि यह एक महिला भी सेक्स से जुड़े खिलौनों का इस्तेमाल कर पुरुष का बलात्कार कर सकती है। पुरुषों के बलात्कार से जुड़े आंकड़े बेहद कम है क्योंकि आमतौर पर वो इसके खिलाफ़ कोई शिकायत नहीं दर्ज़ करवाते। चाहे वो महिला हो या पुरुष दोनों को ही पूरा अधिकार है कि वो अपने साथ हुए अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएं और यह कानून की ज़िम्मेदारी है कि दोनों के सम्मान की पूरी तरह सुरक्षा करे।
  3. ज़्यादातर लोगों को बलात्कारी के बारे में पता होता है
    फिल्मों में या टीवी पर अक्सर बलात्कारी एक अनजान व्यक्ति होता है लेकिन वास्तविकता में ज़्यादातर अपराधी हमारे जानकार होते है। यह कोई दोस्त हो सकता है या तो कोई ऐसा व्यक्ति जो हमारे परिवार का हिस्सा हो। कई बार तो आपका प्रेमी या आपका साथी भी हो सकता है। यहाँ तक कि शादीशुदा दंपत्ति के बीच में भी बलात्कार होने की संभावना होती है। सिर्फ इसलिए कि आप किसी को अपने आप को स्पर्श करने देते है, इसका यह मतलब नहीं कि वो आपकी सहमति के बिना आपके साथ सम्भोग कर सकते हैं। इस बात की परवाह किये बिना कि आप एक व्यक्ति को कितनी भी अच्छी तरह जानते हो, आपके पास 'मना' करने का पूरा अधिकार है। सेक्स करना एक व्यक्तिगत निर्णय है जो कि आपकी मनोदशा और आपके स्वास्थय पर निर्भर करता है।
  4. मर्दानगी की कमी?
    ज़्यादातर पुरुषों को यह लगता है कि उनका बलात्कार इसलिए हुआ क्योंकि वो इतने सुदृढ़ नहीं थे कि उसे रोक सकें। वो यह मान लेते है कि चूँकि वो उसे रोक पाने में असफल रहे थे तो वो इसी लायक है कि उनका शारीरिक शोषण हो। जबकी यह एक आम धारणा है लेकिन यह एक गलत सोच है। अगर कोई किसी का फायदा उठाता है तो यह एक बहुत ही पेचीदा मामला हो सकता है। इस तरह के लोगों के लिए आगे चलकर दूसरों पर विश्वास करना या उनके निकट आना बहुत ही मुश्किल होता है। इसलिए यह महत्त्वपूर्ण है कि इस बारे में किसी से परामर्श कर लिया जाये जैसे कि कोई सलाहकार, डॉक्टर, कोई दोस्त या आपके परिवार का सदस्य जो इस घटना से आपके मन-मस्तिष्क पर जो असर हुआ हो उससे उबरने में आपकी मदद कर सके। इसका आपके लैंगिक रुझान से कोई सम्बन्ध नहीं हैI बलात्कार के पश्चात कई बार पुरुषों को यह डर सताने लगता है कि कही वो समलैंगिक तो नहीं, जबकि बलात्कार करने वाले पुरुष आमतौर पर इतरलिंगी होते है। समलैंगिक पुरुष दुसरे पुरुषों के प्रति काम वासना रखते है और भावनात्मक रूप से अपने आप को उनसे जुड़ा महसूस करते है। यह होना मुश्किल है कि एक अनचाहा शारीरिक समबन्ध आपको समलैंगिक बना दे। 
  5. लैंगिक रुझान
    दूसरी तरफ अगर आप समलैंगिक है और कोई स्त्री आपका बलात्कार करती है तो भी आपके लैंगिक रुझान में बदलाव आने की संभावना ना के बराबर है। यह भी देखा गया है कि कई बार बलात्कार के दौरान पुरुषों का वीर्य स्खलन हो जाता है। यहाँ यह समझ लेना महत्त्वपूर्ण है कि यह एक शारीरिक प्रतिक्रिया है और इसका यह मतलब नहीं है कि आपको किसी तरह के आनंद की प्राप्ति हुई है। पुरुषों के लिंग का उत्थापन होना तब भी संभव है जब वो डरे, घबराये हुए हो या किसी ने उन पर हमला किया हो।

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