Rape inside a marriage can be extremely hard to talk about.
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मेरा बलात्कार होता रहा- और मैं सब कुछ सामान्य होने का नाटक करती रही

द्वारा Harish P जून 24, 02:11 बजे
वैवाहिक बलात्कार भी सेक्स हिंसा का ही छुपा हुआ रूप है। चूंकि यह शादी के बाद एक सुरक्षित समझे जाने वाले माहौल में होता है, इसलिए पीड़ितों को मदद जुटाने में बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैI नीना माथुर इस संदर्भ में अपने अनुभव साझा करते हुए बताती हैं कि कैसे ये 'निजी रिश्ते में हिंसा' का एक रूप है।

नीना जयपुर में रहने वाली 30 वर्षीया ग्रहणी है।

हिंसा का एक इतिहास

मेरी शादी 25 साल की उम्र में हुई थी। ये एक अरेंज्ड मैरिज थी और मेरे पति विक्रम एक सफल सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। हमारी शादी का पहला साल बेहद सामान्य और खुशनुमा गुज़रा, बिना किसी अनबन केI दूसरे साल से रिश्ते में दरारें आने लगीं लेकिन ये किसी और को तो क्या खुद मुझे भी ठीक से दिखाई नही दी थी। ऐसा इसलिए क्योंकि सारी बहस और लड़ाई उस जगह होती थी जिसके बारे में हमारे समाज में बात करना उचित नही समझा जाता- बैडरूम!

वजह अक्सर सेक्स होती थी। वो सेक्स करना चाहते थे लेकिन मेरा मन नहीं होता थाI ऐसा नहीं था कि मैं करना नहीं चाहती थी, लेकिन उन दिनों मैं कई शारीरिक परेशानियों से जूझ रही थे जिसकी वजह से दिमाग में हमेशा उथल-पुथल रहती थीI अब ऐसे में सेक्स का ख्याल किसके मन में आएगाI

लेकिन वो ज़िद पर अड़ जाते थे। शुरुआत में धमकियां मौखिक थीI लेकिन धीरे-धीरे बात मार-पिटाई तक पहुँच गयी थीI उनके इस व्यवहार से मुझे उनसे औऱ घिन आने लगी थी। मैंने जीवन में पहले कभी इस तरह की प्रताड़ना को अनुभव नही किया था।

सब कुछ ठीक ही तो है

करीब एक दो साल तक ऐसा कभी कभी होता रहा। मैं मानसिक रूप से परेशान थी और मुझे समझ नही आ रहा था कि मैं इस बारे में किस के साथ बात करूं। मुझे नहीं पता था कि यह सब सुनकर मेरे माता-पिता की प्रतिक्रिया क्या होगी और इस वजह से मैं उनसे भी इस बारे में बात नहीं कर पा रही थी। अपने दोस्तों या रिश्तेदारों के साथ भी यह बात साझा करने के बारे में मैं मन नहीं बना पा रही थी। आज जब मैं मुड़कर उस दौर को देखती हूं तो मुझे लगता है कि शायद मैं खुद इस समस्या को अनदेखा कर रही थी और अपने आप को यह समझा रही थी कि सब कुछ ठीक ही तो है।

जब मैंने स्वतंत्र टेक्निकल राइटर का जॉब शुरू किया और इंटरनेट पर हिंसात्मक रिश्तो के बारे में कुछ लेख पढ़े तो मुझे समझ आया की असल में समस्या क्या थी। दरअसल में मैं वैवाहिक बलात्कार की पीड़िता थी। मैंने इस बारे में कुछ और पीड़ितों के अनुभव पढ़े और कुछ वीडियो देखे और तब मेरी यह सोच और ज्यादा पुख्ता हो गई।

बात इतनी सी ही नहीं है

जैसे-जैसे मैंने इस बारे में और जानना शुरू किया तो मुझे इस बारे में मूलभूत जानकारी समझ आने लगी कि मेरे साथ दरअसल हो क्या रहा था। अब मुझे समझ आता है कि मेरी शादी से जुड़ी बहुत सी रात की समस्याओं का आधार दिन भर के आर्थिक और मानसिक कारण थेI

मैंने अपने आप ही घर की देखभाल और घर चलाने की जिम्मेदारी ले ली थी, लेकिन इस निर्णय ने मुझे आर्थिक और भावनात्मक रूप से एक कमजोर स्थिति में डाल दिया था। मेरे पति को यह लगता था कि चूंकि वो घर के लिए रोटी कमाने बाहर जाते हैं इसलिए घर के हर निर्णय को लेना केवल उन्ही का अधिकार है। वह मुझे इस तरह महसूस कराते थे जैसे कि मैं घर के लिए कुछ नहीं करती।

पूरा दिन घर पर रहने और पड़ोसियों से ज़्यादा बातचीत ना होने के चलते मैं भावनात्मक रूप से भी अकेली पड़ गयी थी।  मेरे साथ जो हो रहा था उस बारे में सोचने या किसी से बात करने का भी अवसर मुझे नहीं मिल पा रहा था और शायद यही वजह थी कि अपने साथ हो रहे दुर्व्यवहार से मैं ना सिर्फ़ अनजान थी बल्कि उसे अनदेखा भी कर रही थीI

जब इस अकेलेपन से मैं परेशान हो गई तो मैंने सोचा कि क्यों ना एक नौकरी ढूंढ लूनI लेकिन यह भी इतना आसान नहीं था क्यूंकि उनका कहना यह था कि मुझे घर पर ही रहकर काम करना चाहिएI अगर मैं बाहर जाउंगी तो उनके माता-पिता का ख्याल कौन रखेगाI

खुद के लिये खड़ा होना

अपनी स्थिति के बारे में सोचने और इस तरह की परिस्थिति से गुज़रे दूसरे लोगों से बात करने के बाद मुझे इस स्थिति के समाधान को ढूंढने में और अपने पति के व्यवहार का सामना करने में बहुत मदद मिली। शुरुआत में तो अचानक मेरे इस नए नजरिए को देखकर मेरे पति और ज्यादा हिंसक हो गए थे, लेकिन मैं भी अपनी बात पर कायम रही। मैंने उन्हें स्पष्ट कर दिया कि अब मेरे सामने तलाक के अलावा कोई और दूसरा रास्ता नहीं है। मेरे माता-पिता को शुरुआत में ज़रूर मेरे इस रवैये से दुःख और घबराहट हुई थी लेकिन मेरे समझाने के बाद मेरे माता पिता भी मेरे साथ मिलकर खड़े हो गए थे।

शुक्र है कि मेरे इस मजबूत रुख अपनाने से धीरे-धीरे मेरे पति के स्वभाव में भी परिवर्तन आना शुरू हो गया थाI शुरू में तो उन्होंने केवल तलाक से बचने के लिए ही मुझसे तमीज से बात करना शुरू कर दिया थाI लेकिन धीरे-धीरे शायद उन्हें अपनी गलती समझ आ गयी थी कि किसी व्यक्ति की मर्जी के बिना उसके साथ शारीरिक संबंध बनाना और उसके करियर में रुकावट बनना सरासर गलत हैI मेरे माता-पिता का सहयोग और साफ़ तरीके से की गई चर्चा उनके इस व्यवहार के इस बदलाव का सबसे प्रमुख कारण थाI

आज विक्रम एक बदले हुए व्यक्ति हैं। वो स्वार्थी नहीं है और ना ही हिंसात्मक हैं। मैंने कंटेंट राइटर के तौर पर काम करना शुरु कर दिया थाI लेकिन हमारे बीच संबंधों के सुधरने के बाद मैंने काम छोड़ देने का फैसला किया क्योंकि में अपना पूरा समय अपनी बिटिया मीरा को देना चाहती थी।

गोपनीयता बनाये रखने के लिए इस लेख में नाम बदल दिए गए हैंI तस्वीर में व्यक्ति एक मॉडल हैI

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लेखक के बारे में: मुंबई के हरीश पेडाप्रोलू एक लेखक और अकादमिक है। वह पिछले 6 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्यरत हैं। वह शोध करने के साथ साथ, विगत 5 वर्षों से विश्वविद्यालय स्तर पर दर्शनशास्त्र भी पढ़ा रहे हैं। उनसे लिंक्डइन, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर संपर्क किया जा सकता है।

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Comments
पत्नी हर समय बहाना बनाती है जब उससे सेक्स करने की बात की जाती है लेकिन मै सेक्स के बगैर नहीं रह सकता उससे सेक्स के बारे में कोई चर्चा न करू तो वो ठीक रहती है इसका क्या कारण है
ऐसा क्यूँ हो रहा है? क्या आप कोई ऐसी activity कर रहे हैं जो की उन्हे पसंद नही आ रही है? सबसे ज़रूरी होगा की आप उनसे प्यार और विश्वास के साथ इसकी वजह पूछें, बिना झगड़ा, बिना आलोचना. तब ही आप अनुमान लगा सकते हैं, हैं ना? यह भी याद रखिए, की सेक्स में हाँ करना या ना, यह भी उनका हक़ है, उनका निर्णय… यदि वह ना करती हैं, सो एक बात तो तय ही की कोई भी ज़ोर या ज़बरदस्ती बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए , समझे बेटा जी?! ज़रा यह भी पढ़िए: https://lovematters.in/hi/resource/making-love https://loveatters.in/hi/news/how-can-i-please-my-wife-bed यदि इस मुद्दे पर आप और गहरी चर्चा में जुड़ना चाहते हैं, तो हमारे डिस्कशन बोर्ड, " जस्ट पूछो" में ज़रूर शामिल हों. https://lovematters.in/hi/forum
मेरे बेबी 4 बच्चे की मां हो चुकी है उसको बहुत कम सेक्स का अच्छा होता है बहुत मनाने पर राजी होती है मैं कैसे करूं कैसे मनाऊं मुझे रोज सेक्स करने का मन होता है
अब क्या स्थिति है बेटे? सुनिये sex रोज़ हो या कभी कभी… दोनो कि सहमती और रज़ामंदी से हो तो बेहतर है. एक अच्छे सेक्स के लिए ज़रुरी है कि सेक्स में वो क्रियाएं की जाए जिससे दोनो ही पार्ट्नर को आनंद मिले. इसलिए अपनी पार्ट्नर की बॉडी को समझ लो- उसको टाइम दो. पार्ट्नर पर फोकस बढ़ाना, फोरप्ले जिनसे दोनो पार्ट्नर को आनंद मिले, यानी की प्रवेश करने से पहले बहुत से अलग अलग क्रियाएं करना ,अपने पार्ट्नर की उत्तेजना बढ़ाना, यह सब activites सबसे ज़रूरी हैं ज़रा यह भी पढ़िए: https://lovematters.in/hi/resource/making-love https://loveatters.in/hi/news/how-can-i-please-my-wife-bed https://lovematters.in/hi/resource/her-orgasms यदि इस मुद्दे पर आप और गहरी चर्चा में जुड़ना चाहते हैं, तो हमारे डिस्कशन बोर्ड, " जस्ट पूछो" में ज़रूर शामिल हों. https://lovematters.in/hi/forum
पत्नी हर समय बहाना बनाती है जब उससे सेक्स करने की बात की जाती है लेकिन मै सेक्स के बगैर नहीं रह सकता उससे सेक्स के बारे में कोई चर्चा न करू तो वो ठीक रहती है इसका क्या कारण है
ऐसा क्यूँ हो रहा है? क्या आप कोई ऐसी activity कर रहे हैं जो की उन्हे पसंद नही आ रही है? सबसे ज़रूरी होगा की आप उनसे प्यार और विश्वास के साथ इसकी वजह पूछें, बिना झगड़ा, बिना आलोचना. तब ही आप अनुमान लगा सकते हैं, हैं ना? यह भी याद रखिए, की सेक्स में हाँ करना या ना, यह भी उनका हक़ है, उनका निर्णय… यदि वह ना करती हैं, सो एक बात तो तय ही की कोई भी ज़ोर या ज़बरदस्ती बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए , समझे बेटा जी?! ज़रा यह भी पढ़िए: https://lovematters.in/hi/resource/making-love https://loveatters.in/hi/news/how-can-i-please-my-wife-bed यदि इस मुद्दे पर आप और गहरी चर्चा में जुड़ना चाहते हैं, तो हमारे डिस्कशन बोर्ड, " जस्ट पूछो" में ज़रूर शामिल हों. https://lovematters.in/hi/forum
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