दीपिका 40 वर्षीया ब्यूटी सलून की मालिक हैं, जो पैदा तो लड़का हुई थी लेकिन उन्हें हमेशा से एक लड़की की तरह महसूस हुआI
लड़के को खो देना भारीतय परिवार के लिए एक बड़ा सदमा था, भले ही उसके बदले उन्हें एक लड़की मिल रही होI लम्बे समय तक मेरे माता पिता इस हकीकत से मुह मोड़ते रहेI लेकिन मुझे याद है की मैं कैसे अपनी माँ से लिपस्टिक और गुड़ियों की मांग करती थीI मेरे मन में खुद के बारे में कभी संदेह नहीं थाI मैंने हमेशा एक औरत की तरह महसूस किया, मुझे इसके अलावा कोई और एहसास जैसे मालूम ही नहीं थाI
जब मैं किशोरी थी तो पुरुष लक्षण होने के बावजूद मेरे दोस्तों ने मुझे एक लड़की की तरह स्वीकार लिया थाI उस समय मेरा एक बॉयफ्रेंड भी था जो मुझे अपनी गर्लफ्रेंड मानता थाI मुझे ये सब सामान्य और सहज लगता थाI लेकिन जब मैं और बड़ी हुई तो मुझे लगने लगा की शायद मैं दुनिया की अकेली ऐसी लड़की हूँ जो एक पुरुष के शरीर में कैद हैI मेरा व्यक्तित्व धीरे धीरे बदलने लगा और मैं शर्मीले स्वाभाव की बनने लगीI
मेरे माता पिता मुझे जबरन लड़कों के साथ खेलने के लिए कहते थेI लेकिन मुझे ये पसंद नहीं था, क्यूंकि मुझे लड़कियों के साथ सहज महसूस होता थाI मेरे माता पिता मुझे हमेशा मेरे लड़कों वाले नाम से बुलाते थेI मैं नहीं मानती कि वो सच से अवगत नहीं थे, वो सिर्फ सच मानना नहीं नहीं चाहते थेI
बदलाव कि चाह
मैं कुछ बीस वर्ष की रही होंगी जब मैंने पहले से ज़्यादा महिलाओं की तरह कपडे पहनना शुरू कर दिया और मेरी महिला बनने की चाह भी और मजबूत होने लगीI लेकिन मैंने लिंग परिवर्तन का ऑपरेशन 28 की उम्र में करायाI
मैंने एक स्कूल में इकोनॉमिक्स की प्रोफेसर के रूप में कार्यरत थी और ठीकठाक कमा रही थीI लेकिन लिंग परिवर्तन से पहले मैं पूरी तरह से आत्मनिर्भर होना चाहती थीI इसलिए मैंने बड़ी मेहनत से एक एक पैसे की बचत कीI
जब मेरे पास खुद का घर था, कार थी और बैंक में कुछ जमा राशि थी, मैंने खुद को महिला बनने की प्रक्रिया शुरू कर दीI एक टेस्ट के बाद मुझे डॉक्टर ने बताया की ये परिवर्तन प्रक्रिया 6 महीने में पूरी हो जाएगीI लोग मेरा मज़ाक उड़ाते थे और मुझ पर हँसते थेI
सबसे मुश्किल हिस्सा
आप अपनी हड्डियों का ढांचा नहीं बदल सकते, उसके अलावा लगभग हर चीज़ बदली जा सकती हैI मैंने अपने आपको महिलाओं के तरह संवारना शुरू किया, चाल ढाल और बोली वगैरहI मैंने महिला हार्मोन्स लेना शुरू किया और उससे काफी मदद मिली- लोग अब मुझे पहचानते ही नहीं थेI
ऑपरेशन इस प्रक्रिया का सबसे मुश्किल हिस्सा थाI मुझे महिलाओं की तरह योनि चाहिए थीI मैं किसी भी सामान्य महिला की तरह महिला बनना चाहती थीI
ये मेरी ज़िन्दगी का सबसे ज़्यादा अकेलेपन का दौर थाI मेरे परिवार ने मेरा साथ छोड़ दिया था, कुछ दोस्त कभी कभी हस्पताल आकर मिलते थेI योनि के सही स्थापन के लिए तीन बार ऑपरेशन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ाI अंततः पूरी तरह महिला बनने में मुझे पांच साल लग गएI
स्थिर ज़िन्दगी
इस सब को दस साल गुज़र चुके हैं और मेरी ज़िन्दगी अब खुशनुमा हैI मैं अब इकोनॉमिक्स की प्रोफेसर नहीं हूँ, मेरे तीन ब्यूटी सलून हैं और मैं कभी कभी मॉडलिंग भी करती हूँI धीरे-धीरे मेरे माता पिता ने भी मुझे और मेरे नए सच को स्वीकार लिया हैI वो ये बात भी जानते हैं की मैं लड़का बन के जितना कमेटी थी उससे कहीं ज़्यादा अब कमा रही हूँ और समाज ने भी मुझे स्वीकार लिया हैI
अपने पति से मैं नौ साल पहले ऑनलाइन मिली थीI मैंने अपने अतीत के बारे में उन्हें सब कुछ सच बता दिया था और शायद इसी सच ने हमारी शादी को बहुत मजबूत बना दियाI हमने एक प्यारी सी बच्ची गोद ले लीI मेरे सास ससुर को मेरे अतीत के बारे में नहीं पता और उन्हें न बताने का फैसला मेरे पति का थाI
कभी-कभी जब मैं किसी सुन्दर महिला को देखती हूँ तो बरबस ही खुद को शीशे में देखने की इच्छा होती है, ये जानने के लिए की क्या मैं भी ऐसे ही प्राकर्तिक और खूबसूरत लगती हूँ या नहीं? ये थोड़ी सी असुरक्षा भाव अभी भी मेरे मन में ज़रूर है लेकिन बीतते दिनों के साथ ये भी काम हो रहा हैI
क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति से परिचित हैं जिसने सेक्स परिवर्तन किया हो? उनकी क्या मुश्किलें थी? अपने विचार हमसे बाँटिये यहाँ अपनी राय लिख कर या फेसबुक पर इस चर्चा में हिस्सा लेकरI