सचिन पुत्तर, बढियां! क्या बढ़िया स्कोर किया है तूने। लेकिन बस अब यहीं रुक जा, शतक बनाने की ज़रूरत नहीं है। और हाँ, अपनी चिंता छोड़, तेरी पत्नी के साथ जो हो रहा है वो स्वाभाविक है।
ये ज़ाहिर है की तेरी ज़िन्दगी अब पहले जैसी नहीं रहेगी। और मुझे विश्वास है की आगे आने वाली खुशियों को लेकर बहुत उत्साहित है। साथ में आएँगी बहुत सारी जिम्मेदारियां और बहुत सा बदलाव ज़िन्दगी में। ज्यादा इसलिए क्यूंकि ये तेरा पहला बच्चा है।
मैं तेरी परेशानी समझती हूँ पुत्तर। अपनी पत्नी की सेक्स में कम रूचि को लेकर आश्चर्यचकित मत हो।
माँ बनाना एक पूर्णकालिक नौकरी की तरह ही है। उसको इस बदलाव में ढलने का समय तो दे। तू कभी बहुत अकेला महसूस और असंतुष्ट महसूस करेगा। लेकिन उसको ऐसा मत लगने दे। मुझे पता है की शायद अचानक से तुझे यह लगने लगा हो की तू बिलकुल अकेला है और शायद अपनी पत्नी के लिए सबसे गैर ज़रूरी व्यक्ति भी। है ना?
असुरक्षित
तो जैसा मैं कहती हूँ, चिंता की कोई बात नहीं, तेरी पत्नी वैसा ही महसूस कर रही है जैसा की बहुत सारी दूसरी महिलाएं। ऐसा नहीं है की उसे तुझमें रूचि नहीं है और वो तेरे साथ नहीं रहना चाहती। बल्कि मुझे तो आश्चर्य तब होगा अगर उसे अपने शरीर में आये टाकों और भगछेदन के जल्दी ठीक होने की चिंता ना हो।
वैसे भी, मीडिया हमें हमेशा ही बताती रहती है की थोड़ी भी मोटी महिला आकर्षक नहीं होती, तो शायद वो भी अपने शरीर के बारे में अच्छा ना महसूस कर रही हो। पुत्तर आगे बढ़, उसको अच्छा महसूस करा उसके शरीर के बारे में। उसको बता की वो अभी भी कितनी कट्टों, ओये मतलब आकर्षक लगती है और यह भी की बस कुछ ही दिनों में तुम्हारी सेक्स जीवनी भी दोबारा खिल उठेगी।
मसालेदार
ऐसा है पुत्तर - अपने पत्ते समझदारी से खेल। याद रख की उसकी सेक्स की इच्छा मरी नहीं है, सिर्फ थोडा दब गयी है। वो जो तेरा छोटा सा नन्हा मुन्ना/मुन्नी है, वो तेरी पत्नी का सारा वक़्त, सारी ताक़त और सारी भावनाएं सोख लेती है। तो शायद तुझे चीज़ें कुछ मसालेदार बनानी पड़ेगी। शायद कई बार तुझे सहज रहना पड़े, और उस से यह भी पूछना पड़े की उसे क्या पसंद है। ओये जब मेरा पहला बच्चा हुआ था, तो मैं भी थोडा कम बोलने लगी थी, लेकिन तेरे अंकल ना काफी अच्छे खिलाड़ी है। मुझे ख़ुशी हो रही है उनके राज़ तुझे बताकर।
लिपटना
सचिन पुत्तर, याद रख, तेरे पास घर की टीम होने का फायदा है। उसका इस्तेमाल कर। तुझे पता ही है की तेरी वोट्टी को क्या चीज़ मज़ा देगी। तो सही बटन दबा और इंजेन स्टार्ट कर। परिक्रमण की स्पीड धीरे धीरे बढ़ा। उसकी ज़रूरतों पे ध्यान दे, उसे रूझा और फिर अपनी बारी का इंतज़ार कर।
हाँ, मैं तुझे थोड़ी चालबाजी करने को कह रही हूँ लेकिन सब अच्छे के लिए, तो रब मुझे माफ़ तो कर ही देगा। मेरे हिसाब से, 'धन्यवाद' सेक्स से बेहतर कोई सेक्स नहीं।
सबसे ज़रूरी है, संयम रखना। जल्दबाजी ना करना। थोडा समय अकेले बिताने की कोशिश करना, चाहे सिर्फ गले ही लगने के लिए। बच्चा होने के बाद शायद तुझे अनछुआ जैसा लग रहा हो, लेकिन कुछ झप्पी पप्पी से शायद चीज़ें वापस ठीक होने लगे। जल्दी या थोड़ी देर से, वो भी सेक्स मांगेगी ज़रूर। ज़रूरत है उसके लिए सही समय आने की और दोनों की इच्छा की।
और पुत्तर, धीमें दिनों में, हस्तमैथुन बिंदास कर। इसमें कोई बुराई नहीं है और यह बिलकुल सुरक्षित भी है। परफेक्ट तरीका है गर्मी बाहर निकलने का।
मात्रा नहीं गुणवत्ता
तेरी असल परेशानी पर वापस आते हुए, याद रख, रात का सोने का समय शायद हमेशा अच्छा समय ना हो। और बेडरूम हमेशा सही जगह भी नहीं। अलग अलग जगहों का इस्तेमाल कर सेक्स को रोमांचक बनाने के लिए।
और याद रख, ये मात्रा की नहीं बल्कि गुणवत्ता की बात है। तुम दोनों को रोज़ सेक्स करने की ज़रूरत नहीं, शायद हफ्ते में एक बार - या जो तुम दोनों को ठीक लगे, कुछ सही और गलत नहीं। दोनों मिलकर सोचो तुम दोनों के लिए कितना और क्या सही है।
अपना समय ले। शारीरक और मानसिक रूप से तैयार हुए बिना सेक्स करना तेरे रिश्ते के लिए काफी ख़राब हो सकता है। तो छोटे समय का ना सोच, आराम से आगे बढ़, और तू फायदे में ज़रूर रहेगा।
तस्वीर में मॉडल का इस्तेमाल किया गया है। नाम बदल दिए गए हैं।
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