वो पुरानी कहावत है ना - नखरे दिखाओ तो वो ज्यादा पीछे आयेगा। लेकिन यह 'मुश्किल से हाथ आना एक विकासमूलक योजना भी है, ऐसा एक हाल ही में किये गए शोध में पाया गया।
सवाल: आंटी जी, मैं इस बात को लेकर बहुत दुविधा में हूँ की महिलाएं सेक्स के बारे में कैसा महसूस करती हैं। क्या महिलाओं की सोच सेक्स के बारे में लड़कों से अलग होती है? गुरतेज (18 ), पटियाला
ज़्यादा सेक्स हमें ज़्यादा खुश रखता है, लेकिन तभी जब हमें ऐसा लगे की हमें सेक्स अपने दोस्तों की तुलना में ज़्यादा मिल रहा है, ऐसा एक अमेरिकी शोध का मानना है। इंसान सामाजिक प्राणी हैं, और जब बहुत सारी चीज़ों की बात हो, जिसमे सेक्स लाइफ भी जुडी हो, तो हम अपनी तुलना दुसरे से करने में सबसे आगे होते हैं।
आंटी जी, मैंने कल रात की पार्टी में बहुत शराब पी ली और नशे में धुत थी। वहां एक लड़का मुझे देख रहा था और मुझे भी वो अच्छा लग रहा था। सुबह उठी तो मैं उस लड़के के साथ एक कमरे में थी। मुझे बिलकुल याद ही नहीं की मैंने सेक्स किया या नहीं - मैं क्या करूँ?
मेरी दोस्त ने मुझे हडबडाहट में फ़ोन किया, "पिछले रात बहुत परेशानी वाली थी यार। मैं तुझे क्या बताऊँ - मैं तो सो ही नहीं पाई। सेक्स के दौरान उसने अपना वीर्य (semen) मेरे वजाईना (यॊनि) में ही निकाल दिया, और हम कंडोम का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे।" आगे क्या हुआ? जाने के लिए कहानी पढ़ें।