Love Matters

मैं वेश्यावृत्ति छोड़ना चाहती हूँI

Submitted by Auntyji on शनि, 01/14/2017 - 12:29 पूर्वान्ह
आंटी जी मैं एक वेश्या हूँ I मुझे यह काम अपना घर चलाने के लिए करना पड़ता है लेकिन पिछले कुछ दिनों से मैं अपने ही आप से नज़रें नहीं मिला पा रही हूँI मैं यह सब छोड़ कर एक ढंग की नौकरी करना चाहती हूँI प्लीज़ मेरी मदद कीजिये! शीला (19), उड़ीसाI

आंटी जी कहती हैं...बेटी शीला, सबसे पहले तो तुझे तेरी ऑन्टी का सलामI इतनी छोटी सी उम्र में  इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी निभाना, बेटा कमाल कर दिया तूनेI तेरे लिए ऑन्टी जी की एक बड़ी सी झप्पीI

शर्म को मार गोली

बेटा इससे पहले मैं कुछ कहूँ, मैं कुछ जानना चाहती हूँ, या यूँ कहूँ समझना चाहती हूँI तुझे इतना बुरा क्यों लग रहा है? क्या इसलिए क्योंकि हमारे समाज में वेश्यावृत्ति को बुरी नज़र से देखा जाता है?

अगर तुम एक बड़ी कम्पनी में काम करते हो तो वो एक अच्छा काम है? तब भी जब आपका मालिक रोज़ आपकी बेइज़्ज़ती करता हो? और तेरा तो ऑफिस भी नहीं है, है ना?

अगर आप एक कूड़ा बीनने वाले हो तो कोई आप पर उंगली नहीं उठाता लेकिन वेश्यावृत्ति, हे भगवान्! "कितना गंदा काम करते हो तुम"? और यह सब तब जब, जब हमारे देश में लाखो लोगों के घरों में चूल्हे इसी गंदे काम की वजह से जल रहे हैंI

पर यह नियम कानून किसके बनाये हुए हैं? कि कौनसी नौकरी अच्छी है, कौनसी बुरी, कौनसा काम सही है, कौनसा गलत? यह कोई नहीं तय कर सकता है बेटा जीI सिर्फ़ इसलिए कि कोई व्यक्ति बढ़िया कपड़े पहनकर, बड़ी सी गाड़ी में काम के लिए निकलता है तो इसका यह मतलब नहीं है कि उसका काम अच्छा है, या वो सही तरीके से पैसे कमा रहा हैI

ज़िंदगी में हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और यह हमारे ऊपर है कि हम उनसे कैसे निपटते हैंI

तो पुत्तर मेरी मान और शर्मिंदगी और ग्लानि से बाहर निकल के सर उठा के जीI तू यह इसलिए कर रही है क्योंकि इससे तेरा घर चल रहा है और इस समय यह सही हैI इसके लिए तुझे अपने आपको छोटा महसूस करवाने की कोई ज़रूरत नहीं हैI ज़रूरत है तो इस बात की, कि कोई तेरी पीठ थपथपा कर यह कहे कि, शाबाश बेटा!

नया साल, नयी उम्मीदें

बेटा जी वैसे भी नया साल अभी-अभी शुरू हुआ है तो एक नयी शुरुआत करने के लिए इससे अच्छा समय नहीं हो सकता, है ना?

मुझे लगता है कि अब तेरे घर की आर्थिक स्थिति बेहतर हो चुकी होगी और तेरे कंधो पर पड़ा बोझ भी कुछ कम हुआ होगाI

तूने मन तो बना ही लिया है पुत्तर लेकिन आगे का क्या सोचा है? तू क्या करना चाहती है? सबसे पहले तो तुझे यह पता करना है कि ऐसा क्या काम है जिसे कर के ना सिर्फ़ तुझे संतुष्टी मिलेगी बल्कि तू उसे करते हुए खुश भी रहेगीI

पुत्तर जब एक बार मंज़िल नज़र आनी शुरू हो जाएगी तो तो उस तक पहुँचने के रास्ते पर कदम अपने आप बढ़ चलेंगेI अपनी पसंद का काम पाना है तो उसे सीखना भी पड़ेगा जिससे तुझे नौकरी मिलने में आसानी होI

तो फ़िर क्या बेटाजी, लग जा काम पे! नौकरी की तलाश शुरू कर दे और हर इंटरव्यू आत्म विश्वास के साथ दे।

तू पहले भी कर चुकी है

तुझे पता है तेरी सबसे बड़ी योग्यता क्या है? तूने ज़िन्दगी की हर चुनौती का डटकर सामना किया है। तो अब पीछे क्यूँ हटना?

किसी भी काम में मुश्किलें आती हैं, और उनका हल भी निकलता है। बस तरीके अलग हो सकते हैं। और पुत्तर तू तो पहले भी इन समस्याओं का सामना और हल दोनों कर चुकी है।

मेरे हिसाब से तो तू दुनिया की हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है।

तूने इससे बड़ी मुश्किलें झेली हुई हैं, है ना? तो बेटा चिंता छोड़ बस कमर कस ले।

और टाटा कहने से पहले, मैं तुझे फ़िर एक बार मेरी ख़ास शाबाशी देना चाहती हूँ। बेटा, ज़िन्दगी की बागडोर अपने हाथ में लेने के लिए मुझे तुझ पर नाज है। जा और चक दे फट्टे! अपना सर ऊँचा रख और आत्मा साफ़, आत्म सम्मान से तर।

क्या मैं तेरा नाम बदल कर मिस शीला रख दूँ? भारत की सब लड़कियों की गरिमा! आल द बेस्ट पुत्तर!

लेखक की पहचान गुप्त रखने के लिए एक मॉडल की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। सभी नाम भी बदल दिए गए हैं।

क्या आपके अनुसार देह व्यापार भी बाकि कामों की तरह है? अपने विचार यहाँ या फेसबुक पर हमारे साथ साझा करें। यदि आपके पास कोई सवाल हैं, तो चर्चा मंच का हिस्सा बनें।

आंटी जी कहती हैं...बेटी शीला, सबसे पहले तो तुझे तेरी ऑन्टी का सलामI इतनी छोटी सी उम्र में  इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी निभाना, बेटा कमाल कर दिया तूनेI तेरे लिए ऑन्टी जी की एक बड़ी सी झप्पीI

शर्म को मार गोली

बेटा इससे पहले मैं कुछ कहूँ, मैं कुछ जानना चाहती हूँ, या यूँ कहूँ समझना चाहती हूँI तुझे इतना बुरा क्यों लग रहा है? क्या इसलिए क्योंकि हमारे समाज में वेश्यावृत्ति को बुरी नज़र से देखा जाता है?

अगर तुम एक बड़ी कम्पनी में काम करते हो तो वो एक अच्छा काम है? तब भी जब आपका मालिक रोज़ आपकी बेइज़्ज़ती करता हो? और तेरा तो ऑफिस भी नहीं है, है ना?

अगर आप एक कूड़ा बीनने वाले हो तो कोई आप पर उंगली नहीं उठाता लेकिन वेश्यावृत्ति, हे भगवान्! "कितना गंदा काम करते हो तुम"? और यह सब तब जब, जब हमारे देश में लाखो लोगों के घरों में चूल्हे इसी गंदे काम की वजह से जल रहे हैंI

पर यह नियम कानून किसके बनाये हुए हैं? कि कौनसी नौकरी अच्छी है, कौनसी बुरी, कौनसा काम सही है, कौनसा गलत? यह कोई नहीं तय कर सकता है बेटा जीI सिर्फ़ इसलिए कि कोई व्यक्ति बढ़िया कपड़े पहनकर, बड़ी सी गाड़ी में काम के लिए निकलता है तो इसका यह मतलब नहीं है कि उसका काम अच्छा है, या वो सही तरीके से पैसे कमा रहा हैI

ज़िंदगी में हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और यह हमारे ऊपर है कि हम उनसे कैसे निपटते हैंI

तो पुत्तर मेरी मान और शर्मिंदगी और ग्लानि से बाहर निकल के सर उठा के जीI तू यह इसलिए कर रही है क्योंकि इससे तेरा घर चल रहा है और इस समय यह सही हैI इसके लिए तुझे अपने आपको छोटा महसूस करवाने की कोई ज़रूरत नहीं हैI ज़रूरत है तो इस बात की, कि कोई तेरी पीठ थपथपा कर यह कहे कि, शाबाश बेटा!

नया साल, नयी उम्मीदें

बेटा जी वैसे भी नया साल अभी-अभी शुरू हुआ है तो एक नयी शुरुआत करने के लिए इससे अच्छा समय नहीं हो सकता, है ना?

मुझे लगता है कि अब तेरे घर की आर्थिक स्थिति बेहतर हो चुकी होगी और तेरे कंधो पर पड़ा बोझ भी कुछ कम हुआ होगाI

तूने मन तो बना ही लिया है पुत्तर लेकिन आगे का क्या सोचा है? तू क्या करना चाहती है? सबसे पहले तो तुझे यह पता करना है कि ऐसा क्या काम है जिसे कर के ना सिर्फ़ तुझे संतुष्टी मिलेगी बल्कि तू उसे करते हुए खुश भी रहेगीI

पुत्तर जब एक बार मंज़िल नज़र आनी शुरू हो जाएगी तो तो उस तक पहुँचने के रास्ते पर कदम अपने आप बढ़ चलेंगेI अपनी पसंद का काम पाना है तो उसे सीखना भी पड़ेगा जिससे तुझे नौकरी मिलने में आसानी होI

तो फ़िर क्या बेटाजी, लग जा काम पे! नौकरी की तलाश शुरू कर दे और हर इंटरव्यू आत्म विश्वास के साथ दे।

तू पहले भी कर चुकी है

तुझे पता है तेरी सबसे बड़ी योग्यता क्या है? तूने ज़िन्दगी की हर चुनौती का डटकर सामना किया है। तो अब पीछे क्यूँ हटना?

किसी भी काम में मुश्किलें आती हैं, और उनका हल भी निकलता है। बस तरीके अलग हो सकते हैं। और पुत्तर तू तो पहले भी इन समस्याओं का सामना और हल दोनों कर चुकी है।

मेरे हिसाब से तो तू दुनिया की हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है।

तूने इससे बड़ी मुश्किलें झेली हुई हैं, है ना? तो बेटा चिंता छोड़ बस कमर कस ले।

और टाटा कहने से पहले, मैं तुझे फ़िर एक बार मेरी ख़ास शाबाशी देना चाहती हूँ। बेटा, ज़िन्दगी की बागडोर अपने हाथ में लेने के लिए मुझे तुझ पर नाज है। जा और चक दे फट्टे! अपना सर ऊँचा रख और आत्मा साफ़, आत्म सम्मान से तर।

क्या मैं तेरा नाम बदल कर मिस शीला रख दूँ? भारत की सब लड़कियों की गरिमा! आल द बेस्ट पुत्तर!

लेखक की पहचान गुप्त रखने के लिए एक मॉडल की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। सभी नाम भी बदल दिए गए हैं।

क्या आपके अनुसार देह व्यापार भी बाकि कामों की तरह है? अपने विचार यहाँ या फेसबुक पर हमारे साथ साझा करें। यदि आपके पास कोई सवाल हैं, तो चर्चा मंच का हिस्सा बनें।