पूरा सार है डी.आर.डी 4 नामक जीन का शरीर में उपस्थिति होना, जो मस्तिष्क में डोपामाइन का निर्माण नियंत्रित करता है। यही 'आनंद रसायन', स्वादिष्ट खाने और मज़ेदार सेक्स अनुभव का एहसास हमें कराने के लिए ज़िम्मेदार होता है।
डोपामाइन के मतवाले
मुख्य शोधकर्ता जस्टिन गरसिआ ने बताया कि डी.आर.डी 4 जीन के 'धोखेबाज़ी' प्रकार वाले लोग औरों की तुलना में जोख़िम उठाने के लिए ज़्यादा तैयार रहते हैं।
जिन लोगों में 'धोखेबाज़ी' वाला प्रकार नहीं होता वो 'स्काई जंपिंग', या किसी और रोमांचित करने वाली गतिविधि का जोख़िम उठाकर संतुष्ट हो जाते हैं।
दोनों ही प्रकार के लोगों का अनुभव लगभग समान होता है, लेकिन डोपामाइन के मतवाले रोमांचित करने वाले काम को बार-बार करना चाहते हैं।
डोपामाइन की ये निरंतर प्यास ही मुख्य कारण है जो कि 'धोखेबाज़ी' के प्रकार वाले डी.आर.डी. 4 जीन के व्यक्ति अपने साथी के साथ गहरे प्रेम सम्बन्ध के बावज़ूद बेवफाई करते हैं।
"ये मेरे बस में नहीं है"
गार्सिया का ये भी कहना है कि अध्यन के नतीजे धोखा देने वालों के कर्म को न्यायसंगत तो नहीं बनाते लेकिन ऐसा करने के पीछे उनके कारण को समझाते हैं।
संभवतः सबसे महत्वपूर्ण तथ्य ये उभर कर आया कि दो तरह के जैव- रासायनिक सिस्टम हो सकते हैं, एक जो वफादार बनाता है और दूसरा जो बेवफाई की तरफ धकेलता है। और दोनों सिस्टम एक साथ एक समय पर काम करते रहते हैं। तो जब आप 'आई लव यू' और 'बस, मैं खुद को रोक नहीं सका' एक साथ सुनें, तो शायद कहने वाला व्यक्ति सच बोल रहा हो।
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