लड़ाईयां, कहा-सुनी, बहसबाज़ी- नाम चाहे जो भी हो, मतभेद हर रिश्ते में होते हैंI हर व्यक्ति इनसे अलग तरीके से निपटता है, वैसे कुछ ऐसे भी होते हैं जो इनसे निपटने की ज़रुरत नहीं समझतेI
जज़्बात शारीरिक भी हो सकते हैं
रिसर्च ने दर्शाया है कि हमारे स्वास्थ्य और भावनाओं का एक दूसरे से बड़ा गहरा सम्बन्ध हैI मतलब यह कि चाहे आप गुस्सैल स्वभाव के हैं या जल्दी निराश होने वालो में से हैं या फिर उन लोगों में से हैं जो अपने जज़्बातों को लोगों के समक्ष प्रकट नहीं होने देते, आपकी प्रवृत्ति से आपके स्वास्थ्य पर फ़र्क़ ज़रूर पड़ता हैI
वैसे तो इस बात की जानकारी लोगों को पहले से थी लेकिन इसके बावजूद इसके लम्बे चलने वाले रिश्तों पर पड़ने वाले असर के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध नहीं थीI हाँ, इस रिसर्च के बाद ज़रूर नयी जानकारी उपलब्ध हो गयी हैI वैसे ऐसा भी नहीं है कि यह सब पूरी तरह से नया है क्यूंकि असल में यह बात 1989 की है जब कैलिफ़ोर्निया में रहने वाले कई जोड़ो के ऊपर शोध की शुरुआत हुई थीI
20 साल तक चले इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने हर 5 साल के बाद एक लैब में जोड़ो के 3 वीडियो बनाए जिनमें उन्हें 15 मिनट तक एक दूसरे से बात करनी थीI पहले उन्हें अपने रोज़मर्रा जीवन के बारे बात करनी थी, उसके बाद उनसे एक ऐसे विषय के बारे में बात करने को कहा जाता था जिस पर दोनों एकमत नहीं थे और अंत में उनसे वो बात या पल याद करने को कहा जाता था जिसमें दोनों ने एक साथ खूब आनंद उठाया थाI
वीडियो देखकर शोधकर्ताओं ने अपने नोट बनाए और इस बात का भी ध्यान रखा कि असहमति वाले वीडियो में हर एक साथी की भाव-भंगिमा कैसी थीI इसमें उन्होंने उनके चेहरे के भाव और बात करने के लहज़े पर भी खासा गौर कियाI जोड़ो ने भी ऐसे कई सवालों के जवाब दिए जो उनकी सेहत के कई पहलुओं के बारे में थेI
बीते सालों में शोधकर्ताओं ने अपने पास इकट्ठी हुई जानकारी के आधार पर यह जानने की कोशिश की, कि क्या लड़ाई के दौरान कुछ भाव ऐसे भी हैं जिनसे आपके स्वास्थ्य पर असर पड़ता है?
आप गर्म स्वभाव के हैं या खीरे की तरह ठन्डे?
शोधकर्ताओं ने जाना कि लोग जिस तरह से अपने रिश्तों में होने वाली लड़ाइयों से निपटते हैं उससे उनके स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता हैI अगर आपको गुस्सा जल्दी आता है और आप हर लड़ाई में बम की तरह फट जाते हैं तो आपको दिल से जुड़ी बीमारियां जैसे रक़्त्चाप का बढ़ना, हो सकती हैंI ऐसा बताया रिसर्च नेI
दूसरी तरफ़, अगर आप उन लोगों में से हैं जो एक लड़ाई के दौरान अपने साथी की कही बातों को नज़रअंदाज़ करते हैं तो आपको अलग तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से निपटना पड़ेगा I शोध से पता चला कि इस तरह के लोगों को अक्सर हड्डी से जुडी बीमारियां और मांसपेशियों में खिंचाव की समस्या रहती हैंI
पुरुषों के सन्दर्भ में तो यह ज़्यादातर सही ही निकला लेकिन इन भावों का औरतों के स्वास्थ्य पर भी काफ़ी फ़र्क़ पड़ता हैI
हमारी भावात्मक प्रतिक्रियाओं का हमारे स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है? अगली बार जब आपकी साथी से लड़ाई हो तो ध्यान दें कि क्या उन्हें गुस्सा आ रहा है या लड़ाई के दौरान वो बिलकुल चुप हैं? आपको शायद दिख जाएगा कि उनके चेहरे के भाव और शारीरिक भाव-भंगिमा में बदलाव हुए हैंI पर सिर्फ़ इतना ही नहीं होताI आपके जज़्बात आपके तंत्रिका तंत्र और हार्मोनल प्रणाली को अंदर तक भेद सकते हैंI दूसरी और आपका गुस्सा आपकी हृदय प्रणाली को घुमा सकता है जिसे आपको ह्रदय सम्बंधित समस्याएं हो सकती हैंI
प्यार से समझाएं
तो जब अगली बार आप दोनों के बीच ज़ोरदार बहस चल रही हो और आपका साथी आप पर चिल्ला रहा हो तो उन्हें शांत रहने को कहेंI आखिरकार उनके दिल का भी तो ख्याल रखना हैI और अगर वो आपको नज़रअंदाज़ कर रहे हों और आपकी कही किसी भी बात का उन पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ रहा हो तो आप उन्हें यह ज़रूर बता दें कि निकटतम भविष्य में इससे उनकी हड्डियों को खतरा हो सकता हैI
आप सोच रहे होंगे, यह कहना आसान है करना मुश्किलI अच्छी बात यह है कि इसके लिए शोधकर्ताओं ने कुछ सुझाव भी दिए हैंI हममे में से गुस्सैल स्वाभाव वालो को गुस्से पर काबू पाने के बारे में सोचना चाहिए और जो लोग अपनी भावनाएं ढंग से व्यक्त नहीं कर पाते उन्हें मन की बात लोगों को बताने से होने वाले फायदों के बारे में जानना चाहिएI
स्त्रोत: इंटरपर्सनल इमोशनल बेहवियर्स एंड फिजिकल हेल्थ: आ ट्वेंटी-ईयर लोंगीट्यूडनल स्टडी ऑफ़ लॉन्ग-टर्म मैरिड कपल्स (2016)
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