26 साल की वर्षा पुणे में रहती हैं।
प्यार का जो मतलब मुझे पता था वो सही नहीं था I मेरे लिए प्यार का मतलब शायद थोड़ा अवास्तविक था : 'मैं प्यार के लिए कुछ भी सहूंगी', ऐसा कुछI
मैं 17 साल की थी जब हम मिलेI वो मुझसे 10 साल बड़ा था और मैं अनजाने में यह मान बैठी कि जो परिपक्वत्ता मुझे अपने जीवनसाथी में चाहिए वो उस में होगीI वो बहुत विनम्र और विचारात्मक लगता था और मेरा बहुत अच्छे से ख्याल भी रखता थाI उसने बताया कि वो पढ़ रहा है और कारों से सम्बंधित खुद का व्यवसाय चलाता हैI एक दुसरे के संपर्क में आने के ३ महीने के पश्चात ही हम एक दुसरे को डेट करने लग गए थेI
बातचीत कम होने लगी
कुछ दिनों के बाद ही मुझे बदलाव नज़र आने लगे थेI हम अब पहले जितनी बाते नहीं करते थेI ऐसा नहीं था कि मुझे उससे शारीरिक होना पसंद नहीं था लेकिन मैं चाहती थी कि हम दोनों भावात्मक रूप से भी एक दुसरे के करीब आयेँI
मेरा इस बात पर दृढ़ विश्वास है कि एक रिश्ता केवल शारीरिक नहीं हो सकता : उसमे कई और पहलू भी होते हैं I लेकिन जब भी हम मिलते वो सिर्फ शारीरिक समबन्ध बनाने को आतुर रहता था, ना तो हम दोनों के बीच ज़्यादा बातचीत होती थी और ना ही कहीं बाहर घूमने जाते थेI
एक वाक़या तो मुझे ख़ास तौर पर याद हैI मुझे बहुत तेज़ बुखार था और मेरे कई बार मना करने के बावजूद वो शारीरिक होना चाहता थाI जब तक मैंने उस पर चिल्ला नहीं दिया और थक कर मेरा रोना नहीं निकल गया तब तक उसकी कोशिशे नहीं रुकीI
सफ़ेद झूठ
लेकिन उसके झूठ उसकी हरकतों से भी बदतर थे I बाद में पता चला कि वो कोई काम नहीं करता था और पढ़ाई के नाम पर भी सिर्फ़ किसी संस्थान में दाखिला लिया हुआ थाI मेरे पूछने पर वो मुझसे ही कड़की से पेश आया और कहा कि मेरी वजह से उसका ध्यान पढ़ाई और काम काज से हट रहा हैI
मैंने कई बार इस सब के खिलाफ आवाज़ उठाने और यह जानने की कोशिश करी कि हमारे रिश्ते में क्या चल रहा लेकिन शायद उसको इस सब में कोई दिलचस्पी नहीं थीI
हमारे ब्लॉग की श्रंखला का यह हिस्सा निजी साथी द्वारा हिंसा के विरुद्ध है।#BearNoMore.
पहचान की रक्षा के लिए, तस्वीर में व्यक्ति एक मॉडल है और नाम बदल दिए गए हैं।
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