आंटी जी कहती हैं, 'अरे यह क्या बात हुईI हमें मम्मी पापा से बात करनी होगी।'
कौनसी सदी चल रही है
बेटा साधना - एक बता बता, ये जो तेरे माँ पिताजी हैं, वो भी तेरी ही तरह इसी सदी से ही हैं ना? या नहीं? वास्तव में सारी गलती उनकी नहीं हैI वो वही कर रहे हैं जो समाज में होता आया है - सही तो नहीं है पर चलोI
लेकिन, पुत्तर ऐसे काम नहीं चलेगाI ऐसे चुप रहने और डरने से तो तू अपना भला नहीं कर पाएगीI तुझे खुद अपने हक़ के लिए लड़ना होगाI कैसे? चलो बताते हैं कैसेI
खुल कर सामना कर
सबसे पहले तो पुत्तर यह समझ ले कि ना कोई रोना धोना और ना कोई नौटंकीI तू अपना दिल पक्का करके पूरी तैयारी कर लेI जब तू अपने माता पिता से बात करने जाए तो तेरे पास उनके हर सवाल का जवाब होना चाहिएI जैसे तू अभी शादी क्यों नहीं करना चाहती? रुक कर क्या होगा? वगैरह वगैरहI
अपने लिए एक योजना बनाओ। अगर तुझे अभी शादी नहीं करनी तो आगे क्या करना हैI जैसे आगे पढ़ाई करनी है और अगर करनी है तो क्या पढ़ना चाहती होI कोई कोर्स वगैरह करना चाहती हो तो उसके बारे में भी अच्छे से जांच पड़ताल कर के ही अपने माता पिता से बात करनाI तू बस ऐसे सोच कि तेरे जीवन के ऊपर एक फिल्म बनने वाली हैI हीरोइन भी तू ही है और निर्माता-निर्देशक भी तू हीI तो अब यह तेरे ऊपर है कि तुझे कैसी फ़िल्म बनानी हैI लेकिन तेरी कहानी दर्शको को पसंद आनी चाहिएI दर्शक यानी कि तेरे माता-पिताI और इसके लिए तुझे एक योजना बनानी है और उस पर सुचारु तरीके से काम करना है!
अपनी टीम तैयार कर
अपने भाई बहन या रिश्तेदारों से बात करI चाचा-चाची, भैया-भाभी, ताया- ताई, कोई भी मिले उनसे बात करके उन्हें अपनी बात मनवाने की कोशिश करI खासकर चचेरे या ममेरे भाई-बहन तेरे काम आ सकते हैं क्यूंकि आज अगर यह तेरे साथ हो रहा है तो कल को उनके साथ भी हो सकता हैI क्या वो इसके लिए तैयार हैं?
तू किसी को भी अपनी तरफ़ कर सकती हैI उन्हें समझा कि तेरे साथ क्या हो रहा है और तू क्यों परेशान हैI एक बार फ़िर याद दिला रही हूँ कि रोने धोने से कोई फ़ायदा नहीं होने वालाI उन लोगों को बताना कि तू क्या करना चाहती हैI हो सकता है कि वो तुझे समझाने की कोशिश करें लेकिन तुझे अपनी बात पर अड़े रहना हैI अगर तुझे उनके सहयोग को लेकर संदेह हो तो स्पष्ट रूप में उनसे पूछ सकती है कि वो तेरे साथ हैं कि नहींI
कमर कस ले
यहाँ सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि किसी भी तरह के तर्कों के लिए तुझे अच्छे से तैयार रहना हैI पुत्तर यह याद रखना कि किसी भी मुद्दे पर बहस करने के लिए स्पष्ट तर्क रखना और त्रुटिहीन योजना बनाना अत्यंत आवश्यक हैI तू अब बड़ी हो गयी है और अपने जीवन के साथ क्या करना है इस का पूरा अधिकार तेरा होना चाहिएI अपने जीवन और भविष्य के बारे में निर्णय लेने का हक़ सिर्फ तेरा है बस उससे किसी और को कोई नुकसान नहीं होना चाहिएI
साधना, वैसे कहने के लिए तो तेरे पास भी बहुत सी बातें होंगी लेकिन मैं तुझे अब जो बताने जा रही हूँ उससे तेरे माता-पिता पर ऐसा प्रभाव पड़ेगा कि वो अपने निर्णय पर दोबारा गौर ज़रूर करेंगेI तू उनसे कहना कि "मैं अभी सिर्फ़ 18 साल की हूँ और वो लड़का मेरे साथ सेक्स करने की उम्मीद भी रखता होगाI मैं इसके लिए अभी शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों से अपने आपको तैयार नहीं समझतीI लेकिन वो यह बात नहीं समझेगा और मेरे साथ ज़बरदस्ती करेगाI क्या आपको वो अच्छा लगेगा - बोलो?"
मेरे ख्याल से तुझे इसके आगे बात करने की ज़रुरत नहीं पड़ेगीI तुझे क्या लगता है? बड़े आराम से इस बारे में बात करनाI यह तेरा शरीर है, तेरी ज़िंदगी है। इसलिए इस बारे में निर्णय लेने का अधिकार भी सिर्फ़ तेरा है। हम तेरे साथ हैं, कानून तेरे साथ है और आशा यही करती हूँ कि तेरे माता-पिता भी तेरा ही साथ देंगेI
*गोपनीयता बनाये रखने के लिए नाम बदल दिए गए हैं और तस्वीर के लिए मॉडल का इस्तेमाल हुआ हैI
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