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'मुझे लगा मेरी योनि है ही नहीं'
जैस्मीन (22) दिल्ली में रहने वाली आर्किटेक्चर कि स्टूडंट हैं।
जब भी मेरे दोस्त सेक्स के बारे में चर्चा करते थे तो मुझे लगता था कि शायद मेरे साथ कोई गड़बड़ है। मेरी आँखों के सामने सिर्फ खून और तकलीफ आती थी। योनि मैथून कि कल्पना करना भी मुश्किल था। मुझे विश्वास था कि सेक्स करने से बहुत सारा खून बहेगा और शायद लकवा भी हो सकता है। और सेक्स करने का प्रयास करते हुए हस्पताल पहुंचना बेहद शर्मिंदगी कि बात होगी!
सेक्स विरक्तता
जब भी मेरा पार्टनर सेक्स के प्रयास में लिंग को प्रविष्ट करने कि कोशिश करता, मेरा पूरा शरीर मानो अकड़ सा जाता। चाहे सेक्स से पहले का फोरेप्ले कितना भी अच्छा क्यूँ न हो,
योनि के भीतर लिंग डालने के प्रयास मात्र से ही मैं घबरा जाती थी। मुझे मन ही न लगने लगा कि मुझे ये मान लेना चाहिए कि मेरा शरीर योनि रहित है। और अपने इस बेवकूफी भरे ख्याल को अपने बॉयफ्रेंड से बांटनें में मुझे शर्म महसूस हो रही थी।
ये ख्याल मेरा पीछा बेडरूम के बाहर भी करता ही रहता था। मैं इंटरनेट पर इस बारे जानकारी में ढूंढ़ने लगी और कोई भी जानकारी मुझे इस डर से आज़ाद नहीं करा पायी। मैंने एक करीबी दोस्त से इस बारे में बात करने का निर्णय किया। लेकिन अपने इस मूर्खतापूर्ण डर को ईमानदारी से कह पाना ज़रा मुश्किल था।
अपराध बोध का भाव
मेरा बॉयफ्रेंड इस समस्या के बारे में मेरी मानसिक अवस्था को समझ कर मेरा पूरा सहयोग करने कि कोशिश कर रहा था, लेकिन अगर उसका धैर्य ख़तम हो गया तो? सेक्स के लिए पूरी तरह उत्तेजित हो जाना और फिर सेक्स न करना हर बार आसान नहीं था। मुझे ये अपराध बोध सताने लगा- मैं उससे प्यार तो कटी थी लेकिन उसे अपनी इस मानसिक स्थिति के चलते सेक्स से वंचित रख रही थी। शायद मैं उसके लिए 'अच्छी' नहीं थी।
शरीर पर बनने वाले टैटू कि तरह मेरा ये डर गहरा होता जा रहा था। जब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो मैंने अपने पार्टनर से इस बारे में बात कि। हम डिनर करने गए और उसके बाद फ़िल्म देखने। मुझे बहुत तसल्ली हुई जब मैंने सब कुछ कह दिया, जैसे कोई बोझ उतर गया हो।
महत्वपूर्ण पड़ाव
एक रात मैं जब अकेली थी तो मैंने एक प्रयोग किया, मैंने एक इयर बड को अपनी योनि में डालने कि कोशिश कि ये जानने के लिए कि वो अंदर जायेगा या नहीं। मुझे कोई दर्द महसूस नहीं हुआ। मैंने थोडा और सहस अर्जित किया और फिर एक ऊँगली प्रविष्ट कि, वो भी आसानी से अंदर प्रवेश कर गयी। धीरे धीरे मैंने तीन ऊँगली अंदर डाल कर देखि और मैंने पाया कि मुझे दर्द नहीं हुआ।
तो आखिर मेरे पास भी एक योनि थी जिसके अंदर कोई चीज़ प्रवेश कर सकती थी। अगली सुबह मुझे एक अजीब सी ख़ुशी थी। अगली शाम थोड़ी वाइन पीने के बाद आत्मविश्वास से भरी सेक्स के लिए तैयार मैं अकेली नहीं थी, मेरे बॉयफ्रेंड को भी अपना रास्ता ढूंढ़ने और प्रवेश करने में कोई तकलीफ नहीं हुई!
इस तस्वीर में जैस्मीन नहीं है।
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