दिल्ली की निशा पेशे से क्रिएटिव डिजाइनर हैं। उनकी परवरिश खुले विचारों वाले एक ऐसे परिवार में हुई जहां लड़कियों को लड़कों से कम नहीं समझा जाता था। लेकिन शादी होने के बाद निशा का पति, गौरांग*, उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करता था जिसने निशा के आत्मविश्वास को झकझोर कर रख दियाI
मेरा पति सेक्स का आदि हो चुका हैI उसे हर समय सेक्स चाहिएI वो सेक्स के लिए ऐसे तरीकों का इस्तेमाल करता है जो मुझे शारीरिक रूप से चोट पहुँचाते हैंI मैं इसके बारे में किसी से बात करने में असमर्थ हूं। मुझे क्या करना चाहिए? (इस पाठक ने अपना नाम और पता गोपनीय रखा है)
आरिफा*, एक बहुत ही सुन्दर लड़की थी जो मुंबई की झुग्गियों में रहा करती थीI उसकी शादी 20 साल में ही हो गयी थी लेकिन उसके पति ने कभी उसे छुआ तक नहींI दूसरी ओर उसका ससुर और परिवार के अन्य पुरुषों ने उसका बलात्कार करने के कई प्रयास किए। सामाजिक कार्यकर्ता चिन्मय सुभाष, ने आरिफ़ा को इन्साफ दिलाने के लिए आठ साल की कानूनी लड़ाई लड़ी हैI वही चिन्मय आज आरिफ़ा की कहानी हमारे पाठकों के लिए लेकर आयी हैंI
अपनी लैंगिकता को लोगों के सामने लाना विभिन्न कारणों से तनावपूर्ण हो सकता हैI इस चरण में मित्र बहुत मददगार हो सकते हैं। फिर भी, अनजाने में, कभी-कभी, वे उन चीजों को कह सकते हैं जिनसे दिल को ठेस लग सकती हैI आज हम आपके लिए एक मार्गदर्शिका लेकर आये हैं जिसकी मदद से ऐसी नाज़ुक घड़ी में आपकी और आपके मित्र के बीच सहजता बनी रहेI
अगर आप अपने बच्चों को यौन शोषण और शारीरिक सुरक्षा के बारे में कुछ बताना चाहते हैं तो आपको उनसे उन्हीं की भाषा में बात करनी पड़ेगी। फ़िर भी, इस विषय की जटिलता को ध्यान में रखते हुए यह कहना ठीक होगा कि यह इतना आसान नहीं होगाI लेकिन समस्या यह है कि अगर आपने यह बात कहने का कोई आसान तरीका नहीं ढूँढा तो आप अपने बच्चे के मन में डर पैदा कर देंगेI सोच में पड़ गए? घबराएं नहीं, हम आपके लिए लाये हैं कुछ आसान सुझाव जिनसे आप यह बात अपने बच्चों से पूरे आत्मविश्वास के साथ कर सकेंगे:
शायद निजी साथी द्वारा हिंसा का सबसे उत्कृष्ट उदाहरण है एक व्यक्ति का अपने साथी के व्यवहार पर नज़र रखना और उसको नियंत्रित करने की कोशिश करनाI अपने साथी के जीवन में ज़रुरत से ज़्यादा दिलचस्पी दिखाना भी दुर्व्यवहार हो सकता हैI प्रस्तुत है निजी साथी द्वारा हिंसा से सम्बंधित शीर्ष पांच मिथकI
वैवाहिक बलात्कार भी सेक्स हिंसा का ही छुपा हुआ रूप है। चूंकि यह शादी के बाद एक सुरक्षित समझे जाने वाले माहौल में होता है, इसलिए पीड़ितों को मदद जुटाने में बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैI नीना माथुर इस संदर्भ में अपने अनुभव साझा करते हुए बताती हैं कि कैसे ये 'निजी रिश्ते में हिंसा' का एक रूप है।
दिल्ली में रहने वाली महिलाओं के लिए कुछ अनकहे, अनलिखे 'नियम कानून' बने हुए हैं - जैसे देर रात बाहर रहना सख्त मना हैI लेकिन तब क्या करें जब दिल कहे कि आज थोड़ी मस्ती हो जाए? चलिए जानें कि श्रेया शर्मा ने उस रात दिल की सुनी या दिमाग की...