Relationship problems causes
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रिश्तों की समस्याएं: पांच मुख्य तथ्य

द्वारा Stephanie Haase अप्रैल 23, 12:13 बजे
हर रिश्ते को कभी न कभी मुश्किल वक़्त से गुज़ारना पड़ता है। ज़रूरी ये है की आप इन् समस्याओं का सामना कैसे करें ताकि आपके इस रिश्ते पर ग्रहण न लग जाये। इसी सम्बन्ध में प्रस्तुत है 'पांच मुख्या तथ्य' श्रृंखला में हमारी ख़ास पेशकश:
  1. संवाद
    संवादहीनता रिश्तों की सबसे बड़ी दुश्मन है। बातचीत का अर्थ सिर्फ बहस या सही तरीके से लड़ाई नहीं है, आप दोनों जो भी कहते है, करते हैं, जैसे बात करते हैं और आपके शारीरक संकेत भी संवाद का अंश हैं। स्थिति हाथ से निकलने तक इंतज़ार न करें, बात करें।
    जब आप अपने साथी से ज़रूरी बात कर रहे हों तो मोबाइल और टीवी ऑफ कर देने से बेहतर है। आप टीवी या मोबाइल देखते हुए गम्भीर बात नहीं कर सकते। यदि आप दोनों की बातचीत अक्सर बहस और लड़ाई में बदल जाती है तो किसी सार्वजानिक स्थान पर जाकर बात करें ताकि आप आसपास के लोगों को ध्यान में रख कर अपनी आवाज़ धीमी और गुस्सा नियंत्रण में रख पाएं। बात को बीच में न काटें और अपनी प्रतिक्रिया देने से पहले अपने साथी का पक्ष ध्यानपूर्वक सुने। शायद आराम से बात सुनने पर आपको समझ आ जाये की आपका साथी असल में गलत नहीं कह रहा है। और सबसे ज़रूरी बात, यदि आपको लगता है की आप गलत हैं तो 'सॉरी' कहने में बिलकुल न हिचकिचाएं, ये छोटा सा शब्द बहुत सी समस्याओं का समाधान है।
  2. विश्वास
    जब आप गम्भीर रिश्ते में हैं तो आपके और आपके साथी के बीच एक दूसरे पर भरोसा होना ज़रूरी है।
    विश्वास अचानक पैदा नहीं होता। विश्वास बन्ने में समय लगता है और मेहनत भी। इसका पहली कुंजी है की आप अपने शब्दों पर अडिग रहे। यदि अपने किसी समय पर आने का वायदा किया है तो उस वायदे और अपने शब्दों का सम्मान रखें।
    झूठ न बोलें। छोटी मोटी बातों पर भी नहीं। ईमानदारी से ही विश्वास जीता जा सकता है। और सम्मान से भी...अपने साथी के विचारों का सम्मान करिये और बहस के दौरान कभी अपमानजनक बात न करें।
    ये और कुछ और बातें किसी का भरोसा जीतने के लिए महत्वपूर्ण हैं। एक बात हमेशा याद रखें की भरोसा बनाने में बहुत समय लगता है लेकिन भरोसा टूटने में बस एक पल।
  3. सेक्स
    एक दूसरे से प्यार करने भर से ज़रूरी नहीं की आपकी सेक्स लाइफ भी बेहतरीन हो पाये। हो सकता है की आप दोनों में से कोई एक शादी से पहले सेक्स करने का इच्छुक नहीं हो। या गर्भनिरोधन के तरीकों पर आप एक दुसरे से सहमत ना हो। या शायद आप दोनों में से एक दूसरे की तुलना में सेक्स में ज़यादा रूचि रखता हो। हो सकता है की आपका साथी पोर्न देखना पसंद करता हो जोकि आपके अनुसार सही नहीं हो। वजह जो भी हो, रिश्तों में सेक्स की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रहती है।
    अपने साथी से इस बारे में बात करें। दोनों परस्पर बातचीत से एक सामान्य राय बनाने की कोशिश करें। अक्सर सेक्स के बारे में खुल कर बात कर पाना आसान नहीं होता, और किसी व्यक्ति को सेक्स से जुडी आलोचना दुःख पहुंचा सकती है। तो इस बारे में बात करते हुए शब्दों का सही चुनाव करना ज़रूरी है ताकि आप अनजाने में आपसे साथी का दिल न दुखा दें।
  4. ईर्ष्या
    लगभग हर किसी में ईर्ष्या के थोड़े बहुत लक्षण होते हैं, और ये सामान्य है। इसका कारण आपके साथी का दूसरे लोगों के प्रति नजरिया और उसकी वजह से असुरक्षा का भाव हो सकता है। मुश्किल तब होती है जब आपकी असुरक्षा आपके भरोसे को नुक्सान पहुँचाने लगती है।
    आपके साथी का पूर्व प्रेमी या प्रेमिका अक्सर ईर्ष्या का आम कारण बनता है। दूसरी कुछ वजह होती है आपके साथी के आपको छोड़ देने का डर या पहले की कोई ऐसी घटना जिसमे आपके साथी ने शायद आपको धोखा दिया हो। और विश्वास भी एक बड़ा मुद्दा होता है।
    यदि आपको लगता है की आप ईर्ष्या के शिकार हैं तो अपने साथी से खुलकर कह दे। अपनी मानसिक स्थिति उन्हें विस्तार से समझा दें, और इस ईर्ष्या का कोई हल निकालें।
    कई बार ईर्ष्या का सामना आपको करना ही पड़ता है और इसका संधान केवल आपके पार्टनर की मदद से ही सम्भव हो सकता है, खासकर जब आपका इस तरह का पूर्व अनुभव रहा हो। आपको नकारत्मक भावों से दूर रहते हुए अपने साथी पर विश्वास करने का प्रयास करना चाहिए।
  5. पैसा
    और आखिर में एक बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा- पैसा! हो सकता है सुनने में अजीब लगे लेकिन पैसों की खिटपिट सामन्य ही है। जब आप गम्भीर रिश्ते में हों तो आपको अपने साथी के साथ बैठ कर इत्मीनान से पैसों और खर्च के बारे में प्लानिंग करनी चाहिए। यदि एक बचत करता हो और दूसरा खर्चीला हो तो कभी न कभी मतभेद तो हो ही जायेगा। शायद आप दोनों की योजना अलग-अलग हो। बेहतर है इसके बारे में बात कर एक आम राय बना लेना।
    स्वस्थ संवाद हर रिश्ते की बुनियाद है। अपने साथी से खुलकर और ईमानदारी से बात करने से ज़्यादातर समस्याओं का हल ढूंढा जा सकता है।

क्या रिश्तों की ये समस्याएं आपको भी जानी पहचानी लगती हैं? क्या आपके दिमाग में कोई और मुद्दा भी आता है? यहाँ अपने विचार लिखें या फेसबुक पर इस चर्चा में हिस्सा लें।

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